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हाथ
पड़ जाना। - घिस जाना बहुत ही परिश्रम से कोई ( हाथका ) काम बहुत देरतक करना । -चढ़ना - दे० 'हाथ आना' । - चमकाना- औरतों की तरह हाथ उठा, हिलाकर बातें करना; औरतोंका हाथकी उँगलियाँ टेढ़ी कर हाथ हिलाना; तलवारको म्यानसे निकालकर हिलाना । - चलना-किसीके द्वारा कामका अच्छी तरह किया जाना; किसीका मारनेकी ओर अधिक प्रवृत्त होना । -चलाना- किसी कामको भली भाँति करना; मारना । - चूमना-किसीके हाथकी कारीगरीसे प्रभावित होकर उसके हाथोंको चूमना । -छुटा होना - बेधड़क मारनेकी आदत होना । - छूटना - मारनेके लिए प्रवृत्त होना, मारनेके लिए हाथ उठना; वैवाहिक संबंधका विच्छिन्न होना । - छोड़ना - मारना; वैवाहिक संबंध भंग करना । - जड़ना - तमाचा लगाना, थप्पड़ मारना, प्रहार करना, मारना । - जमना - तमाचा, थप्पड़ पड़ना, प्रहार होना; किसी हाथके कामके करने में हाथका अभ्यस्त होना, किसी व्यक्तिका किसी हस्तकौशल में निपुण, प्रवीण होना । - जमाना - दे० 'हाथ जड़ना'; किसी हस्तकौशल में हाथको अभ्यस्त, निपुण करना, किसी इस्तकौशलमें कुशल होना । - जोड़ देना- हार मान लेना; क्षमा माँग लेना । —जोड़ना- प्रायः साक्षात्कार होनेपर दोनों हाथोंको मिलाकर अभिवादन करना, नमस्कार, प्रणाम करना; प्रार्थना, अनुनय, विनय करना; मारे डरके किसीको हाथ जोड़कर क्षमा-याचना करना, प्रार्थना करना; संबंध-विच्छेद करना ( व्यंग्य ) । - झाड़कर खड़ा हो जाना - पासमें एक पैसा भी न होनेकी बात करना । - झाड़कर जाना - जुए आदिमें रुपया-पैसा हारकर खाली हाथ जाना। - झाड़ना-दे० 'हाथ झाड़कर खड़ा होना'; तड़ातड़ थप्पड़, पटाका मारना, प्रहार करना; मार-पीट, युद्ध में खुलकर अस्त्र-शस्त्र चलाना । - झुलाते आना - दे० 'हाथ हिलाते आना' ।-झूठा होना, - झूठा पड़ना - हाथ सुन्न होना, हाथका काम करनेके योग्य न रहना; वार खाली जाना। - टेकना - सहारा, सहायता लेना । - डालना - कोई काम आरंभ करना; किसी काममें दखल देना; द्रव्य आदि लूटना । - तंग होना- रुपये-पैसे की कमी होना । - तकना- किसी के भरोसे रहना, किसीपर अवलंबित होना । - दिखाना - हस्तरेखाविद्को भूत, भविष्य के संबंध में जानकारीके लिए हाथ की रेखाएँ दिखाना; वैद्यको नाड़ी दिखाना । - देखना- भूत, भविष्यकी बातोंको बतानेके लिए हस्तरेखा देखाना; नाड़ी देखना । देना- सहायता देना, सहायक होना; वचन देना ( वाग्बद्ध होते समय लोग आपस - में हाथ मिला लेते हैं ); बाजी लगाना; जुआ जादिके खेल में बाजी हारना; मारना पीटना; रुकने के लिए इशारा करना । - धरना-सहारा देना, सहायता करना; रक्षा करना; किसीको कोई काम करनेसे रोकना, मना करना; पाणिग्रहण करना । - धोकर पीछे पड़नाजी-जान से किसी काम में (विशेषकर किसीका अनिष्ट करनेमें) जुट जाना | -धोना, -धो बैठना-खो देना, खो बैठना । - पकड़ते पहुँचा पकड़ना - थोड़ीसी रिआ
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यत पा जानेसे ही बहुत हिलमिल जाना; थोडासा सहारा मिल जानेपर अधिक प्राप्तिका अवसर ढूँढ़ना ( दे० 'उँगली' के मु० में ) |- पकड़ना - दे० 'हाथ धरना' । - पकड़े की लाज करना, - पकड़ेकी लाज रखना- किसीको वचन या आश्रय देकर उसका निर्वाह करना । -पड़ जाना - बिना परिश्रम, प्रयत्नके, यों ही किसी वस्तुका मिल जाना; चोरी हो जाना। -पढ़ना-दे० 'हाथ आना'; लूटा जाना । पत्थर तले दबना-संकट में पड़ना, किसीपर विपत्ति आ जाना; किसी चलते कामको एकदम रोक देनेके लिए बाध्य, विवश होना। -पर तोता पालना-अपने हाथके घाव, फोड़े, फुंसीको अच्छा न होने देना; अपने हाथको चोटेल, जख्मी करना । - पर धरा रहना- किसी वस्तुका किसीके लेनेके लिए हाथपर होना, तैयार रहना । -पर धरा हुआ होनाकिसी वस्तुका हर वक्त पास या तैयार रहना । - पर नाग खेलाना-जान जोखों डालना, प्राणको संकटमें डालना । - पर हाथ धरकर बैठ जाना-निराश हो जाना - पर हाथ धरे बैठना, बैठे रहना-कुछ काम न करना, निरुद्यम होना, आलसी होना । - पर हाथ मारना - वाग्बद्ध होना, प्रतिज्ञा करना; बाजी लगाना । - पसारना - याचना करना, माँगना; भिक्षा माँगना । -पसारे जाना - इस संसारसे बिना कुछ लिये परलोक जाना, इस जगत् से खाली हाथों जाना। -पाँव कहने में होना - हाथ-पैरका काबू में रहना । -पाँवका जवाब देना, - पाँवका हारना - अस्वस्थता या बुढ़ापेके कारण शरीरका काम करनेके योग्य न रह जाना। -पाँव चलना - उद्योगी होना; शरीर में शक्तिका रहना । - पाँव चलाना - उद्योग करना, कर्मशील होना । -पाँव ठंडे होना - मरणासन्न होना; मृत्यु होना, मर जाना; अत्यंत भीत होना; स्तब्ध होना, काठ मार जाना । - पाँव पटकना - तड़फड़ाना, छटपटाना । पाँव फूलना - विपत्ति से घबड़ा जाना । -पाँव फैलाना - उन्नति करना; कार्यक्षेत्र बढ़ाना | - पाँव बचाना- किसी कष्ट, खतरे आदिसे शरीरको बचाना। - पाँव मारना - तैरनेमें हाथ-पैर हिलाना, चलाना; खूब कोशिश करना, कष्ट सहते हुए भी प्रयत्न करना; खूब काम करना; पीड़ा, शोक आदिसे तड़फड़ाना, छटपटाना | -पाँव सीधे करना - सीधा लेटकर हाथ-पाँवको आराम देना । - पाँव हारना - निःशक्त होना; निराश होना; साहसद्दीन होना । - पाँव हिलाना - दे० ' हाथ-पाँव मारना' ।-पीले करना - विवाह करना । - फेंकना - जुए आदिके खेलमें अपनी पारीपर कौड़ी, पासा आदि फेंकना । फेर देना- किसी वस्तुको चुरा, उड़ा लेना । - फेरना-प्यारसे किसीकी पीठ, किसीका सिर सहलाना, लाड़-प्यार करना । - फैलाना - याचना करना। -बँटाना-सहायता देना, सहयोग करना । - बचाना - आक्रमण रोकना, वार बचाना | - बढ़ाना- कोई वस्तु लेने, पकड़ने आदिके लिए हाथ आगे करना, फैलाना; अपने अधिकार, हक, अपनी सीमासे अधिक माँगना, जाना। - बाँधे खड़ा रहना, - बाँधे रहना - हाथ जोड़े खड़ा रहना; सेवाभि
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