________________
व्याख्यान १:
श्रेष्ठ तरु बनाया और यहां पर जो बत्तीस धनुष ऊँचा होना कहा सो ऐसा कैसे संभव हो सकता है ?" इस प्रश्न के उत्तर में कहा गया है कि-" आवश्यकचूर्णि में जो बारह. गुना ऊँचाई का प्रमाण कहा गया है वह केवल अशोक वृक्ष का ही कहा गया है और यहां पर जो बत्तीस धनुष का मान कहा गया है वह साल वृक्ष सहित अशोक वृक्ष का प्रमाण बतलाया गया है। यहां पर भी अशोक वृक्ष तो बारहगुना ही समझना चाहिये अर्थात् महावीरस्वामी के शरीर की ऊंचाई सात हाथ की है जिसको बारहगुना करने से चोरासी हाथ अर्थात् इकवीश धनुष ऊँचा अशोक वृक्ष
और उस पर ग्यारह धनुष ऊंचा साल वृक्ष होने से दोनो मिल कर बत्तीस धनुष के मान के हुए ऐसा प्रवचनसारो. द्धार की वृत्ति में कहा गया है।"
(१०) जहां जहां तीर्थकर विचरते हैं वहां वहां कांटे अधोमुख हो जाते हैं अर्थात् मार्गस्थित कंटकों की नोके नीचे की ओर झुक जाती है।
(११) जहां जहां भगवान चलते हैं वहां वहां वृक्ष नीचे झुकते जाते हैं, मानो वे भगवान को प्रणाम करते हों।
(१२) भगवान लीला सहित जिस स्थल में विचरते हैं वहां आकाश में देवदुन्दुभि बजती रहती है।