Book Title: Gyan Shabdakosh
Author(s): Gyanmandal Limited
Publisher: Gyanmandal Limited

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Page 922
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ९१३ मुख रहना, खिदमतके लिए हर वक्त तैयार रहना । ( किसीके ) -बिकाना- किसीका क्रीत दास होना, विवश हो, किसीके कहनेके अनुसार काम करना । - बैठना - दे० 'हाथ जमना'। -भरका कलेजा होनाबहुत खुश होना; खुशीसे दिल बढ़ जाना। -भरकी ज़बान होना - कटुभाषी होना, गुस्ताख होना; खाद्य पदार्थोंका लालची होना ।-भरा होना- धनवान्, दौलमंद होना; हाथमें किसी चीज (मेहँदी आदि) का लगा रहना । - मँजना - दे० ' हाथ जमना' । - मलना - पछताना, पश्चाताप करना । - माँजना -अभ्यास करना । - मारना -हाथ साफ करना; हाथपर हाथ मारना, बाजी लगाना; किसी वस्तुको सफाईसे चुरा लेना, गायब करना, हड़पना; अच्छा भोजन मिलनेपर खूब खाना; कुशलतापूर्वक किसीपर हथियारका वार करना । ( उलटा ) - मारना - प्रत्याक्रमण करना, वारका जवाब वारसे देना । -मिलानासाक्षात्कार होनेपर अभिवादनके रूप में आपस में हाथका मिलाना (यह अंगरेजी प्रथा है); कुश्ती लड़नेके पूर्व लड़नेवालेसे हाथ मिलाना; रोजगारियोंका आपसमें सौदा तै करना, खरीद फरोख्त करना । -माँजना - दे० 'हाथ मलना' । - मुँहपर रख देना- बोलने न देना । -में करना - बलात् या प्रेमपूर्वक किसीको वश में करना; अधिकार करना । - में जाना- किसीके अधिकार में जाना, किसी के पास पहुँचना । -में ठीकरा देना- किसीकी आर्थिक स्थिति खराब कर उसे गरीब, भिखारी बनाना । - में पड़ना - दे० 'हाथ आना' - में लेना- किसी कामका जिम्मा अपने ऊपर लेना, किसी कामकी जिम्मे दारी अपने ऊपर ओढ़ना; पकड़ना । - में सनीचर आना - बहुत गरीब हो जाना। - में हाथ देनापाणिग्रहण कराना, ब्याह कराना। - में हुनर होनाहाथकी कारीगरीमें काबिल होना । - में होना - वशमें होना, अधिकारमें होना । - रँगना - कोई अकरणीय कार्य कर बदनाम होना; हाथमें मेहँदी लगाना, हाथको मेहेंदीसे रँगना; घूस लेना । ( किसीके सिरपर ) - रखनाकिसीका रक्षक, प्रतिपालक होना । - रोकना- किसी कामके करनेमें अड़ंगा लगाना, किसी कामके करने में बाधा उपस्थित करना; काम करना बंद करना; किसीको मारते-मारते रुकना; किसी कारणवश किसीको मारनेके लिए उद्यत होकर भी न मारना । - लगना - अधिकार में आना, मिलना; किसी द्वारा किसी कामका होना; किसी चीजका किसी के हाथ से छू जाना, स्पर्श हो जाना; किसी कामका शुरू, आरंभ होना; गणितके प्रश्नोंमें दद्दाईकी संख्याका आगे जोड़नेके लिए बचना । - लगाना- कोई काम आरंभ करना; किसी चीजको छूना । —लगाये कुम्हलाना - अत्यंत कोमल, निहायत नाजुक होना । - लगे मैला होना- किसी वस्तुका इतना चमकदार और स्वच्छ होना कि वह छूनेमात्रसे मैली हो जाय । -लपकाना - हाथ बढ़ाना ।-समेटना - दे० 'हाथ खीँचना' । - साधना - दे० 'हाथ आजमाना'; दे० 'हाथ माँजना'; दे० 'हाथ साफ करना' । (किसी पर) - किसीको मार डालना; हड़पना; दे० 'हाथ मारना' । | - साफ करना Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हाथ - हामी - से काम निकलना- किसीके जरिये कोई काम होना । - से जाना, - से निकलना-हाथसे छूट, गिर जाना; किसी के काबू, वशके बाहर होना; अधिकार में न रहना । - से दिल जाना) - से दिल फिसलना- किसीपर मुग्ध, आशिक होना । - हिलाते भाना-खाली हाथों आना, बिना पैसा-कौड़ी लिये आना । - होना - वश, सहयोग या कारस्तानी होना । - (याँ) उछलना - खूब तड़पना; खूब कूदना । कलेजा उछलना-अत्यंत उत्साहित होना; अत्यंत प्रसन्न होना। - के तोते उड़ जानाभौंचक्का होकर रह जाना। - में रखना - बड़े प्यारसे पालना, रखना । ( दोनों ) - समेटना - खूब धन एकत्र करना । - हाथ - एक हाथसे दूसरे हाथमें, तुरत, शीघ्र । - हाथ उठाकर ले जाना - ऊपर ही ऊपर ले जाना । हाथ उड़ जाना, बिक जाना-तुरत, दम मारते भर में बिकना । - हाथ लेना - अत्यंत आदर के साथ स्वागत करना । हाथा - पु० हथियार आदिका दस्ता, मुठिया; खेत सींचने का एक औजार, हत्था; दीवारपर पंजेसे डाली हुई ऐपनकी छाप । - छाँही - स्त्री० लेन-देन आदि में धूर्तता करना । - पाई, - बाँही - स्त्री० ऐसी सामान्य लड़ाई जिसमें लड़नेवाले एक दूसरेको हाथ-पैर के बलसे मारते, पटकते हैं, उठा-पटक भिड़ंत । हाथी-पु० हस्ती, एक सूँड़दार चौपाया जो बहुत बड़ा होता है और पालतू बनाकर सवारीके काममें भी लाया जाता है; शतरंजका एक मोहरा । * स्त्री० हाथका सहारा । - खाना - पु० इस्तिशाला, फीलखाना । दाँतपु० हाथी के मुँहके बाहर निकले हुए गोल और लंबे दाँत जिनसे आभूषण, सजावट के सामान आदि बनाये जाते हैं । - पाँव - पु० फीलपाँव नामक रोग । -वान - पु० महावत । मु० - के साथ गन्ने खाना- ऐसे व्यक्तिकी बराबरी करनेकी चेष्टा करना जिसकी बराबरी करना संभव न हो । - पर चढ़ना - बहुत बड़ा सम्मान प्राप्त करना; बहुत धनी होना । -पर चढ़ाना - बहुत सम्मान देना । हादसा, हादिसा- पु० [अ०] दुर्घटना, विपद् । हान- पु० [सं०] परित्याग; नुकसान; विफलता । हानि - स्त्री० [सं०] परित्याग; नुकसान, क्षति; विफलता; अनस्तित्व, लोप; हास; उपेक्षा; क्षय; कमी; त्रुटि; बरबादी । - कर, कारक, -कारी (रिन् ) - वि० हानि पहुँचानेवाला, अपकारी । - लाभ-पु० व्यापारादि या किसी काममें होनेवाला नुकसान और फायदा । मु० - उठाना -घाटा सहना, नुकसान बरदाश्त करना । हाफ़िज़ - वि० [अ०] हिफाजत करनेवाला, रक्षक (खुदाहाफ़िज़ - ईश्वर रक्षक है) । पु० वह आदमी जिसे पूरा कुरान कंठ हो । हामिल - वि० [अ०] बोझ उठानेवाला; ले जानेवाला । हामिला - स्त्री० [अ०] गर्भवती स्त्री । हामी - स्त्री० स्वीकृति | वि० [अ०] हिमायत करनेवाला, पृष्ठपोषक सहायक | मु० - भरना- किसी कामको करनेकी स्वीकृति देना, स्वीकार करना । For Private and Personal Use Only

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