Book Title: Gyan Shabdakosh
Author(s): Gyanmandal Limited
Publisher: Gyanmandal Limited

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Page 923
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हाय-हास्य ९१४ शाका हाय-अ० मानसिक और शारीरिक पीड़ा होनेपर मुखसे समाचार । अ० * हाल में; अभी, तुरत। -का-थोड़े निकलनेवाला शब्द । स्त्री० व्यथा, कष्ट, तकलीफ ।-हाय दिनोंका, कुछ ही दिन पहलेका ।-में-थोड़े दिन पहले। -अ० दे० 'हाय' । स्त्री० दे० 'हाय'; व्यस्तता, परेशानी, हालत-स्त्री० [अ०] दशा, अवस्था; आर्थिक स्थिति । घबड़ाहट । मु०-करके रह जाना-विवश होकर शारी- | हालना*-अ० क्रि० हिलना-डोलना; काँपना; झूमना । रिक या मानसिक पीड़ा सह लेना। -पड़ना-कष्ट देने- हालरा-पु० बच्चोंको गोदमें लेकर हिलाना; झटका, झोंका; वालेको किसीको दिये हुए कष्टका बुरा परिणाम मिलना। पानीका झटका, झोका, लहर । हाय करना-परेशान होना, बस्त रहना । —होना- | हालहल-पु० [सं०] दे० 'हलाहल'। किसीके सुख, वैभव आदिको देखकर पीड़ा होना, डाह | हालाँकि-अ० यद्यपि, गोकि । करना। हाला-स्त्री० [सं०] मद्य, शराब । हायन-पु० [सं०] संवत्सर, वर्ष; अग्निशिखा । हालात-पु० [फा०] 'हाल'का बहु०, दशाओंकी समष्टि, हायल-वि० बीचमें आनेवाला, रुकावट डालनेवाला, परिस्थिति वृत्त, समाचार । बाधक; * चोटैल, घायल, दुःखीलांत । हालाहल-पु० [सं०] एक विषैला पौधा; इसकी जड़से हार-स्त्री० जीतका उलटा, पराजय, असफलता ।-जीत- | बना हुआ घातक विष; समुद्रमंथनसे प्राप्त विष । स्त्री० जय-पराजय । मु०-खाना-पराजित होना, हार हालिक-वि० [सं०] हल-संबंधी। पु० हलवाहा, कृषक, जाना । -देना-पराजित करना । किसान; हल खींचनेवाला (जैसे बैल); शस्त्रके रूपमें हल हार-* पु० जंगल; हाल-'हारिल बिनवै आपन हारा'- लेकर लड़नेवाला व्यक्ति एक छंदका नाम, कसाई, बूचड़ । ५० । वि० [सं०] ले जानेवाला; हरण करनेवाला; चुराने- हाली-वि० [अ०] वर्तमान कालका; सामयिक । । अ० वाला; (कर) बैठाने, लगाने, उगाहनेवाला। पु० हरण; अभी, तत्काल । जन्ती; क्षया श्रांति; हानि माला; मुक्तामाला; वियोग । हाव-पु० [सं०] स्त्रियोंके हृदयमें शृंगार, प्रेमका भाव -गुटिका-स्त्री० मालाका मोती या दाना। उदित होनेपर उनके द्वारा की गयी स्वाभाविक चेष्टाएँ हारक-वि० [सं०] हरण, ग्रहण करनेवाला; चुरा या लूट जो पुरुषोंको आकृष्ट करती हैं। -भाव-पु० नाजलेनेवाला; आकृष्ट करनेवाला; मोहक । पु० चोर लुटेरा नखरा, चोचला । ठग; खल; जुआरी; भाजक (गणित); मोतियोंकी लड़ी। हावन-पु० [फा०] कूटनेका बरतन, खल । -दस्ता-पु० हारद-वि० हृदय-संबंधी, हार्दिक । खल-बट्टा। हारना-अ.क्रि० युद्ध, खेल, प्रतियोगिता, मुकदमे आदिमें | हावहाव-स्त्री. किसी वस्तुको प्राप्त करनेकी लालच भरी असफल, पराजित होना; थकना । स० क्रि० खोना; देना। त्यागना। हावी-वि० [अ०] घेरनेवाला, दबा रखनेवाला। हारमोनियम-पु० [अं॰] एक संदूकनुमा अँगरेजी वाजा। हाशिया-पु० [अ०] गोट, किनारा कोरा लिखते समय हारला-पु० दे० 'हारिल'।। | पृष्ठके किनारे खाली छोड़ी हुई जगह; हाशियेपर लिखित हारवार*-स्त्री० हड़बड़ी, उतावली, जल्दबाजी। टीका, फुटनोट; टीकाकी टीका । मु०-चढ़ाना-गोट हारा-प्र० 'वाला'-सूचक एक प्रत्यय । [स्त्री० 'हारी'।] टाँकना या टीका लिखना; अपनी ओरसे कुछ जोड़ना, हारावलि, हारावली-स्त्री० [सं०] मोतियोंकी लड़ी। बढ़ाना, नमक-मिर्च लगाना । -(ये)का गवाह-वह हारि-वि० [सं०] रुचिर, मनोहर । पु० हार, पराजय, गवाह जो किसी दस्तावेजके हाशियेपर अपना नाम लिखे जुएमें दाँव हारना । * स्त्री० थकावट । या सही बनाये। हारिल-पु. एक पक्षी जो अपने चंगुल में पतली लकड़ी | हास-पु० [सं०] हँसनेकी क्रिया, हँसी; प्रसन्नता, खुशी लिये रहता है। हास्य रसका स्थायी भाव ( सा०); उपहास; मजाक, हँसी हारी(रिन)-वि० [सं०] हरण करनेवाला, अपहारका दिल्लगी; खिलना, विकास । वहन करनेवाला, वाहक; चोरी करने, लूट लेनेवाला | हासक-पु० [सं०] मजाकिया, विदूषक, हँसोड़ । नाश करनेवाला; अस्त-व्यस्त करनेवाला, गड़बड़ करने- हासिल-वि० [अ०] जो कुछ बचा हो; जो कुछ हाथ लगे, वाला; ग्रहण करनेवाला,लेनेवाला; इकट्ठा करने, उगाहने- लब्ध । पु० वस्तुका अवशेष; लाभ; उपज; नतीजा । मु० वाला; मोहक, मनोहर आनंदकारी, प्रसन्न करनेवाला । -आना-(गणित) आगे जोड़ने या लिखे जानेके लिए हारीत-पु० [सं०] चोर; शठा धूर्त चोरी; एक कबूतर। , बच रहना, हाथ लगना ( ग्यारह दुना बाईसके दो, हारौल-पु० दे० 'हरावल। हासिल आयी दो) । -करना-पाना; कमाना; पैदा हार्दिक-वि० [सं०] हृदय-संबंधी, आंतरिक, दिली। करना। -होना-मिलना, हाथ लगना। हार्य-वि० [सं०] हरणयोग्य; ग्रहण करने योग्य, ग्रहणीयः | हास्तिक-वि० [सं०] हाथी-संबंधी। पु. महावत, पीलवहन करने योग्य हटाये जाने योग्य । वान; हाथीपर चढ़नेवाला व्यक्ति हाथियोंका झुंड । हाल-सौ. लकड़ीके पहियेपर चढ़ाया जानेवाला लोहेका हास्य-वि० [सं०] हँसने योग्य; उपहास्य; हास्यजनक । पट्टा हिलना, कंप; झोका, झटका । -गोला-पु० गेंद । पु० हँसी; आनंद, प्रसन्नता; मजाक, दिल्लगी; एक रस -डोल-पु० हिलना-डुलना; हलचल । (सा०)। -कथा-स्त्री० हँसी-उत्पन्न करनेवाली वार्ता। हाल-पु० [अ०] वर्तमान काल; दशा, अवस्था; वृत्तांत, | -कर,-जनक-वि० हास्योत्पादक, हँसी उत्पन्न करने For Private and Personal Use Only

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