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दफ़्तरी- दम
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डालना - प्रभावित करना ।
वह स्थान जहाँ किसी संस्था या कंपनी आदिके कर्मचारी | दबाव - पु० दबानेकी क्रिया या भाव, चाँप, दाब । मु०लिखा पढ़ी, लेन-देन आदिका कार्य करते हों; किसी अधिकारीका निजी कमरा जहाँ वह अपने कार्यकी देख-रेख करता हो, कार्यालय; बड़ा चिट्ठा, लंबी कहानी । दफ़्तरी - पु० [अ०] वह जो दफ्तर में जिल्दवंदी, रूल खींचने आदिका काम करता हो; जिल्दबंदी करनेवाला । - ख़ाना - पु० दफ्तरीके काम करनेका स्थान । दफ़्ती, दफ़्तीन- स्त्री० [फा०] कई कागजोंको आपसमें चिपकाकर बनाया हुआ मोटा कागज जो जिल्द बाँधनेके काम आता है, कुट
दबंग-वि० जो किसीसे दबता न हो; जिसका दूसरोंपर प्रभाव हो, प्रभावशाली; रोबीला ।
दबक- स्त्री० दबकनेकी क्रिया, सिमटना; धातुको पीटकर लंबा करनेकी क्रिया । -गर-पु० धातुको पीटकर लंबा करनेवाला |
दबकना - अ० क्रि० भयके मारे सिमटकर तंग जगह या आड़ में छिपना; दबका रह जाना । स० क्रि० पीटकर लंवा करना; * डाँटना, डपटना ।
दबकवाना - स० क्रि० दबकानेका काम दूसरे से कराना | दबका - पु० धातुका पीटकर लंबा किया हुआ तार । दबकाना - स० क्रि० छिपाना; ओटमें करना; डाँटना । दबदबा - पु० आतंक; रोब-दाब ।
दबना - अ० क्रि० भार या दाबके नीचे पड़ना; ऐसी स्थितिमें होना जिसमें किसी ओर विशेष भार पड़े; प्रबल शत्रु द्वारा आक्रांत होकर पीछे हटना; किसीसे त्रस्त या अधिक प्रभावित होकर उसके अनुकूल आचरण करना, किसीसे डरकर उसका विरोध न करनेके लिए बाध्य होना; फीका पड़ना; किसी बात या मामलेका गुप्त रह जाना अथवा आगे न बढ़ना; जोर न पकड़ना, शांत रहना; ठंडा पड़ना; किसी वस्तुका दूसरेके हाथमें इस प्रकार पड़ जाना कि वह फिर मिल न सके; (किसी अभावके कारण) अधिक लाचार हो जाना; झेंप खाना, संकुचित होना । दबवाना - स० क्रि० ददानेकी क्रियामें दूसरेको लगाना । दबा - वि० भारसे आक्रांत किसी ओरको झुका हुआ । (दबी) आवाज़ - स्त्री० धीमा स्वर । (दुबे) पाँव - अ० इस प्रकार कि किसीको पैरकी आहट मालूम न हो, आहिस्ते, चुपके । मु० (दबी) ज़बानसे कहना - डरतेडरते अस्पष्ट शब्दोंमें कहना । (दबे ) - दबाये रहनाचुपचाप पड़ा रहना ।
दबाना - स० क्रि० भार या दबावके नीचे लाना; भार या
जोर पहुँचाना थकान या पीड़ा दूर करनेके लिए किसी अंगपर जोर पहुँचाना; दमन करना; सामने टिकने न देना, बलपूर्वक पीछे हटाना; किसीको इतना त्रस्त या प्रभावित करना कि वह विरुद्ध आचरण न कर सके, किसी पर रोब जमाकर उसे स्वच्छंद आचरण न करने देना; निजी गुणोंके द्वारा किसीको मात करना; किसी बात या मामले को आगे न बढ़ने देना, ज्योंका त्यों रहने देना; भड़कने न देना, शांत करना, जोर न पकड़ने देना; किसीकी कोई वस्तु हड़पना लाचार बना देना, विवश करना; दफन करना; छिपाना ।
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दबीज - वि० [फा०] मोटा, गफ, ठस, मजबूत | दबैल - वि० जिसपर दबाव पड़ा हो; दब्बू, दबनेवाला । दबोचना - स० क्रि० झपटकर दवा बैठना, घर दवाना; छिपाना ।
दबोरना * - स० क्रि० बलपूर्वक पीछे हटा देना; दबाना | दमकना * - अ० क्रि० चमकना ।
दम - पु० [सं०] दंड, दमन; बाह्येद्रियों को उनके विषयोंसे निवृत्त करना, बाह्य वृत्तियों का निग्रह; कुकर्मोंसे मनको हटाना, कर्दम, कीचड़; [फा०] श्वास, साँस; पल, लहजा, क्षण; जान, जिंदगी; ताकत, जोर; हुक्क आदिका कश; धोखा, फरेव पानीका घूँट; तलवारकी धार; नेजेको नोक; समय, वक्त; कुछ कच्ची खाद्य वस्तुको पकने के लिए पात्रका मुँह बंद करके धीमी आँचपर रखनेकी क्रिया । आलू-पु० आलूकी मसालेदार तरकारी जिसमें आलू खड़े रहते हैं । - कल - पु० एक या अधिक नलवाला यंत्र - विशेष जिसमें भरा हुआ तरल पदार्थ, विशेषतः पानी हवाके वलसे उक्त नलों द्वारा किसी ओर झोंकेसे फेंका जा सके; उक्त ढंगका आग बुझानेका प्रसिद्ध यंत्र । - कला - पु० दमकलके नमूनेपर बना हुआ महफिल आदि में गुलाबजल छिड़कने का एक यंत्र; दमचूल्हा । - चूल्हा - पु० लोहेका एक प्रकारका चूल्हा जिसमें कोयला जलता है । -झाँसा - पु० मिथ्या आश्वासन, झूठी सांत्वना । - दार- वि० ढ़, जिसमें जीवनी शक्ति अधिक हो; तेज । - दिलासा - पु० कोरी आशा; फुसलावा । -पट्टी-स्त्री०, बुत्तापु० झाँसापट्टी । - पर दम - बन्दम- अ० प्रतिक्षण; बार-बार । - बाज़ - वि० दम देनेवाला, झूठा आश्वासन देनेवाला; फरेबी | बाज़ी - स्त्री०दम या झूठा आश्वासन देनेका काम; धोखा; फरेब । -साज़- पु० गाते समय गवैये के साथ सुर भरनेवाला । मु०-अटकना - श्वासका अवरुद्ध होना । - खींचना - चुप्पी साधना, कोई हरकत न करना; श्वासको ऊपर चढ़ाना। -घुटना - हवाकी कमीसे श्वास न लिया जाना; श्वास-प्रश्वास क्रियाका बंद होना । - घाँटना- किसीकी श्वासक्रिया रोक देना, साँस न लेने देना; गला दबाकर या अन्य प्रकार से किसीका साँस लेना बंद करना । -चुराना - साँस रोककर अपनेको मरा हुआसा जाहिर करना । - टूटना - साँस रुक जाना; दौड़ने आदिमें अधिक श्रांत होकर हॉफने लगना । - तोड़ना - आसक्तिवश किसीसे वियुक्त होनेपर जान जानेकासा अत्यधिक कष्ट होना; मर जाना । - नाक (या नाक में दम ) आना - बहुत परेशान होना । - निकलना - प्राण निकलना, मृत होना। -पचनाकिसी श्रमके कार्यमें इतना अभ्यस्त होना कि साँस न फूले । - पर आ बनना - दे० 'जानपर आ बनना' । - फ़ना होना - मर जाना; जी सूख जाना। -फूलनाअधिक श्रांत होने या दमेके कारण साँसका भारीपन और वेगके साथ चलना। -भरना - साँस चढ़ना; हर वक्त किसीकी तारीफ करना; मुहब्बत का दावा करना; भरोसा करना; यकीन करना । - मारना - धकावट दूर करनेके
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