Book Title: Gyan Shabdakosh
Author(s): Gyanmandal Limited
Publisher: Gyanmandal Limited
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९२५
होना- हवाना - होना-जाना । होनेका - होनेवाला । होने लगना- किसी कामका आरंभ होना । हो पड़नाअकस्मात कुछ घटित हो जाना; अचानक झगड़ा तकरार हो जाना । हो बैठना - हो जाना, बन पड़ जाना; कुछ हो जाना, (बड़ा आदमी आदि ); दे० 'हो पड़ना' । हो रहना - हो जाना, होना । ( कहीँका) हो रहना - कहींसे लौटनेमें बहुत देर लगाना; कहीं से न लौटना । (किसीका) हो रहना- किसीका प्रिय या प्रेमी हो जाना। हो लेना - हो चुकना, समाप्त होना; पूरा होना, पूर्ण रूपसे होना; कोई मार्ग ग्रहण कर लेना; किसी पक्षका हो जाना; साथ चलना; पैदा होना, उत्पन्न होना; लड़ाईझगड़ा होना । (पीछे-पीछे) हो लेना -पीछे-पीछे जाना, चलना; किसीकी पैरवी करना । हो सो हो- चाहे जो कुछ हो ( निश्चयार्थक ) । हो हवा चुकना - हो चुकना । होनिहार* - वि०, पु०, स्त्री० दे० 'होनहार' | होनी - स्त्री० होनहार ।
होम - पु० [सं०] हवन, यज्ञ; गृहस्थों द्वारा नित्य किये जानेवाले पंच महायशोंमेंसे एक, देवयज्ञ । - कर्म (न्) - पु० यज्ञ-संबंधी कर्तव्य या विधियाँ। - द्रव्य - पु० हवनकी सामग्री, घी आदि ) - धान्य-पु० तिल । -धूमपु० होमकी अग्निका धुआँ । - भस्म (नू ) - पु० इवनकी राख । - शाला - स्त्री० यज्ञशाला । मु० - करते हाथ जलना- किसीका उपकार करते ( उपकार करनेवालेका) अपकार होना । - कर देना - बलिदान कर देना, उत्सर्ग कर देना; अग्नि में जला डालना; जलाकर नष्ट कर देना । होमना-स० क्रि० इवन करना; बलिदान करना; अर्पण करना; नष्ट करना ।
होमाग्नि- स्त्री०, होमानल - पु० [सं०] यज्ञाग्नि । होमियोपैथ - पु० [अ०] होमियोपैथिक पद्धतिके अनुसार चिकित्सा करनेवाला व्यक्ति ।
होमियोपैथी - स्त्री० [अ०] हनीमान द्वारा आविष्कृत एक चिकित्सा पद्धति ।
होरसा - पु० रोटी बेलने या चंद्रन आदि धिसनेका पत्थरका बना चौका |
होरहा - पु० चनेका फलदार हरा पौधा; आगपर भूना हुआ चने आदिका हरा दाना ।
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होरा - पु० दे० 'होला' । स्त्री० [सं०] ज्योतिष शास्त्रोक्त लग्न; ढाई घड़ी; आधी राशि; होराशापक शास्त्र; जन्म पत्री; चिह्न, रेखा । विदू - वि० जन्मपत्री देखनेमें कुशल | - शास्त्र - पु० फलित ज्योतिष | होरिल, होरिलवा, होरिला* - पु० शिशुः नवजात शिशु होरिहार* - पु० होली खेलनेवाला ।
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होरी - स्त्री० दे० 'होली'; जहाजपर माल लादने और उसपर से उतारने के काम आनेवाली बड़ी नाव । होला - पु० मटर आदिकी आगपर भूनी हुई फलियाँ | स्त्री० [सं०] होलीका त्योहार । - खेलन- पु० फाग खेलना |
होलाका - स्त्री० [सं०] वसंतोत्सव, होलीका त्योहार । होलाष्टक - पु० [सं०] होली के पूर्वके आठ दिन जिनमें विवाह नहीं होता ।
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होनहार - हौ
होलिका - स्त्री० [सं०] होलीका त्योहार; लकड़ी, पेड़, घास-फूस आदिका ढेर जिसका दहन होलीके दिन होता है; एक राक्षसी जो हिरण्यकशिपुको भगिनी थी । होली - स्त्री० होलीका त्योहार; एक प्रकारका गीत जो विशेष रूपसे होली के अवसरपर गाया जाता है; दे० 'होलिका' । मु० - खेलना - फाग खेलना, एक दूसरेपर रंग आदि डालना ।
होश- पु० [फा०] जीवकी अपनी संज्ञा, जीवित रहनेका ज्ञान, चेतना; सुधबुध, स्मरण; अक्कु, बुद्धि, समझ । - मंद - वि० बुद्धिमान्, समझदार - हवास-पु० सुधबुध । मु० - आना - समझ आना, समझदार होना, चतुर होना,
बुद्धि आना; आपमें आना, चेतनायुक्त होना । - उड़ जाना, - उड़ना, - उड़ा देना, - उड़ाना - बदहोश हो जाना, घबड़ा जाना; आश्चर्यचकित हो जाना, हैरत में आ जाना; अक्कु खोना । काक्रूर होना- दे० 'होश उड़ जाना' । - खोना - दे० 'होशसे बाहर होना' । -गुम होना - होश उड़ना । - जाता रहना, -जाना - दे० 'होश उड़ जाना' । -ठिकाने रहना - होशहवास दुरुस्त रहना । - ठिकाने होना - अक्कु ठीक होना । - दंग होना - दे० 'होश उड़ना' । -दिलाना-स्मरण कराना, याद दिलाना । न रहना-खबर न रहना, होश उड़ जाना; बेहोश हो जाना । न होना - होश- हवास दुरुस्त न होना । - बाख्ता होना- दे० 'होश उड़ जाना' । - बिखरना- दे० 'होश उड़ जाना' । - में आना - ज्ञान प्राप्त करना, अक्ल हासिल करना; तमीज सीखना, व्यवहार सीखना; समझदार, होशियार होना; आपेमें आना, सँभलना । - रखना - बुद्धिमान् होना, अक्ल रखना । - सँभालना - सयाना होना, बड़ा होना; आचार-व्यव हार, तमीज सीखना । -से बाहर होना-चेतनाहीन होना, बेहोश होना, बेखुद हो जाना। - हवा होना, - हिरन होना - दे० ' होश उड़ जाना' । - होना - अक्कु होना; खबर होना; होश-द्दवास दुरुस्त होना; किसी प्रकारके नशे में न होना; बड़ा होना, सयाना होना । होशियार - वि० [फा०] अक्कुमंद, बुद्धिमान्; खबरदार, सावधान, सजग; प्रवीण; अनुभवी । मु० - करना - असावधानको सावधान करना । -रहना - सावधान रहना, चौकस रहना । - हो जाना - सावधान हो जाना । होशियारी - स्त्री० [फा०] बुद्धिमानी; सावधानी; चालाकी । होस * - पु० दे० 'होश' |
होस्टल - पु० [अ० 'होस्टेल'] छात्रावास |
हाँ। - सर्व० उत्तम पुरुष एकवचन सर्वनाम, मैं । अ० क्रि० वर्तमानकालिक क्रिया 'होना' के उत्तम पुरुष एकवचनका रूप हूँ |
हाँकना - * अ० क्रि० हुंकारना, गर्जन करना; हाँफना; + स० क्रि० पंखे आदिको हवासे आगको दहकाना; पंखे आदिसे हवा करना ।
हाँस - स्त्री० दे० 'होस' |
हौंसला - पु० दे० 'हौसला' ।
हो* - अ० क्रि० 'होना' का मध्यम पुरुष एकवचन का वर्त मानकालिक रूप, हो; 'होना' का भूतकालिक रूप, था;
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