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मरणकण्डिका - ३६५
प्रश्न - भावनाओं का कथन कौन-कौन से ग्रन्थों में है और उनमें क्या अन्तर है ?
उत्तर
महाव्रत
पाँच महाव्रतों की पच्चीस भावनाएँ
मूलाचार (वट्टकेर) | तत्त्वार्थ सूत्र पृ. २७७ से
मरणकण्डिका पृ. ३६४ से
पाक्षिक प्रतिक्रमण
मनोगुप्ति
अहिंसा महाव्रत की पाँच भावनाएं
एषणा समिति ईया समिति आ. निक्षेपण स. आलोकित आहार
मनोगुप्ति एषणा समिति ईर्या समिति आ. निक्षेपण स. आलोकित भोजन
मनोगुप्ति बचन गुप्ति ईया समिति आ. निक्षेषण स. आलोकित भोजन
मन से गुप्त वचन से गुप्त ईर्या समिति शरीर संयमित एषणा समिति
हास्य त्याग लोभ त्याग भय त्याग क्रोध त्याग सूत्रानुसार भाषण
क्रोध त्याग भय त्याग लोभ त्याग हास्य त्याग अनुवीचि भाषण
क्रोध त्याग लोभ त्याग भय त्याग हास्य त्याग अनुवीचि भाषण
क्रोध त्याग लोभ त्याग भय त्याग हास्य त्याग अनुवीचि भाषण
सत्य महाव्रत
। की पांच भावनाएँ अचीर्य महाव्रत की पाँच भावनाएं
असंमत का अग्रहण संमत में अनासक्ति प्रयोजनभूत का ग्रहण अननुज्ञात में अप्रवेश योग्य वस्तु की याचना
वाचना समनुज्ञापना अपनत्व का अभाव व्यक्त प्रतिसेवना उप.का अनु. सेवन
शून्यागार वास विमोचिता बास परोपरोधाकरण भिक्षा शुद्धि सधांविसंवाद
शरीरमात्र धन है शरीर की अशुचिता शरीर में अनित्यत्व परिग्रह में निर्वृत्ति भोजन संतुष्टि
ब्रह्मचर्य महाव्रत की पाँच भावनाएँ
स्त्री अवलोकन त्याग स्त्री संभाषण त्याग पूर्वभुक्त चिंतन त्याग स्त्रीसंसर्गित निवासत्याग बलिष्ठाहार त्याग
स्त्री अवलोकन त्याग । स्त्रीरागकथा श्र, त्याग | स्त्री कथा त्याग पूर्वभुक्त अस्परण स्त्री अंगावलोकन त्याग स्त्री संसर्ग त्याग
| स्त्री से हास्य त्याग विकथा त्याग वृष्येष्ट रस त्याग | स्त्री से क्रीड़ा त्याग प्रणीत रस विरति स्वशरीर संस्कार त्याग | स्त्री अवलोकन त्याग
मनोज्ञामनोज्ञ
अपरिग्रह महाव्रत की पाँच भावनाएँ
शुभाशुभ स्पर्श में रागद्वेष त्याग रस में रागद्वेष त्याग गंध में रागद्वेष त्याग वर्ण में रागद्वेष त्याग शब्द में रागद्वेष त्याग
स्पर्श में रागद्वेषाभाव रस में रागद्वेषाभाव गंध में रागद्वेषाभाव वर्ण में रागद्वेषाभाब शब्द में रागद्वेषाभाव
स्पर्श में रागद्वेष त्याग | सचित्त द्रव्य विरति रस में रागद्वेष त्याग | अचित्त द्रव्य विरति गन्ध में रागद्वेष त्याग बाह्य द्रव्य विरति वर्ण में रागद्वेष त्याग अभ्यन्तर द्रव्य वि. शब्द में रागद्वेष त्याग | २४ परिग्रह विरति