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मैनसम्प्रदायशिक्षा मादि गरिष्ठ पदार्थ खाने हो तब उन के साथ भी गर्म मसारे भौर पटनी भावि साने पाहिये, किन्तु साधारण खुराक में गर्म मसालों का विशेप उपयोग करना भावश्यक नहीं है, यह मी मरण रखना चाहिये कि-गरिष्ठ पदार्थों के पचाने के सिमे भो गर्म मसारे मिर्म मौर चटनी मावि खासे बायें वे भी परिमित ही लाये जानें, किन्तु उपित तो यह है कि यभाशक्य गरिष्ठ पदाभों का सेवन ही न किया जाने भौर मवि फिमा भी जाने तो
नुराफ की मात्रा से कम किया जाये। __वर्षमान समय में इस देश में शाक और दाल मादि में बहुत मिर्च, इमली, अचार, चटनी भोर गर्म मसागे के साने का रिवान बहुत ही परवा आता है, मह परी हानि कारक वास है, इस लिये इस को सीन ही रोकना चाहिये, देसो | इस हानिकारक व्यय हार का उपयोग करने से शरीर का रस विगरता है, खून गर्म हो पाता है मौर पित सिंगर पर भपना मार्ग छोड़ देता है, इसी से तरा २२ रोगों का भन्म होता है जिन का वर्मन पहां तक किया नावे।। ___ गर्म प्रकृतिवाले पुरुष को गर्म मसा का सेवन कमी नहीं करना चाहिये क्योंकि ऐसा करने से उस को बहुत हानि पहुँचेगी, यदि गम मसालों की मोर पिच पगरमान भी हो सो पनियां मीरा और समानमक, इस मसाले का उपभोग करके क्योकि यह साधारण मसाला है समा सब के लिये अनुसून आ सकता है, मवि घरपरी परत के खाने की इच्छा हो तो काली मिर्च का सेवन कर सेना पाहिये किन्तु लाल मिर्च को कमी नहीं साना चाहिये ।
वर्तमान समय में लोगों में गळ मिर्च के खाने का भी प्रभार बहुत बढ़ गया है, यह १-पात से भुक्षित मामो भार पय मिद्यात पाने को मिस्वारे भोपगे माति पर में सबा राममपेक्षा दुगुमा तथा सिगुमा माछा पाते और मर से बमबमाइट करते हुए पार पाड भचार भौर परनी भारि पापोप्रेमी उपर री में पसरावेगा बड़ा भूसी बात, मो-ससे गत हानि होतीमात् ऐसा करने से पाचनधिसयान पना मविपटिम पर ई पेमी ऐसा रिसाव गाये कि मैं भाव सेर मह भपया तर मागबानेशाम मैं एक रुपये भर गर्म माम सार र मर मात्र बनम र एप तमा रो रपे मर गर्म मसाम पाकर दो छेर मामाजम पर एगा इसी प्रकार पचिसये भर पमै मसा से पाल सेर महतोवीम पर दो अपार
स्म पर गा वो उस पार पधिक (निराशि दिय) परा विपर में प्रम में मी मारेगा भौर बरिमा सपरिमाप सम्परा रैमा तो भणी होकर उसे ममम मरमा पड़ेगा।
१-बीभनेर के मोसपास और तेग देशमा मेप मिनी मा मिर्ष सातमी मिपावर ही भीगे पता गा गपी इमपत्र भोसपा यहाँ मिर्ष पव (पी) भी पिक समर पाते । रिस से मिर्षमा कम हो जाती है परन्तु पत्तमान में इस बीचमेर) नमर में भोसपाल में सामानमा सिकरी (प)ीका तल गुत सी प्रकार वैश्य मेम बारम भौर मम पिर्ष की पत्नी स्त्री (पिमा पत)ी पाव, ममारमारेगको मारियम भार पेशी सीमा
सीबमा पर मात साप प्प पीमिपमा साम्त करने वाग।परम्पर्तमान में परपस में तो यह पाव पार्न होने समीर पीप्रमौर रारतिय ने मेवा।