Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 2
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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तिथि, नक्षत्र आदि के अनुसार शुभाशुभ का कथन आकार और वर्ण के अनुसार उल्काओं का फल नक्षत्र योग के अनुसार उल्काओं का फल
कमल, वृक्ष, चन्द्रादि के आकार की उल्काओं का फल
सन्ध्याकालीन उल्काओं का विशेष फल
राष्ट्रघातक उल्कापात
कृषि फलादेश सम्बन्धी उल्कापात
फसल की अच्छाई-बुराई ज्ञात करने के लिए उल्का का निमित्त विचार
उल्काओं का वैयक्तिक फलादेश
व्यापारिक फल
अन्न के भाव बतलाने वाला उल्कापात
रोग और स्वास्थ्य सम्बन्धी फलादेश
चतुर्थ अध्याय
परिवेषों के भेद
परिवेर्षो का स्वरूप
परिवेषों के कतिपय फलादेश
चाँदी और कबूतर के समान चन्द्र परिवेष
वर्षा सूचक परिवेष
चन्द्रोदयकालीन परिवेष का फल
उदय के अनन्तर होने वाले चन्द्र परिवेष का फल
सूर्य परिवेष का फल
समस्त दिन रहने वाले परिवेष का फल
धान्यनाश, इति-भीति एवं वृक्षादि के फलसूचक परिवेष
वर्णानुसार परिवेर्षो के फल
गाय मरण सूचक परिवेष महामारी सूचक परिवेष
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