________________
चौख-कालोन भारत
३०२ और यही मत अन्य सब मतों से अधिक सयुक्तिक जंचता है। कनिष्क के लेख ४१ वें वर्ष तक के मिलते हैं। इससे पता लगता है कि उसने कम से कम ४१ वर्ष तक अवश्य राज्य किया। अतएव कनिष्क का राज्य काल सन् ७९ से १२० ई० तक निश्चित होता है। ___ कनिष्क का राज्य-विस्तार-कनिष्क के समय के लेखों
और सिक्कों से तथा उसके सम्बन्ध की कथाओं से सूचित होता है कि उसका राज्य उत्तर-पश्चिमी भारत में विन्ध्य पर्वत तक था। उसके सिक्के पूरब में बनारस और गाजीपुर तक पाये गये हैं। कनिष्क ने अपने राज्य के प्रारम्भ में कश्मीर और सिन्ध को जीतकर अपने राज्य में मिला लिया। कश्मीर में उसने बहुत से बौद्ध मन्दिर और मठ बनवाये । उसने कदाचित् पाटलिपुत्र पर भी आक्रमण किया था। कहा जाता है कि वह वहाँ से प्रसिद्ध वौद्ध विद्वान् , कवि और दार्शनिक अश्वघोष को अपने साथ ले. गया । उसकी राजधानी पुरुषपुर या पेशावर थी। वहाँ उसने बहुत से बौद्ध स्तूप और विहार निर्माण कराये। इनमें से बहुत से स्तूप और विहार पुरातत्व विभाग की ओर से खुदवाये गये हैं और उनमें से बहुत सी अलभ्य ऐतिहासिक वस्तुएँ प्राप्त हुई हैं । कनिष्क ने चीनी तुर्किस्तान के काश्शर, यारकन्द और खुतन नामक प्रान्तों को भी जीतकर अपने राज्य में मिला लिया। वहाँ से वह कुछ चीनी राजकुमारों को भी ओल में ले आया था। इस प्रकार उसका राज्य चीनी तुर्किस्तान से दक्षिण में नर्मदा नदी तक था। काबुल, कश्मीर, उत्तरी हिंदुस्तान श्रादि प्रायः सभी उसके राज्य के अन्तर्गत थे। कहा जाता है कि उसने पार्थिया पर भी आक्रमण किया था।
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com