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मरणकण्डिका - १३२
प्रश्न - यहाँ कौन-कौन से अपवाद स्थान छोड़ने का निर्देश दिया जा रहा है?
उत्तर - आर्यिकाओं का संसर्ग, अन्य महिला वर्ग का संसर्ग, गृहस्थों से अति स्नेह एवं संसर्ग, चारित्रभ्रष्ट साधुओं का संसर्ग और भी ऐसे चारित्रघातक संसर्गों का तथा ऐसी वस्तुएँ अपने पास रखना जो चारित्रपालन में अनावश्यक हैं, असंयमीजन द्वारा वांछनीय हों, पापास्रव का कारण हो, जिनेन्द्र आज्ञा से बहिर्भूत हो तथा लोक में अपकीर्ति का कारण हो। ये सब अपवाद के स्थान हैं अत: इनका त्याग कर देना चाहिए।
दुर्जनेन कृते दोषे, दोषमाप्नोति सज्जनः ।
कादम्ब: कौशिकेनेव, दोषिकेणापदूषणः ।।३५६ ।। अर्थ - दुर्जन द्वारा दोष किये जाने पर वह सज्जन को प्राप्त हो जाता है। जैसे दुष्ट स्वभावी उल्लू के द्वारा किया हुआ दोष निर्दोष हंसपक्षी पर आ पड़ा। अर्थात् महान तपस्वी भी दुर्जन के दोषों से अनर्थ में पड़ जाते हैं।।३५६॥
उल्लू और हंसपक्षी की कथा पाटलीपुत्र नगर के गोपुग्द्वार उपरिम भाग में एक साल रहता था किमी एक दिन वह उल्लू किसी एक हंस के पास पहुंच गया और दोनों में गाढ़ मित्रता हो गई। हंसपक्षी उस उल्लू को अतिश्रेष्ठ पक्षी मानता था अत: उसकी बातों में आकर किसी एक दिन वह उस गोपुर द्वार पर उल्लू के साथ आकर बैठ गया। उसी समय उस नगर का राजा प्रजापाल, चतुरंग सेना को लेकर दिग्विजय हेतु उस गोपुरद्वार से बाहर निकल रहा था। उल्लू ने राजा के दक्षिणभाग में जाकर विरस शब्द किया। उस दुष्ट पक्षी का बह अपशकुन सूचक शब्द सुनकर राजा को क्रोध आ गया। उसने धनुष पर बाण चढ़ाकर निशाना बाँधा। उल्लू चालाक था, वह वहाँ से शीघ्र ही उड़ गया और वह बाण वहाँ बैठे निर्दोष हंस को लगा तथा वह उसी क्षण मर गया।
इस प्रकार नीच की संगति से निर्दोष हंसपक्षी का प्राणनाश हुआ, अत: दुष्टों की संगति कभी नहीं करनी चाहिए।
दुर्जनस्यापराधेन, पीड्यन्ते सज्जना जने ।
अपराध-पराचीनाः, पृदाकोरिव डुण्डुभाः॥३५७ ॥ अर्थ - लोक में दुर्जन के अपराध से सज्जन पुरुष पीड़ा को प्राप्त होते हैं। जैसे पृदाको के अपराध से निर्दोष डुडुभ पीड़ा को प्राप्त हुआ था ||३५७ ।।
प्रश्न - पृदाको और डुड्भ कौन थे ? तथा पृदाको ने क्या अपराध किया था, जिसके फलस्वरूप डुडुभ को पीड़ा हुई ?
उत्तर - जो सर्प अवगाहना में बहुत छोटा, चंचल और महाविषैला होता है उसे पृदाको सर्प कहते हैं। इसके विपरीत जो अवगाहना में बहुत बड़ा एवं निर्विष होता है उसे डुडुभ सर्प कहते हैं। विषैला सर्प किसी को