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राजमोतिक इतिहास
'बिक उसे सन्धि कर लेनी पड़ी। उलटे उसे लेने के देने पड़ गये । भारतवर्ष पर विजय पाना तो दूर रहा, उसे सिन्धु नदी के पश्चिम में एरिआना (आर्याना ) का बहुत सा हिस्सा चन्द्रगुप्त को दे देना पड़ा। चन्द्रगुप्त को उससे काबुल, कन्धार और 'हिरात ये तीन प्रान्त मिले । सेल्यूकस ने अपनी बेटी एथीना भी चन्द्रगुप्त को भेंट की।
बिन्दुसार और अशोक के समय में भी भारतवर्ष पर यूनानी सभ्यता का कोई प्रभाव नहीं पड़ा। यूनानी बादशाहों के साथ इन मौर्य सम्राटों का बराबरी का बरताव था । यूनानी सभ्यता की कोई बात सीखने के बदले अशोक इन यूनानी बादशाहों के राज्यों में अपने धर्म का प्रचार करने के लिये सदा उत्सुक रहता था। उसने सीरिया, मिस्र , साइरीनी, मेसिडोनिया और एपिरस नामक पाँच यूनानी राज्यों में धर्म का प्रचार करने के लिये 'उपदेशक भेजे थे।
इसके बाद डेमेट्रिअस, यूक्रेटाइडीज और मिनेन्डर के जा हमले भारतवर्ष पर हुए, उनका भी कोई प्रभाव भारतीय सभ्यता 'पर नहीं पड़ा । उनसे कुछ सीखने की जगह भारतीय ग्रन्थकारों ने अपने ग्रन्थों में उनके बारे में म्लेच्छ आदि अपमानसूचक शब्द लिखे हैं । मिनेन्डर ने तो अपना धर्म छोड़कर भारतीय बौद्ध धर्म भी ग्रहण कर लिया था। इसी प्रकार इन्टिएल्काइडस ने वैष्णव धर्म ग्रहण किया था।
पंजाब में यूनानी बादशाहों के केवल सिके ही रह गये हैं। भारतीय सभ्यता पर उनका प्रभाव पड़ने के बदले उन्हीं पर भारतीय सभ्यता का ऐसा प्रभाव पड़ा कि उनमें से कुछ बौद्ध
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