________________
२२९
सांपतिक अवस्था
(१४) साली ( वैशाली)-यहाँ प्राचीन लिच्छवि राजवंश की राजधानी थी। बुद्ध के समय में यहाँ वृजी लोग रहते थ, जिनसे अजातशत्रु का युद्ध हुआ था। प्राचीन बौद्ध काल में इसका बहुत अधिक महत्व था। पुरातत्त्व विभाग की खोजों से निश्चित हुआ है कि वैशाली वर्तमान मुजफ्फरपुर जिले का वसाढ़ नामक गाँव है।
(१५) तक्षशिला-यह बहुत प्राचीन नगर बौद्ध काल में भी वर्तमान था। यहाँ एक बहुत बड़ा विश्वविद्यालय था । इस प्राचीन नगर के खंडहर अब तक मौजूद हैं। रावलपिंडी से बीस मील पर जो सरायकाला स्टेशन है, उससे थोड़ी ही दूर पर ३-४ मील के घेरे में वे सब फैले हुए हैं। प्राचीन काल में यह नगर धन और विद्या दोनों के लिये प्रसिद्ध था ।
(१६) पाटलिपुत्र (पटना)-बुद्ध के समय में इस नगर की नींव भी न पड़ी थी । इसकी नींव अजातशत्रु के पोते उदयन ने रखी थी। बढ़ते बढ़ते यह नगर केवल मगध की ही नहीं बल्कि समस्त भारत की राजधानी बन गया था। मौर्य साम्राज्य की राजधानी यहीं थी। यह सोन और गंगा नदियों के संगम पर बसा हुआ था। इसका दूसरा नाम कुसुमपुर या पुष्पपुर भी था ।
जातकों तथा कौटिलीय अर्थशास्त्र से पता लगता है कि प्राचीन बौद्ध काल के नगर चारो ओर चहारदीवारी से घिरे होते थे। नगर के चारों ओर चार फाटक रहते थे । उन फाटकों से चारो ओर को चार बड़े बड़े राजमार्ग जाते थे। नगर वीथियों (गलियों) और महल्लों में बँटा रहता था। एक एक महल्ले में एक एक पेशे के लोग रहते थे; और वहीं अपनी दूकान या कार
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com