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परिशिष्ट (ग)
कराया । काल की कुटिल गति से नालन्द के प्राचीन गौरव की गवाही अब वहाँ केवल मिट्टी के थोड़े से धुस्स दे रहे हैं ।
तक्षशिला और नालन्द के अतिरिक्त श्रीधन्यकटक (दक्षिण भारत में कृष्णा नदी के तट पर वर्तमान अमरावती के निकट ), ओदन्तपुरी और विक्रमशिला इन तीनों स्थानों में बड़े बड़े विश्वविद्यालय थे। मोदन्तपुरी और विक्रमशिला दोनों बिहार प्रान्त में थे। पर ये तीनों विश्वविद्यालय गुप्त काल के या उसके बाद के थे। इससे वे इस अन्य के विषय के बाहर हैं।
* हिन्दुस्तान रिव्यू, सितंबर, १९१८ में नालन्द विश्वविद्यालय के सम्बन्ध में एक उत्तम लेख निकला था। उसका अनुवाद सरस्वती, अगस्त १६१९, में प्रकाशित हुआ था। उसी लेख के माधार पर नालन्द का उक्त वर्णन किया गया है। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com