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पहला अध्याय राजनीतिक इतिहास मौर्य काल के बाद देशी राजवंश
शुंग वंश शुंग वंश की स्थापना-पहले खंड के सातवें अध्याय के अन्त में लिखा जा चुका है कि सेनापति पुष्यमित्र ने ई० पू० १८४ के लगभग अपने स्वामी बृहद्रथ मौर्य को मारकर मौर्य साम्राज्य अपने अधिकार में कर लिया था । उसने एक नवीन राजवंश की नींव डाली, जो इतिहास में शुंग कहलाता है ।
शुंग राजाओं का राज्य विस्तार शुंग राजाओं के राज्य में मौर्य साम्राज्य के बीचवाले कुल प्रांत शामिल थे। मालूम होता है कि आजकल के बिहार, तिरहुत और संयुक्त प्रांत में शुंग वंश का राज्य फैला हुआ था। पंजाब संभवतः उनके राज्य के बाहर था। मौर्य राजाओं की तरह उनकी राजधानी भी पाटलि. पुत्र ही थी।
मिलिन्द (मिनेन्डर) का आक्रमण काबुल और पंजाब दोनों उन दिनों मिनेन्डर नामक एक यूनानी राजा के अधीन थे। उसने ई० पू० १५५ के लगभग पुष्यमित्र के राज्य पर हमला करके सिन्धु नदी के मुहानेवाला देश, सुराष्ट्र ( काठियावाड़), पश्चिमी किनारे का कुछ प्रान्त तथा मथुरा अपने राज्य में मिला
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