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राजनीतिक इतिहास
कुषण राजवंश • कुपणों का पूर्व इतिहास-चीनी इतिहास-लेखकों के लेखों से पता लगता है कि यूची नाम की एक खाना-बदोश जाति शुरू शुरू में उत्तर-पश्चिमी चीन के आस पास रहती थी। ई० पू० १६५ के लगभग द्वेगनू नाम की एक दूसरी खाना-बदोश जाति से इस जाति का घोर युद्ध हुआ । इस युद्ध में यूची लोग परास्त हुए और पश्चिम की ओर नई भूमि की खोज में भागे । मार्ग में वूसूं नाम की दूसरी खाना-बदोश जाति से उनका मुकाबला हुआ। वूसूं लोग यूचियों से हार गये। इसके पश्चात् यूचियों ने और थोड़ा पश्चिम में बढ़कर शक लोगों पर आक्रमण किया और उन्हें दक्षिण की ओर भगा दिया । भागे हुए शक लोग अफगानिस्तान और पंजाब में घुसे । पर भगानेवाले यूची लोग भी अपनी जीती हुई भूमि पर जमने न पाये । वूसूं लोगों ने अपनी पहली हार का बदला लेने के लिये यूचियों पर आक्रमण किया और बड़ी वीरता से उन्हें वहाँ से मार भगाया। यूची लोग आगे बढ़कर अोक्स (अमू) नदी की तराई तथा बैक्ट्रिया (बलख ) में जा घुसे । वहाँ उन लोगों ने खाना-बदोशी छोड़ दी
और पाँच शाखाओं में विभक्त होकर वहीं बस गये । उनकी एक शाखा या गरोह का नाम कुषण था, जिसका सरदार कुजूल कैडफाइसिज़ था । वह कैडफाइसिज प्रथम के नाम से भी विख्यात है। उसने अपने प्रभाव से यूचियों की पाँचो शाखाओं को एक कर दिया । तभी से कुल यूची जाति कुषण कहलाने लगी।
कैडफाइसिज़ प्रथम-कुल यूची जाति को एक में संघटित करने के बाद कैडफाइसिज प्रथम ने पार्थिया, काबुल और कंधार Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com