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राजनीतिक इतिहास एन्टिएल्काइडस ने अपनी राजधानी तक्षशिला से विदिशा के राजा काशीपुत्र भागभद्र के पास इसी काम के लिये भेजा था। यह शिलालेख बड़े महत्व का है। इससे एक बात तो यह सूचित होती है कि उस समय विदिशा (भेलसा) के राजा और तक्षशिला के यवन-राज के बीच राजनीतिक सम्बन्ध था। दूसरे यह कि उस प्राचीन समय में कुछ यवनों ने हिंदू धर्म ग्रहण कर लिया था । इस शिलालेख में एंटिएल्काइडस "भागवत" (विष्णु का भक्त) कहा गया है । इस शिलालेख का समय ई. पू. १४० और १३० के बीच माना जाता है।
हर्मप्रस-यह अन्तिम यूनानी राजा था, जिसने पंजाब और सीमा प्रान्त पर राज्य किया। इसी के समय में काबुल और कंधार पर कुषणों का आक्रमण हुआ और भारतवर्ष से यूनानी राजाओं का राज्य सदा के लिये उठ गया। इसके राज्य का अन्त कदाचित् ई० पू० २५ में हुआ था। ___ भारतवर्ष पर यूनानी सभ्यता का प्रभाव-पश्चिमोत्तर सीमा तथा पंजाब पर यूनानी राजाओं का शासन डेमेट्रिप्रस से हर्मेअस तक अर्थात् लगातार लगमग २५० वर्षों तक रहा । साधारण तौर पर युरोपीय विद्वानों का यह मत है कि इस बीच में भारतवर्ष पर यूनानी सभ्यता का बहुत अधिक प्रभाव पड़ा। कुछ युरोपियन विद्वान् यह भी कहते हैं कि अप्रत्यक्ष रीति पर मौर्य साम्राज्य सिकंदर के आक्रमण का ही परिणाम है। एक विद्वान् ने तो यहाँ तक कह डाला है कि चंद्रगुप्त ने सेल्यूकस
• बरनल आफ दि रायल एशियाटिक सोसाइटी, १९०६-१०.
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