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चौबीस स्थान दर्शन
६योग
१० वेद
को नं० १
११ व
मनोयोग वचन योग ग याच ९, मे जानना
३
अनमानुबंधी कषाय ८, प्रत्याख्यान कषाय 5. घटाकर (१७)
ये
१२ जान
३
को नं० ४ देखो
१३ संयम
१४ वर्षान
को नं०४ देखा
१५. लेण्या तीन
देव संयम
१६ भव्यत्व
मध्य त्व
१७ सम्यक्व
३ या जाना
की नं० ४ देखी
?
( ५२ ) कोष्टक नं ० ५
| नियंत्र और मनुष्य गतियों में हरेक में का भंग मुजिन
१ भंग
६ के मंग में से कोई १ योग जानना
को नं० १६ से १६ देलो
१ मंग नियंच औौर मनुष्य गतियों में हुरेक में ३ का भंग | ३ का भंग को मं० १७ - ३ के मंग में से कोई को नं० १७ से १८ के मुजिब १ वेद जानना
१ बंद
१८ देखो
को नं १७ मे १८. देखो १ मंग
و ؟
(१)१७ का मंग की नं० १७ के मुजिब
(२) मनुष्य गति में १७ का मंग
३
तिर्वच और मनुष्य गतियों में हरेक में ३ का भंग को नं० १७ १८ के मुजिब
१ देशसंयम (संयमनयम)
१ मंग का भंग को नं० १७ से १८ देखी
६
सारे भंग को नं० १७ देवो सार मंग की नं० १८ देखो १ मंग को नं० १७–१८ देखो
३
१ मंग
नीयंत्र और मनुष्य गतियों में हरेक में ३ का मंग को नं० १३-१८ को नं० १०-१० के मुजिव
3
नियंत्र और मनुष्य गतियों में जानना
बजे नं० १३०१ दे
1 निउँच और मनुष्य गति में हरेक में ३ का अंग | नं० १७-१०. को नं १०-१० के मुजिब
१ भंग
१ भव्यत्व
च
(१) तिच नति में २ का भंग को नं०१७ के मुजिब
नीच और मनुष्य गतियों में हरेक में ? देश संयम को नं० १३ १० देखो | को नं० १७ १८ देख जानना को नं० १७-१८ देव
को नं०
देशसंयत गुणस्थान
'
१ भंग
की नं० १७ देखी
| .
१ भंग को नं० १७-१८ देखो १ जान
|को नं० १७-१८ देखो
१
की नं० १७-१७ देखो
१
सीको २०१७-१८ देखो
१ नव्या व नं० १०-१- देखो
१ सम्यक्त्व
को नं० १७ दो
| ६-७-८