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जैनसम्प्रदायशिक्षा ।। समझते हैं इस लिये छों प्रतों के माहार विहार पावि का संक्षेप से यहां वर्णन करते हैं, इस के अनुसार वर्षाव करने से शरीर की रक्षा तथा नीरोगता भवश्य रह सकेगी
हेमन्त तथा वितिर परत में (शीत फार में ) साये हुए पदार्यो से शरीर में रस धर्मात् कफ का सहह होता है, वसन्त मत के लगने पर गर्मी पड़ने का प्रारम्भ होता है इस लिये उस गर्मी से घरीर के भीतर का कफ पिषस्ने मगता है, यदि उस का शमन (शान्ति का उपाय पा इसान) न किया नावे तो खांसी फफम्बर भौर मरोग मादि रोग उत्पन्न होनाते हैं, पसन्त में फफकी शान्ति के होने के पीछे ग्रीष्म के सस्त ताप से शरीर के भीवर न मावश्यकरूप में सित कफ बल्ने अर्थात् क्षीण होने बगता है, उस समय में शरीर में वायु मप्रकटरूप से इकठा होने लगता है, इसलिये वर्मा पातु की हमा के पम्ते ही वस्त, पमनबुखार, वायुन समिपासादि कोप, अमिमान्य भोर रकविकारादि वायुमन्य रोग उत्पन्न होते हैं उस वायु को मिटाने के लिये गर्म इलाज अममा मानता से गर्म खान पान पादि के करने से पित्त का समय होता है, उस के बाद शरद् ऋतु के लगवे ही सूर्य की किरणें तुग सान्ति में सोबह सौ (पक हमार छ सौ) होने से सख्स ताप पड़ता है, उस खाप के योग से पिच का कोप होकर पित्त का मुसार, मोसी मरा, पानीमरा, पैधिक सनिपास मौर नमन मावि अनेक उपद्रव होते हैं, इसके बाद इगयों से भषया हेमन्त ऋतु की ठरी हवा से मरवा शिशिर ऋतु की वेन ठंड से पिप शांत होता है परन्त उस हेमन्त की मसे सान पान में मामे हुए पौष्टिक तत्व के द्वारा कफ का समह होता है वह वसन्त पातु में कोप करता है, तात्पर्म यह है कि-हेमन्त में कफ का समय मौर बसन्त में फोप होता है, भीष्म में वायु का सपय मोर प्राश्ट्र में कोप होता है, पर्पा में पिट का समय मौर शरद् में कोप होता है, यही कारण है कि बसन्त, वर्षा भोर सरद, इन तीनों ही पानुमों में रोग की मभिक उत्पचि होती है, यपपि विपरीत भाहार विहार से पाय पित्त और कफ बिगड़ कर सब ही मातुओं में रोगों को उत्पन करते हैं परन्त तो भी अपनी २ पातु में इन का अधिक कोप होता है भौर इस में मी उस २ प्रकार की प्रसिपाली पर उस २ दोप प्रमषिक कोप होता है, मेसे वसन्स भाव में कफ समों के लिये उपदय करता है परन्तु फफ की प्रहसिना के सिमे अधिक उपद्रव करता है, इसी प्रकार से क्षेप दोनों दोपोच भी उपदम समझ सेना पारिये ॥
नस प्रशासनम मरेपो में देना पीये। १-पसी रिने और किसी संपत्ति में नहीं होती. या पात सम्मासमोरमभी प्र में मपीमा मियाप मचि भीरभानोगौर में मोदी से पवे टममा पसे मेगा मन भार'