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अवतरना
१७०
अवधीत
आभास, वक्तव्य विषय की पूर्व सूचना, अवदशा-संज्ञा, स्त्री० (सं०) दुर्दशा, अनुवाद, भाषान्तर, प्राक्कथन ।
कुदशा, बुरी हालत, दुरावस्था। अवतरना-अ० क्रि० दे० (सं० अवतरण ) अवदात-वि. (सं० ) उज्वल, श्वेत, प्रगट होना, उत्पन्न होना, जन्म लेना, शुद्ध, स्वच्छ, निर्मल, गौर, शुक्ल वर्ण का, प्रकाशित होना, अवतार लेना।
पीत, पीला, शुभ्र । " धर्म-हेतु अवतरेउ गोसाई "--रामा० ।
अवदान--संज्ञा, पु. ( सं० ) शुद्धाअवतरित--वि० (सं० ) अवतार लेना,
चरण, अच्छा कार्य, खंडन, तोड़ना, त्याग, नीचे श्राया हुआ, उतरा हुआ, जन्म
उत्सर्ग, निवेदन, कुत्सित दान, वध, मार लिया हुआ।
डालना, पराक्रम, शक्ति, वल, अतिक्रम, अवतार-संज्ञा, पु० (सं० ) उतरना, नीचे
उल्लंघन, पवित्र करना, स्वच्छ या निर्मल
बनाना। आना, जन्म, शरीर ग्रहण, देवताओं का मनुष्यादि सांसारिक प्राणियों के शरीर को
अवदान्य--वि० (सं० ) पराक्रमी, बली, धारण कर के संसार में श्राना, देहान्तर
अतिक्रमणकारी, उल्लंघन करने वाला,
सीमा से बाहर जाने वाला, कंजूस, जो धारण, सृष्टि-करण, धर्म-स्थापनार्थ
वदान्य या दानी न हो, अनुदार। भगवान ने २४ बार भिन्न भिन्न रूप में अवतार ग्रहण करके पृथ्वी पर लीलायें
अवदारण--संज्ञा, पु० (सं.) विदीर्ण की हैं, इन २४ अवतारों में से दस अवतार
करना, तोड़ना, चूर करना, फोड़ना, मिट्टी
खोदने का रम्भा, खंता। प्रमुख माने जाते हैं, मत्स्य, कच्छप, बराह,
अवदारित-वि. पु. (सं०) विदीर्ण नृसिंह, वामन, परशुराम, रामचन्द्र, श्रीकृष्ण
किया हुआ, तोड़ा हुआ, चूर किया, फाड़ा बुद्ध और कल्की ।
हुधा। अवतारण--संज्ञा, पु. (सं०) उतारना,
अषदीच्य-वि० ( दे० ) गुजराती ब्राह्मणों नीचे लाना, नकल करना, उदाहृत करना।
की एक विशेष शाखा, उत्तर भारत में रहने स्त्री० प्रतारणा।
वाले ब्राह्मण जो गुजरात में रहने लगे वे अवतारना-स० कि० दे० (सं० अवतारण)
औदीच्य या अवदीच कहलाते हैंउत्पन्न करना, प्रगटाना, रचना, जन्म देना, औदीच (दे०)। प्रकाशित करना, उत्पादित करना। प्रवद्ध-वि० (सं० ) बन्धन-रहित, अनि" धन्य घरी जेहि तुम अवतारी"--सूबे०। यंत्रित, जो बद्ध या बँधा न हो, स्वच्छंद । अवतारित-वि० दे० (सं० ) प्रगटाया अवद्धमुख-वि० यौ० (सं०) अप्रियवादी, हुआ, उत्पन्न किया हुआ, जन्म दिया हुआ, | दुर्मुख, मुखर, बकवादी, कुत्सित भाषी। उत्पादित।
| अवद्धपरिकर-वि• यौ० (सं० ) कमर अवतारी-वि० दे० (सं० अवार) उतरने खोले हुए, जो तैयार न हो, असन्नद्ध, वाला, अवतार ग्रहण करने वाला, देवांश- अकटिबद्ध। धारी, अलौकिक, दिव्य शक्ति-सम्पन्न, अषद्य-वि० (सं० ) अधम, पापी, त्याज्य, ईश्वरीय गुणधारी।
कुत्सित, निकृष्ट, दोष-युक्त, अतथ्य, अनिष्ट, अवतीण-वि० (सं.) श्रावमूढ़, आविर्भूत, निंदित । उपस्थित, उत्तीर्ण, उत्पन्न, प्रगट, प्रादुर्भूत । अषधोत-वि० (सं० अव---द्युत--धज् ) "तुम हुए जहाँ अवतीर्ण देव !" ईषदुज्वल, किंचिद्दीप्त, अल्प प्रकाश ।
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