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बौद्ध-कालीन भारत गृह के एक सेठ ने भिक्षुओं के लिये मकान बनवाने की इच्छा प्रकट की। इस पर भगवान् बुद्ध ने भिक्षुओं से कहा"भिक्षुओ, मैं तुन्हें पाँच प्रकार के स्थानों में रहने की अनुमति देता हूँ-यथा (१) विहार, (२) अड्डयोग (गरुड़ की आकृति का बना हुआ मकान ), (३) प्रासाद, (४) हर्म्य ( पत्थर का छतदार मकान) और (५) गुहा ।" भिक्षुओं से यह सुनकर कि भगवान ने अपनी अनुमति दे दी है, उस सेठ ने एक ही दिन में साठ मकान बनवा दिये। इस पर बुद्ध ने उस सेठ को धन्यवाद दिया। ___ "विहार" से केवल मठ ही का तात्पर्य नहीं है, बल्कि उससे मन्दिर या पूजन स्थान का भी तात्पर्य है। मठ के लिये दूसरा शब्द "संघाराम" भी है। हर एक बड़े संघाराम के साथ एक विहार या पूजा-मन्दिर अवश्य रहता था। गुहा एक प्रकार का. कोठा था, जो पहाड़ की चट्टान काटकर बनाया जाता था। जो सब से प्राचीन गुहाएँ अब तक मिली हैं, वे गया के पास बराबर
और नागार्जुनि की पहाड़ियों में हैं। ये गुफाएँ अशोक और उसके पोते दशरथ ने आजीविकों के लिये बनवाई थीं।
भिक्षुओं के लिये बुद्ध भगवान् की यह आज्ञा थी कि वे अपनी जीविका के लिये स्वयं अपने श्रम से उपार्जित करें; अर्थात् वे भिक्षा माँगकर भोजन करें । पर साथ ही उनके लिये एक यह भी नियम था कि वे भिक्षा माँगते समय मुँह से कुछ भी न कहें; अर्थात् जो कुछ उन्हें मिले, उसे चुपचाप ग्रहण कर लें।
भिक्षु लोग बीमारी की हालत में दवा के तौर पर घी, मक्खन, वेल, शहद और चीनी काम में ला सकते थे । विनयShree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com