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चौद्ध-कालीन भारत
२९४ जीतकर अपने राज्य में मिला लिया। इस प्रकार उसका राज्य ‘फारस की सीमा से अफगानिस्तान तक फैल गया। चीनी इतिहास-लेखकों के लेखों से पता लगता है कि कैडफ़ाइसिज़ प्रथम का राज्य केवल काबुल की घाटी तक था । कैडफाइसिज़ प्रथम के जो सिक्के मिले हैं, वे अधिकतर काबुल की घाटी में ही मिले हैं । उनकी बनावट आदि से ही मालूम होता है कि वे काबुल की घाटी में बनाये गये थे। उसके सिक्के अन्तिम यूनानी राजा हमेंअस के सिक्कों की भद्दी नकल हैं। उसके कुछ सिक्कों में हर्मेस और कैडफ़ाइसिज़ प्रथम दोनों के नाम मिलते हैं। उनमें एक ओर यूनानी अक्षरों में हर्मेअस का नाम तथा दूसरी ओर खरोष्ठी अक्षरों में "कुजुलकसस' लिखा है। इससे यह सिद्ध होता है कि वह हर्मेस के बाद अर्थात् लगभग ई० पू० २५ के बाद हुआ । वह अस्सी वर्षों तक जीवित रहा; अतएव वह गोंडोर्निस का समकालीन रहा होगा। गोंडोनिस का राज्य काल १९ ई० से ४५ ई. तक था। कैडफ़ाइसिज़ प्रथम ने काबुल और कन्धार का अधिकार इसी गोंडोफ़र्निस के हाथ से छीना होगा। अतएव मोटे तौर पर कैडझाइसिज़ का राज्य काल लगभग २५ ई० पू० से लगभग ५० ई० पू० तक माना जाता है । उसके बाद उसका पुत्र वीम कैडफाइसिज़ उसका उत्तराधिकारी हुआ, जिसे कैडफाइसिन द्वितीय भी कहते हैं।
कैडफ़ाइसिज़ द्वितीय-यह बड़ा ही पराक्रमी था । इसने चीन की शाहजादी से विवाह करने का पैगाम भेजा। चीनियों ने इसके दूतों को अपमानित करके निकाल दिया। इस पर इसने
७०,००० सैनिकों को लेकर चीन पर चढ़ाई की। पर अन्त Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com