Book Title: Gyan Shabdakosh
Author(s): Gyanmandal Limited
Publisher: Gyanmandal Limited

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Page 911
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हमाहमी-हरताल ९०२ हमाहमी-स्त्री० अनेकके स्वार्थ में अपने स्वार्थ के लिए दौड़- आकृष्ट करनेवाला; हकदार; विभाजन करनेवाला; कब्जा धूप, स्वार्थपरायणता; अपने अहंभावको ही आगे करनेका करनेवाला । पु. शिव; भाजक भिन्नका निम्नांक; ग्रहण । यत्न । मु०-करना-स्वार्थपरायण होना, स्वाथी होना, -गिरि-पु. कैलास पर्वत ।-गौरी-स्त्री० शिवकी अर्थअपने अहंकारकी तुष्टिके लिए यत्न करना, अपनी बात | नारीश्वर मूर्ति ।-द्वार-पु. [हिं०] हरिद्वार । -बीजजबरदस्ती मनवानेका प्रयत्न करना । पु० शिवका वीर्य पारद, पारा । -वाहन-पु० (शिवका हमीर-पु० दे० 'हम्मीर'। वाहन) बैल । -शेखरा-स्त्री० गंगा । -सूनु-पु. हमे -सर्व०'हम'का कर्म तथा संप्रदान कारकका रूप,हमको। कात्तिकेय, गणेश ।-हार-पु० शेषनाग, सर्प । हमेल-स्त्री० सोने या चाँदीके गोल सिक्को या सिक्केके | हर-वि० [फा०] प्रत्येक ।-एक-वि० प्रत्येक । -कहीं रूपमें गढ़े हुए धातुखंडोंमें कोंदा लगाकर बनी हुई माला । | अ० हर जगह । -चंद-भ० जिस कदर, कितना ही। हमेव*-पु. अहंकार, घमंड । -जाई-वि० मारा-मारा फिरनेवाला, आवारागर्द; सब हमेशा-अ० [फा०] सदैव । जगह जानेवाला । वि० स्त्री० व्यभिचारिणी, कुलटा । हमेस, हमेसा*-अ० दे० 'हमेशा'। -तरह-अ० हर हालतमें । -दम-अ० हमेशा । हम*-सर्व० दे० 'हमें। -फ्रन मौला-वि० हर एक फन जाननेवाला ।-रोज़हम्द-पु० [फा०] ईश्वरस्तुति, ईश्वरकी महिमाका गान । अ० प्रति दिन । हम्माम-पु० [अ०] स्नानका स्थान; गरम स्नानागार। हर*-पु० दे० 'हल'। -पुजी-स्त्री० हलका पूजन जो -की लंगी-नहानेकी लुंगी; (ला) वह चीज जो हर किसान कात्तिकमें करते हैं। -वाह-वाहा-पु० हल आदमीके काममें आये। जोतनेवाला । -वाही-स्त्री० हल जोतनेका काम या हम्मार*-सर्व० दे० 'हमारा' । मजदूरी। हम्माल-पु० [अ०] बोझ उठानेवाला, मोटिया, कुली। हरएँ*-अ० धीरे-धीरे, आहिस्तेसे-'दिनकर तनया स्याम हम्मीर-पु० रणथंभोरका एक वीर नरेश (चौदहवीं सदी)। जल द्वै घट भरे बनाइ । ताके भर गए भये हरएँ धारति जो अलाउद्दीन खिलजीसे युद्ध करते समय मारा गया; [सं०] एक संकर राग । -नट-पु० एक संकर राग । हरकल-स्त्री० [अ०] हिलनाडोलना, गति, चेष्टा; स्वर; हयंद*-पु० अच्छा घोड़ा, बड़ा घोड़ा। (व्या०) स्वरसूचक चिह्न, मात्रा (जेर, जबर, पेश); काम हय-पु० [सं०] घोटक, घोड़ा; एक विशेष जातिका आदमी; बुरा काम, शरारत । मु०-करना-हिलना; चलना, सातकी संख्या; एक छंदका नाम; इंद्र धनु राशि । प्रस्थान करना (फौजका हरकत करना)। -देना-जेर, -कोविद-वि०, पु० अश्वविद्या जाननेवाला । -गृह- जबर, पेश लगाना। पु० धुड़सार, अश्वशाला। -ग्रीव-पु० विष्णुका एक हरकना*-स० क्रि० रोकना, वर्जन करना । रूप जो मधु-कैटभसे वेदोंका उद्धार करनेके लिए ग्रहण | हरकारा-पु० दूत डाकिया, डाक ढोनेवाला। किया गया था; एक दैत्य । -ज्ञ-पु० घोड़ेका व्यापारी; हरख*-पु० दे० 'हर्ष' । साईस । -नाल-स्त्री० घोड़ेसे खींची जानेवाली तोप। हरखना*-अ० कि० प्रसन्न होना, खुश होना। -निर्घोष-पु० घोड़ेके टापकी आवाज ।-प-पु०साईस। हरखाना*-अ० क्रि० दे० 'हरखना' । स० क्रि० खुश -प्रिय-पु० जी; जई ।-विद्या-पु० अश्व-संबंधी विद्या।। करना, प्रसन्न करना। -शाला-स्त्री० घुड़सार, अस्तबल । -शास्त्र-पु०,- हरगिज़-अ० [फा०] कभी, किसी हालत में । शिक्षा-स्त्री० घोड़ोंको शिक्षा देनेकी विद्या। -शीर्ष,- | हरज-पु० [अ०] हानि, क्षति; देर, समय-नाश; काममें शीर्षा (पन्)-वि० घोड़ेके सिरवाला । पु०विष्णु । होनेवाली रुकावट (करना, होना)। हयना*-स० क्रि० दे० 'हनना'; काटना-'प्रभु बहु बार हरजा-पु० [अ०] नुकसान; हरजाना, तावान । बाहु सिर हये'-रामा । हरजाना-पु० [फा०] नुकसानके बदले में दी जानेवाली हयांग-पु० [सं०] धनु राशि । रकम, क्षतिपूर्ति । हया-स्त्री० [अ०] लज्जा, शर्म । -दार-वि० लाज-शर्म- हर-वि० हृष्ट-पुष्ट, हट्टाकट्टा । वाला, लज्जाशील । -दारी-स्त्री० लज्जाशीलता । हरण-वि० [सं०] (समासांतमें) ले लेनेवाला; दूर करनेहयात-स्त्री० [अ०] जीवन, जिंदगी प्राण । वाला; धारण करनेवाला। पु० नष्ट करना; दूर करना; हयाध्यक्ष-पु० [सं०] अश्वपाल, घोड़ोंका निरीक्षक । ले लेना, छीन लेना चुरा लेना ले जाना या ले भाना; हयानन-पु० [सं०] हयग्रीव हयग्रीवके रहनेकी जगह । । भगा ले जाना; वंचित करना; भाग (गणित)। हयायुर्वेद-पु० [सं०] अश्वचिकित्सा-संबंधी शास्त्र । हरणीय-वि० [सं०] हरण करने, छीन लेने योग्य । हयारूढ, हयारोह-पु० [सं०] अश्वारोही। हरता*-पु० दे० 'हर्ता' । -धरता-पु० बनाने-बिगाड़नेहयालय-पु० [सं०] अश्वशाला, अस्तबल । वाला, सर्वेसर्वा सर्वशक्तिमान् । हयी-स्त्री० [सं०] घोड़ी। हरतार*-स्त्री० दे० 'हरताल'। हयी (यिन)-पु० [सं०] अश्वारोही; घोड़ेवाला। हरताल-स्त्री०गंधक और संखियाके योगसे बना एक पीला हर-वि० [सं०] हरण करनेवाला, दूर करनेवाला; नष्ट खनिज द्रव्य । मु०-फेरना,-लगाना-किसी बने कामकरनेवाला; लानेवाला; ले जानेवाला; ग्रहण करनेवाला | को बिगाड़ देना, नष्ट करना। For Private and Personal Use Only

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