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भारत को दशा राजधानी "कंपिल्ल" ( कांपिल्य) और दक्षिणी पंचाल की राजधानी कन्नौज थी। प्राचीन कांपिल्य नगर कदाचित् गंगा के किनारे वर्तमान बदाऊँ और फर्रुखाबाद के बीच में था।
(११) मत्स्यों का राज्य-महाभारत के समय में मत्स्य राज्य राजा विराट के अधिकार में था । वर्तमान अलवर, जयपुर
और भरतपुर के कुछ हिस्से प्राचीन मत्स्य-राज्य में थे। राजा विराट की राजधानी जयपुर रियासत में कदाचित् बैराट नामक स्थान में थी।
(१२) शूरसेनों का राज्य-शूरसेन-राज्य की राजधानी यमुना नदी के किनारे पर प्राचीन "मधुरा" (मथुरा) नगरी थी। मनुस्मृति (अध्या० २, श्लो० १९) में लिखा है-"कुरुक्षेत्र और मत्स्य देश तथा पंचाल और शूरसेन सब मिलकर ब्रह्मर्षि देश कहलाते हैं।"
(१३) अश्मकों का राज्य-अश्मक-राज्य गोदावरी नदी के किनारे पर था और इसकी राजधानी पोतन या पोतली थी।
(१४) अवन्तियों का राज्य-अवन्ति राज्य के दो विभाग थे । इसका उत्तरी भाग केवल "अवन्ति" कहलाता था और उसकी राजधानी उज्जयिनी थी; और इसका दक्षिणी भाग अवंतिदक्षिणापथ कहलाता था और उसकी राजधानी माहिस्सती (माहिष्मती) थी।
(१५) गंधारों का राज्य-गंधार-राज्य में पश्चिमी पंजाब और पूर्वी अफगानिस्तान शामिल था। इसकी राजधानी तक सिला (तक्षशिला) थी। प्राचीन तक्षशिला नगरी आजकल के रावलपिंडी जिले के सराय काला नामक स्टेशन के पास थी।
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