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है-होना
है - क० क्रि० 'होना' का वर्तमान कालका एकवचन रूप । *पु० हय, अश्व, घोड़ा । -बर- पु० सुंदर घोड़ा । हैकड़ - वि० दे० 'हेकड़' ।
हैकल - स्त्री० चौकोर, पानके तथा अन्य प्रकार के आकार के कई जंतरोंसे बना गलेमें पहननेका एक गहना, हुमेल । हैज़ - पु० [अ०] स्त्रियोंको होनेवाला मासिक रजःस्राव । हैज़ा - पु० [अ०] संक्रामक माना जानेवाला एक रोग जिसमें कै और दस्त आते हैं, विषूचिका । हैट - पु० [अ०] अंग्रेजी टोप । हैदर - पु० [अ०] शेर ।
हैना * - स० क्रि० मारना, हनन करना । हैफ़ - पु० [अ०] खेद, अफसोस । अ० हा, हंत, अफ़सोस । हैबत - स्त्री० [अ०] डर, भय, दहशत | -ज़दा - वि० भीत, डरा हुआ । -नाक- वि० डरावना । हेमंत - वि० [सं०] हेमंत संबंधी; जाड़े में उत्पन्न होनेवाला; जाड़े के उपयुक्त । पु० हेमंत ऋतु ।
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हैम - वि० [सं०] हिम-संबंधी; हिमसे उत्पन्न; जाड़ेमें होने वाला; बर्फ से ढका हुआ; हिमालय संबंधी; सोनेका बना हुआ; सोनेके रंगका । पु० हिम, पाला; ओस । -मुद्रा, - मुद्रिका - स्त्री० सोनेका सिक्का । वल्कल - वि० सोनेका पत्तर चढ़ा हुआ हैरत - स्त्री० [अ०] अचंभा, विस्मय। -अंगेज - वि० विस्मयजनक | -ज़दा - वि० चकित, विस्मित; भौचक्का । हैरान - वि० [अ०] चकित; हतबुद्धि, भौचक्का; परेशान । हैरानी - स्त्री० [अ०] विस्मय; परेशानी । हैवान - पु० [अ०] प्राणी; पशु । वि० (ला० ) उजड्ड । हैवानियत - स्त्री० पशुता; जंगलीपन । हैसियत - स्त्री० [अ० 'हैसीयत' ] ढंग, तौर; योग्यता; सामर्थ्य; बिसात; मालियत; आर्थिक योग्यता; धन-संपत्ति; दरजा, श्रेणी (जमीनकी है ० ) ; मान-प्रतिष्ठा । - दार- वि० हैसियतवाला, जिसके पास पैसा या जायदाद हो । हैहय - पु० [सं०] एक देश या वहाँका निवासी । -राजपु० सहस्रार्जुन ।
है-है- अ० खेद, दुःख आदिका सूचक शब्द, हाय-हाय । हाँ - अ० क्रि० 'होना' का संभावना सूचक (बहुवचन) रूप । हाँठ-पु० मुँहके बाहरका ऊपर या नीचेका भाग, ओष्ठ, दंतच्छद; घड़े आदिके मुँहका किनारा । मु० - काटना, - चबाना - क्रोध, शोक आदिके आवेशमें दाँतोंसे होंठको काटना । -चाटना -- कोई स्वादिष्ठ पदार्थ अधिक से अधिक खानेकी इच्छा करना; किसी अच्छी चीजका स्वाद याद आना । - चिपकना- किसी मनचाही मीठी चीजका नाम सुनते ही उसे पानेकी प्रबल इच्छा होना । - चूसना - अधर (रस) पान करना। -सी लेना-मौन हो जाना । - हिलाना - बोलना । हाँठोंपर छठीका दूध याद आ जाना - बहुत बड़ी मुसीबत में पड़ना । हाँठल - वि० बड़े-बड़े मोटे होंठोंवाला ।
हो - अ० क्रि० 'होना' का संभावनासूचक ( अन्य पुरुष, एकवचनका ) रूप; * 'होना' का सामान्य भूत, था । अ० संबोधन में प्रयुक्त शब्द, हे । होटल - पु० [अं० 'होटेल' ] द्रव्य देकर यात्रियों तथा अन्य
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लोगों के भी खाने, रहने, मनोरंजन आदिकी आधुनिक ढंगकी व्यवस्था से युक्त स्थान । होड़-स्त्री० किसी विषय में एक दूसरेसे बढ़ जानेकी चाह और प्रयत्न, लाग-डाट, चढ़ा ऊपरी, प्रतिस्पर्धा; किसी काममें हार-जीत होनेपर पूर्व निश्चयके अनुसार किसीको कुछ देने या उससे कुछ लेनेकी प्रतिज्ञा, बाजी, शर्त । होड़ाहोड़ी - स्त्री० दे० 'होड़' । अ० होड़ लगाकर । होतब, होतब्य - पु०, होतब्यता* - स्त्री० होनेवाली बात, भवितव्यता, होनहार ।
होतव्य - वि० [सं०] इवन करने योग्य ।
होता (तृ) - वि० [सं०] हवन करनेवाला । पु० मंत्र पढ़ते हुए यश कुंड में इव्य डालनेवाला व्यक्ति, यज्ञकर्ता, यज्ञ करानेवाला पुरोहित ।
होनहार - वि० होनेवाला, अवश्यमेव होनेवाला; भविष्य में उत्कर्ष समृद्धि आदिका आभास देनेवाला । पु०, स्त्री० भवितव्यता, अवश्यमेव घटित होनेवाली घटना, बात आदि । होना- अ० क्रि० कायम, मौजूद, विद्यमान रहना; परिस्थिति, अवस्था आदिमें परिवर्तन आना, एक स्थितिसे दूसरी स्थितिका आना, कुछसे कुछ होना; प्रस्तुत होना, बनना, तैयार होना; किसी कार्यका पूरा होना, निर्मित होना; शरीर में किसी प्रकारकी व्याधिका होना; समयका व्यतीत होना, दिन बीतना; किसी घटनाका घटित होना; उत्पन्न होना, पैदा होना; काम चलना, निकलना, किसी कामका हो जाना । मु० (जो) हुआ सो हुआजो घटना या बात हो चुकी उसके लिए चिंता करनेकी आवश्यकता नहीं; जो घटना या बात हो चुकी उसे पुनः भविष्य में न होने देना चाहिये, काम तो बुरा हुआ, अब फिर इसे कदापि न करना चाहिये। तो क्या हुआ ?जाने दो, कोई परवाह नहीं (नहीं करना चाहते हो तो कोई परवाह नहीं) | हुआ-हुआ- किसी से कोई काम न होनेपर कही जानेवाली उक्ति (व्यंग्यरूप में प्रयुक्त होनेके कारण यह विधिमें रहकर भी निषेधका अर्थ देता है); बहुत कुछ कह चुकनेपर किसीको मना करनेके लिए कही गयी बात । हो आना कहीं जाकर लौट आना; किसीसे भेंट मुलाकात करने जाना, मिलने जाना । होकर - पाससे, समीपसे, बीचसे, मध्यसे । होकर रहना - जरूर होना, अवश्य घटित होना । हो गुजरना - घटनाका घटित होना; समाप्त होना । हो चलना - समाप्ति के निकट आना; बहुत हो जाना। हो चुकना - समाप्त हो जाना, तमाम हो जाना; खर्च हो जाना; मर जाना; किसी बात, वस्तु आदिका सीमातक पहुँच जाना, हद हो जाना । हो जाना - काम पूरा हो जाना, काम बन जाना; कहीं आकर चला जाना; किसीसे मिलकर चला जाना; मर जाना; बन जाना, किसी भी क्षेत्र में स्थितिका अच्छा हो जाना; (किसी कामका) खत्म हो जाना; लड़ाईझगड़ा, मार-पीट हो जाना; कुछ लायक हो जाना; भूतप्रेतका प्रभाव पड़ जाना; भोजन आदिका तैयार हो जाना । होते हुए - दे० 'होकर' । हो न हो - कौन जाने (अनिश्चय -सूचनार्थ) । ( लाखोंमे एक) होना- किसीका अनेक में श्रेष्ठ होना, अत्यंत उच्च कोटिका होना ।
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