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हुआ हो।
उपदिष्ट-उपपुराण
११० उपदिष्ट-वि० [सं०] उपदेश किया हुआ; सिखाया हुआ। बोर्ड, रेलवे कंपनी आदिके बनाये हुए नियम (बाई-ला)। उपदेव, उपदेवता-पु० [सं०] छोटादेवता(यक्ष, गंधर्वादि)। उपनिर्वाचन-पु० [सं०] (बाई-इलेक्शन) मृत्यु या अन्य उपदेश-पु० [सं०] शिक्षा, सीख; नेकसलाह; दीक्षा; कारणसे विधानसभा, नगरपालिका आदिके किसी सदस्यका निर्देश।
यां किसी पदाधिकारी आदिका स्थान रिक्त हो जानेपर उपदेशक-वि०, पु० [सं०] उपदेश करनेवाला, सीख देने | होनेवाला चुनाव। वाला; घूम-घूमकर प्रचार करनेवाला ।
| उपनिवेश-पु० [सं०] दूसरे देशसे आये हुए लोगोंकी उपदेष्टा (ष्ट्र)-वि०, पु० [सं०] दे० 'उपदेशक' । बस्ती; विजित देश जिसमें विजेता राष्ट्र के लोग आकर बस उपदेस*-पु० दे० 'उपदेश'।
गये हों (कालोनी)। -पद-पु. स्वतंत्र उपनिवेशोंका उपदेस(श)ना*-स० क्रि० शिक्षा या सलाह देना। दरजा; उस प्रकारका स्वराज्य या स्वतंत्रता जो उन्हें प्राप्त उपद्रव-पु० [सं०] उत्पात सार्वजनिक संकट या आपत्ति है (डोमिनियन स्टेटस)। ( अतिवर्षण, विप्लव आदि); दंगा-फसाद, बखेड़ा; एक उपनिवेशन-पु० [सं०] (कॉलोनिज़ेशन) अन्य देशोंमें जाकर
गके बीच में होनेवाला दूसरा गौण रोग; उपसर्ग। अपनी वस्ती या उपनिवेश बसानेकी क्रिया। उपद्गवी (विन्)-वि० [सं०] उपद्रव करनेवाला, उत्पाती। उपनिवेशित-वि० [सं०] उपनिवेश बनाया हुआ । उपद्वार-पु० [सं०] छोटा, बगलका दरवाजा ।
उपनिवेशी (शिन)-वि० [सं०] दूसरे देशमें बस जानेउपद्वीप-पु० [सं०] छोटा टापू ।
वाला, उपनिवेशवासी, आबादकार । उपधरना*-स० क्रि० अपनाना; सहारा देना।
उपनिषत्-स्त्री० [सं०] वेदोंका शानकांड माने जानेवाले उपधर्म-पु० [सं०] गौण धर्म।
ब्रह्मविद्या प्रतिपादक ग्रंथविशेष; वेदरहस्य; ब्रह्मशान । उपधा-स्त्री० [सं०] छल; दंगा-फरेब, ईमानदारीकी उपनीत-वि० [सं०] पाम लाया हुआ; जिसका उपनयन परीक्षा । उपधातु-स्त्री० [सं०] अप्रधान या अर्ध धातु, मिश्र धातु उपनेता(त)-वि०, पु० [सं०] पास ले जानेवाला; उपनयन (ये सात है--सोनामाखी, रूपामाखी, तूतिया, कांसा, करानेवाला (गुरु); नेताका नायब या सहकारी । मुर्दासंख, मेंदुर और सिलाजीत); शरीरस्थ सात धातुओं- उपनौकाध्यक्ष-पु० [सं०] (वाइस-एडमिरल) नौ-सेनाका से उत्पन्न सात गौण धातुएँ-दूध, रज, ची, पसीना, वह अधिकारी जो प्रधान नौकाध्यक्षके ठीक नीचे काम दाँत, केश और ओज ।
करता हो। उपधान-पु० [सं०] वह वस्तु जिसका सहारा लिया जायः | उपन्यास-पु० [सं०] धरोहर, अमानत; वाक्यका उपक्रम तकिया।
संधिका एक प्रकार; कल्पित और काफी लंबी कहानी उपधारा-स्त्री० (सब-सेक्शन) किसी अधिनियम आदिके (नावेल)। -कार-पु. उपन्यास लिखनेवाला। अंतर्गत उसका कोई विभाग या उपांग ।
उपपंजीयक-पु० [सं०] (सबरजिस्ट्रार) पंजीयनका काम उपनगर-पु० [सं०] नगरका बाहरी भाग, शहरसे सटी। करनेवाला मातहत अधिकारी।
हुई या उसके डाँड़ेपरकी बस्ती, शाखानगर (सबर्ब)। उपपति-० [सं०] परस्त्रीसे प्रेम करनेवाला पुरुष, यार । . उपनना*-अ० क्रि० उपजना ।
उपपत्ति-सी० [सं०] घटित होना; प्रकट होना; उत्पन्न उपनय-पु० [सं०] प्राप्ति नियुक्तिः पास ले जाना; गुरुके होना; हेतु, युक्ति; सिद्धि में युक्ति-प्रमाण देना; सिद्धि, पास ले जाना; उपनयन संस्कार; वाक्यके पाँच अवयवोंमेंसे प्रतिपादन समाधान सहारा प्रमाण (ग०); उपयुक्तता । चौथा (न्या०)।
उपपत्नी-स्त्री० [सं०] रखेली। उपनयन-पु० [सं०] पास ले जाना; यशोपवीत संस्कार ।
उपपद समास-पु० [सं०] कृदंतके साथ हुआ नाम (संशा) उपना*-अ० क्रि० उत्पन्न होना-'.."सुनि हरि हिय गरब
का समास (कुंभकार, घरफूंक आदि)। गूढ उपयो है'-गीता।
उपपन्न-वि० [सं०] युक्तियुक्त संभव; सिद्ध किया हुआ; उपनागरिका-स्त्री० [सं०] वृत्त्यनुप्रासकी तीन वृत्तियोंमेंसे योग्य; युक्त; पूर्ण; प्राप्त; नीरोग किया हुआ; (एक्सपीडिऐंट) एक जिसमें श्रतिमधुर वर्ण बार-बार आते हैं और समास | अवसरके उपयुक्त, सुविधाजनक या लाभकारी, समयोचित । नहीं होते, यदि होते है तो छोटे होते हैं।
उपपातक-पु० [सं०] छोटा पाप । उपनाना*-स० क्रि० उपजाना, पैदा करना। | उपपादन-पु० [सं०] युक्ति देकर सिद्ध करना, सम्यक उपनाम(न)-पु० [सं०] गौण नाम; पुकारनेका नामः | प्रतिपादन; संपादन; (इंडक्शन) किसी पदार्थको विद्युत् या पदवी; लेख-कविता आदिमें व्यवहृत छोटा नाम, तखल्लुस। चुबक-शक्तिसे युक्त वस्तुके सन्निकट ले जाकर उसमें भी उपनायक-पु० [सं०] गौण या अप्रधान नायक; नाटक विद्युत् या चुंबक शक्ति उत्पन्न कर देना।
आदिमें वह पात्र जो नायकका प्रधान सहायक हो। | उपपादित-वि० [सं०] प्रमाणित, सिद्ध किया हुआ; पूरा उपनायिका-स्त्री० [सं०] नायिकाकी प्रधान सहायिका।। किया हुआ। उपनिधि-स्त्री० [सं०] धरोहर, अमानत; मुहरबंद अमा- उपपाद्य-वि० [सं०] उपपादन करने योग्य; जिसे तर्कसे नत। -भोक्ता(क्त)-पु० दूसरेकी धरोहरको स्वयं सिद्ध करना हो । व्यवहार में लानेवाला मनुष्य ।
उपपुर-५० [सं०] उपनगर । उपनियम-पु० [सं०] गौण नियम (सबरूल); म्युनिसिपल उपपुराण-पु० [सं०] छोटा या गीण पुराण, व्यासाक्त
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