Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 2
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
View full book text
________________
!
नक्षत्र और ग्रहानुसार परिवेष दिशा के अनुसार परिवेषों का फल
तिकोने परिवेषों का फल
चौकोन परिवेषों का फल
अर्धचन्द्राकार एवं अट्टालिका के सदृश परिवेष परिवेष को अन्य ग्रहों के आच्छादित करने का फल
पूर्व-पश्चिम की सन्ध्याओं के अनुसार परिवेष का फल परिवेष द्वारा ग्रहों के अवरुद्ध करने का फल
परिवेषों का साधारण फलादेश
उदयास्तकाल, मध्याह्नकाल के परिवेष का विशेष फल
नक्षत्रों के अनुसार परिवेषों का फल
वर्षा और कृषि सम्बन्धी परिवेषों का फलादेश
सूर्य परिवेष का विशेष फल
परिवेषों का राष्ट्र सम्बन्धी फलादेश
परिवेषों का व्यापारिक फलादेश
पञ्चम अध्याय
विद्युत् के भेद और उनका स्वरूप
स्निग्धा, अस्निग्धा आदि विद्युत का स्वरूप
वर्षा की सूचना देने वाली विद्युत्
वर्षा के अभाव की सूचना देने वाली विद्युत् अनिष्ट सूचक और जलवर्षक विद्युत् निमित्त
विद्युत् वर्णों का निरूपण
विद्युत् वर्णों का फलादेश
ताडित विद्युत् का फल
नील, ताम्र, गौर आदि वर्ण की विद्युत् का विशेष कथन
आकाश के मार्गानुसार विद्युत् का कथन
13 00 00 00 00 00 00 22
76
76
78
78
79
80
81
83
84
84
86
88
92
93
97
97
99
101
101
102
103
104
104
105