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प्रथम परिच्छेद प्रत्येक तीर्थङ्कर के बावन बोल सं० बोल श्री ऋषभदेव श्री अजितनाथ
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१६ पारणे का स्थान श्रेयांस के घर में ब्रह्मदत्त के घर में २० पारणे के दिन १ वर्ष पीछे २ दिन पीछे सदाक्षाताथ चत्र व०८ माघ ०६ २२ छमस्थ काल १००० वर्ष १२ वर्ष २३ ज्ञानप्राप्तिस्थान पुरिमताल अयोध्या २४ ज्ञान सम्बन्धी तप ३ उपवास २ उपवास २५ दीक्षा वृक्ष वट वृक्ष साल वृक्ष २६ ज्ञानोत्पत्ति की तिथि फाल्गुन २०११ पौष २०११ २७ गणधर संख्या ८४ रू साधु संख्या ८४००० १००००० २६ साध्वी संख्या ३०००००
३३०००० ३० वैक्रियलब्धि वाले २०६०० २०४०० ३१ वादी संख्या
१२४०० ३२ अवधिज्ञानी ६००० २४०० ३३ केवली
२०००० ૨૨૦૦૦ ३४ मनः पर्यवज्ञानी १२७५० १२५५० ३५ चौदह पूर्वधारी ४७५० રૂ૭૨૦ ३६ श्रावक संख्या
२६८०००