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चतुर्थ अध्याय ॥
३७५ पर ध्यान देने के बदले केवल खाद ही पर चलनेवाले और मात्रा के अनुसार खाने के बदले खूब डाट कर ठूसनेवाले मनुष्य यदि रात्रि में जागने से अजीर्ण रोग में फंस जाय तो इस में आश्चर्य ही क्या है ?
जो लोग दिन में सोकर रात्रि को बारह बजेतक जागते रहते है तथा जो दिन में तो इधर उधर फिरते रहते हैं और रात्रि में काम करके बारह बजेतक जागते है, वे जानबूझ कर अपने पैरों में कुल्हाडी मारते है और अपनी आयु को घटाते है, किन्तु जो रात्रि में सुख से सोने वाले हैं वे ही दीर्घजीवी गिने जा सकते है, देखो ! पहिले यहां के लोगों में ऐसी अच्छी प्रथा प्रचलित थी कि प्रातःकाल उठकर अपने सेहियों से कुशल प्रश्न पूछते समय यही प्रश्न किया जाता था कि रात्रि सुखनिद्रा में व्यतीत हुई ? इस शिष्टाचार से क्या सिद्ध होता है यही कि लोग रात्रि में सुख से निद्रा लेते है वे ही दीर्घजीवी होते है।
निद्रा को रोकने से शिर में दर्द हो जाता है, जमुहाइया आने लगती हैं, शरीर टूटने लगता है, काम में अरुचि होती है और आखें भारी हो जाती है।
देखो । निद्रा का योग्य समय रात्रि है, इसलिये जो पुरुष रात्रि में निद्रा नहीं लेता है वह मानो अपने जीवन के एक मुख्य पाये को निर्बल करता है, इस में कुछ भी सन्देह नहीं है ॥
६-वस्त्र-देश और काल के अनुसार वस्त्रों का पहनना उचित होता है, क्योंकि वह भी शरीररक्षा का एक उत्तम साधन है, परन्तु बडे ही शोक का विषय है कि-वर्तमान समय में बहुत ही कम लोग इन बातों पर ध्यान देते है अर्थात् सर्वसाधारण लोग इन बातों पर जरा भी ध्यान नहीं देते है और न वस्त्रों के पहरने के हानिलाभों को सोचते हैं किन्तु जो जिस के मन में आता है वह उसी को पहनता है। ___ वस्त्र पहरने में यह भी देखा जाता है कि लोग देश काल और प्रकृति आदि का कुछ भी विचार न करके एक दूसरे की देखा देखी वस्त्र पहरने लगते हैं, जैसे देखो । आज कल इस देश में काला कपड़ा बहुत पहिना जाता है परन्तु इस का पहनना देश और काल दोनों के विपरीत है, देखिये | यह देश उष्ण है और काली वस्तु में गर्मी अधिक घुस जाती है तथा वह बहुत देरतक बनी रहती है, इस पर भी यह खूबी कि ग्रीष्म ऋतु में भी काले वस्त्र को पहनते हैं, उन का ऐसा करना मानो दुःखों को आप ही बुलाना है, क्योंकि सर्वदा काले वस्त्र का पहरना इस उष्णता प्रधान देश के वासियों को अयोग्य और हानिकारक है, इस के पहरने से उन के रस रक्त और वीर्य में गर्मी अधिक पहुँचती है, जिस से स्वच्छ और अनुकूल भोजन के खाने पर भी धातु की क्षीणता और
१-नाटक के देखने के शौकीन लोगों को भी आयु को ही घटानेवाले जानो ॥