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सातवाँ अध्याय प्राचीन बौद्ध काल का राजनीतिक इतिहास
शैशुनाग वंश शैशुनाग वंश की स्थापना-शैशुनाग वंश प्राचीन बौद्ध-काल का पहला राजवंश है, जिसके बारे में ऐतिहासिक प्रमाण मिलते हैं, और जिसका समय यदि पूरी तरह नहीं, तो मोटे तौर पर अवश्य निश्चित हो गया है। इस वंश का नाम “शैशुनाग" इसलिये पड़ा कि इसका पहला राजा तथा संस्थापक शिशुनाग था, जिसने ई० पू० ६०० के लगभग इस वंश की नींव डाली। उसने चालीस वर्षों तक राज्य किया। वह एक छोटे से राज्य का राजा था। आजकल पटना और गया नाम के जिले इस राज्य में शामिल थे। गया के पास प्राचीन राजगृह उसकी राजधानी थी।
बिम्बिसार इस वंश का पाँचवाँ राजा बिम्बिसार था। यह पहला राजा है, जिसके विषय में कुछ विशेष ऐतिहासिक वृत्तान्त मालूम हुआ है। इसने एक नवीन राजगृह की नींव डाली। अंग देश को भी जीतकर इसने अपने राज्य में मिला लिया।
आजकल के भागलपुर और मुंगेर जिलों को प्राचीन अंग देश समझना चाहिए। मगध राज्य की उन्नति और आधिपत्य का सूत्रपात इसी अंग देश की जीत से हुआ। अतएव बिम्बिसार यदि मगध साम्राज्य का सच्चा संस्थापक कहा जाय, तो अनुचित
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