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हताहत-हथोरी
९०० हताहत-वि० [सं०] मारे गये और घायल ।
उत्तेजित होकर मार बैठनेकी आदत हो। -छोड़ा-वि० हते*-अ० कि. 'हता'का बहुवचन, थे।
दे० 'इथछुट'। -फूल-पु. एक आतिशबाजी; हाथके हतो*-अ० क्रि० दे० 'हता' (था)।
पंजेके ऊपरी भागपर पहननेका स्त्रियोंका एक आभूषण । हतोज*-वि० दे० 'हतौजा'।
-फेर-पु० द्रव्य लेने-देनेवालेके हाथकी सफाई जिससे हतोत्तर-वि० [सं०] निरुत्तर, जो कुछ जवाब न दे सके। खोटा या कम सिक्का दूसरे पक्षके जिम्मे पड़ जाता है; हस्तहतोत्साह-वि० [सं०] जिसका उत्साह भंग हो गया हो। कौशल द्वारा किसी वस्तुको गायब करनेकी क्रिया; प्यारसे हतोद्यम-वि० [सं०] विफलप्रयत्न ।
शरीरपर हाथ फेरनेकी क्रिया; हथउधार । वि० हाथकी हतीजा(जस)-वि० [सं०] ओजहीन, वीरोत्साहसे रहित।। सफाईसे चीजोंको गायब करनेवाला, हथलपक । लपकहत्थ*-पु० हाथ ।
वि० आँख बचाकर चुपकेसे चीजोंको गायब कर देनेवाला, हत्था-पु० किसी वस्तुका वह भाग जो हाथसे पकड़ा हथफेर ।-लपका, लपक्का-वि० हथलपक ।-लेवाजाय या जिसपर हाथ रखा जाय, मूठ, दस्ता; कुरसीकी पु० हाथको हाथमें लेनेवाला व्यक्ति ('नामलेवा'की भाँति); बाँही; दंड करते समय हाथके नीचे रखनेका पत्थर या विवाहके अवसरपर वर द्वारा कन्याका हाथ अपने हाथमें इंट; पूजन आदिके अवसरोंपर ऐपन आदिसे दीवाल था लेनेका कृत्य, पाणिग्रहण । -घाँस-पु. नाव खेनेका भूमिपर बनाया जानेवाला हाथके पंजेका चिह्न केलेका सामान । -संकर,-साँकड़, -साँकर, -साँकल,धौद; कंबल बुनते समय उसकी पटिया ठोंकनेका एक साँकला-पु० इथफूल नामक आभूषण । औजार, रेशमी वस्त्र वुननेके काममें आनेवाला एक औजार हथनाल-स्त्री० हाथीपर चलनेवाली तोप । जो छतसे लटका रहता है। खेतकी नालीके पानीको चारों हथनी-स्त्री० हाथीकी मादा । ओर उलीचनेका एक औजार ।
हथवाँसना*-सक्रि० अधिकार करना-'हथवाँसहु बोरङ हस्थि*-पु० हाथी।
तरनि कीजिय घाटारोह'-रामा० अधिकार करके इस्तेहत्थी-स्त्री० औजार, हथियार आदिका दस्ता; कड़ाहमें माल करना; पहले पहल प्रयोगमें लाना । रखा ईखका रस चलानेकी लकड़ी; बुनाई के कामका एक हथसार-स्त्री० हाथियोंके रहनेका स्थान, हस्तिशाला, औजार ।
फीलखाना। हाथमें । मु०-चढ़ना-अनजाने अपने विरोधीके हथाहथी*-अ० हाथोहाथ, शीघ्र, जल्द । पंजे में, हाथमें आ जाना उपयुक्त अवसरपर वशमें आना। हथिनी-स्त्री० हाथीकी मादा । -लगना-हाथमें आना, मिलना ।
हथिया-पु० हस्त नक्षत्र । हत्या-स्त्री० [सं०] जानसे मारनेका काम, खून, वध | हथियाना-स० क्रि० अपने अधिकार में कर लेना; जबरहत्या करनेका पाप; बखेड़ा; झगड़ा; बहुत दुबला-पतला दस्ती किसीकी चीज ले लेना; हाथसे पकड़ना। या बीमार व्यक्ति आदि । मु०-टलना-झंझट दूर होना। हथियार-पु० अस्त्र-शस्त्र औजार । -घर-पु० अस्त्र-शस -पल्ले बाँधना-झगड़ेसे संबंध स्थापित करना ।-मोल रखनेका बड़ा घर, शस्त्रागार । -बंद-वि० अस्त्र-शस्त्र लेना-हत्या पल्ले बाँधना। -सवार होना-मुखाकृति धारण करनेवाला, सशस्त्र । मु०-उठाना-युद्धके लिए आदिसे हत्याकी प्रवृत्ति प्रकट होना, खून चढ़ना। प्रस्तुत होना ।-डालना-लड़ाई बंद करना । बाँधना,-सिर मढ़ना-अपराधी ठहराना; लड़ाई-झगड़ेका काम लगाना-अस्त्र-शस्त्रसे सज्जित होना। सौंपना। -सिर लेना-पापका भागी होना।
हथुईरोटी-स्त्री०वह रोटी जो बेलनेसे न बेलकर हाथकी हत्यारा, हत्यारा-पु० हत्या करनेवाला व्यक्ति, खूनी। | अँगुलियोंसे दबाकर चौड़ी की गयी हो। हत्यारी-स्त्री० हत्या करनेवाली स्त्री, हत्यारिन । हथेरा-पु० खेतमें पानी उलीचनेका हत्था। हथ-पु. 'हाथ'का समासगत रूप; [सं०] चोट, आघात; हथेरी*-स्त्री० दे० 'हथेली' । वध; मृत्यु; हताश मनुष्य । -उधरा-पु० दे० 'हथ- | हथेली-स्त्री० कलाईके आगे नीचेका चिकना और चौड़ा उधार'। -उधार-पु० बिना लिखा-पढ़ीके किसीको थोड़े भाग, करतल चरखेकी मुठिया। मु०-का फफोलासमयके लिए कर्ज देना । -कंडा-पु० षड्यंत्र; धूर्तता अत्यन्त कोमल वस्तु जिसके टूटनेका भय बरबर बना करनेकी पद्धति; चतुराईकी चाल; किसी कामके करने में रहे। -खुजलाना-द्रव्यप्राप्तिका शकुन होना, द्रव्यहाथको फुतीसे इस ढंगसे चलाना कि कामकी गुप्त पद्धति- प्राप्तिकी पूर्व सूचना मिलना । -देना,-लगाना-हाथका को देखनेवाला भाँप न सके किसी काम करने में हस्त- सहारा देना ।-पर जान रखना या लेना-दे० 'हथेलीलाधव, हाथकी सफाई । (मु०-कंडा चलना-चालबाजी पर सर रखना या लेना'।-पर जान होना-जान जानेकी कारगर होना। -कंडा दिखाना-हाथकी सफाईका स्थितिमें होना ।-पर दही जमाना-कोई काम करानेके प्रदर्शन करना चालबाजीकी कला दिखाना ।) -कड़ी-| लिए जल्दी मचाना।-पर बाल जमना-किसीमें साहस, स्त्री० लोहेका विशेष ढंगका बना कड़ा जो कैदी या अप- शक्तिका आना ।-पर सर रखना या लेना-जान देनेके राधीको विवश करनेके लिए पहनाते हैं। (मु०-कड़ी लिए.तैयार रहना । -पर सरसों जमाना-कोई कठिन डालना-हथकड़ी पहनाना; दोषी करार देना। -कड़ी। काम फुर्तीसे करना । -पीटना-बजाना-ताली बजाना। पड़ना-हथकड़ीसे हाथोंका बाँधा जाना; अपराधी माना | हथोड़ा-पु० दे० 'हथौड़ा'। जाना दोषी ठहराया, जाना।) -छट-वि० जिसे तुरत | हथोरी-स्त्री० हथेली ।
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