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हसित-हहर हसित-वि० [सं०] हँसा या हँसता हुआ, जो हँसा है। हस्तांजलि-स्त्री० [सं०] हाथोंकी वह स्थिति जिसमें वे विकसित; जो हँसा गया है । पु० हास्य परिहास । गहराई बनाते हुए मिले हों, करसंपुट। हसिता(त)-वि० [सं०] हँसनेवाला ।
हस्तांतर-पु० [सं०] दूसरा हाथ; दूसरे हाथमें जाना। हसीन-वि० [अ०] सुंदर, हुस्नवाला प्यारा, लुभावना। -पत्र-पु. ( कानवेयेस) संपत्ति आदिके हस्तांतरणहस्त-पु० [सं०] शरीरका एक अवयव, हाथ; एक हाथचौबीस अंगुल-की एक माप, हाथीकी सैंड, हाथका एक हस्तांतरण-पु० [सं०] दूसरेके हाथ में देना; (ट्रांसफरेंस) विशेष विन्यास या मुद्रा; एक नक्षत्र । -कला-स्त्री० (संपत्ति, शक्ति, अधिकार आदिका ) एक व्यक्तिके हाथसे (मैनुअल आर्ट ) हाथसे किया गया कलात्मक काम, दूसरे हाथमें जाना या दिया जाना । हस्त-कौशल । -कार्य-पु. हाथसे किया जानेवाला हस्तांतरित-वि० [सं०] दूसरेके हाथमें दिया हुआ । काम, दस्तकारी। -कौशल-पु० हाथका काम करनेकी | (ट्रांसफर्ड ) (वह संपत्ति आदि) जो एकके हाथसे दूसरेके कुशलता।-क्रिया-स्त्री० दस्तकारी हस्तमैथुन ।-क्षेप- हाथमें गयी या दी गयी हो। पु० दूसरोंकी बात या काममें दखल देना, दस्तंदाजी। हस्ता-स्त्री० [सं०] हस्त नक्षत्र । -गत-वि० हाथमें आया हुआ, अधिकृत, प्राप्त ।-ग्रह- हस्ताक्षर-पु० [सं०] दस्तखत, सही। -कर्ता(त)-पु. पु० पाणिग्रहण, विवाह । -चापल्य-पु० हस्तकौशल, (सिग्नेटरी) वह जिसने किसी संधि-पत्र, आवेदन-पत्र हाथकी सफाई । -चालन-पु० हाथ हिलाना, हाथसे | आदिपर हस्ताक्षर किये हों। संकेत करना ।-तल-पु० हथेली।-त्राण-पु० अस्त्रादिसे हस्ताक्षरित-वि० [सं०] जिसपर हस्ताक्षर किया गया हो। हाथकी रक्षाके लिए धारण किया जानेवाला दस्ताना।। हस्ताग्र-पु० [सं०] हाथका अगला भाग, अँगुली। -दीप-पु० हाथकी लालटेन । -दोष-पु० नाप या हस्तामलक-पु० [सं०] हाथमेंका आँवला ( जो बिलकुल तीलमें चोरी करनेका दोष; हाथसे होनेवाली भल। स्पष्ट और बोधगम्य होनेका सूचक है)। -धारण-पु० हाथ पकड़कर सहारा देना; आघातका हस्ताहस्ति-स्त्री० [सं०] हाथापाई। निवारण करना; पाणिग्रहण । -पाद-पु० हाथ-पैर । हस्ताहस्तिका-स्त्री० [सं०] गुत्थमगुत्थी,दस्तबदस्त लड़ाई । -पुस्तिका-स्त्री० (मैनुअल) हाथमें आसानीसे आ जाने हस्तिनापुर-पु० [सं०] चंद्रवंशी नरेश हस्ती द्वारा निर्मित लायक, छोटी-सी पुस्तक; किसी लंबे-चौड़े विषयपर सार एक (प्राचीन) नगर जो वर्तमान दिल्लीसे लगभग ५७ रूपमें लिखी गयी लघु पुस्तक । -पृष्ठ-पु० हथेलीका | मील पूर्वोत्तर था। पृष्ठभाग । -प्रद-वि० सहारा देनेवाला । -प्राप्त-वि० हस्तिनी-स्त्री० [सं०] हथिनी; स्त्रियोंके चार भेदोंमेंसे एक हस्तगत । -मणि-पु० कलाई पर पहना जानेवाला रत्न । हस्तिनापुर । -मुद्रा-स्त्री० नृत्य में हाथकी भाव-सूचक विशेष स्थिति । हस्ती-स्त्री० [फा०] जीवित, विद्यमान होनेका भाव, -मैथुन-पु. शिश्नका हाथसे संचालन कर वीर्यपात अस्तित्व । मु०-खोना-नष्ट होना, (किसीके) नामोकरना । -रेखा-स्त्री० हथेलीपरकी रेखाएँ (जिनके निशानका न रहना । -मिटना-नाश होना; बरवाद आधारपर शुभाशुभ फल निकालते है)। -लक्षण-पु० होना। -मिटाना-नष्ट, बरबाद करना। -होनाहस्तरेखाओंका शुभाशुभ फल । -लाघव-पु० हाथकी जीवित, विद्यमान रहना; महत्त्वका होना। फुती, हाथकी कुशलता; हाथकी सफाई, बाजीगरी। हस्ती(स्तिन्)-वि० [सं०] कर-युक्त; सँड़वाला; कार्य-लिखित-वि० हाथका लिखा हुआ (ग्रंथादि)।-लिपि- कुशल । पु० हाथी। -पाल,-पालक-पु० पीलवान । स्त्री० हाथकी लिखावट, इस्तलेख । -लेख-पु० हाथकी -राज-पु० बहुत बड़ा हाथी; हाथियों के झुंडका मुखिया। लिखावट,चित्रादि ।-विज्ञापनक-पु० हैंडबिल) सिनेमा, -व्यूह-पु० हाथियोंसे बना एक तरहका व्यूह जिसमें सरकस आदि या किसी दवा, सार्वजनिक सभा इत्यादिका हाथी मध्य और पक्षमें रहते हैं। -शाला-स्त्री० गजवह छोटा विज्ञापन जो इधर-उधर हाथसे वितरित किया गृह, फीलखाना। -शुंड-पु० हाथोकी Vड़। जाय ।-विन्यास-पु० हाथोंकी स्थिति ।-विषमकारी- हस्ते-अ० हत्थे, द्वारा, मार्फत ।। (रिन्)-वि० हाथकी कुशलतासे बाजी जीतनेवाला। हस्त्य-वि० [सं०] हाथ-संबंधी; हाथसे किया हुआ हाथसे -श्रम-पु० (मैनुअल लेबर) हाथकी मेहनत, शारीरिक दिया हुआ। परिश्रम, व्रात ।-संवाहन-पु० हाथसे रगड़ना, मालिश | हस्त्यध्यक्ष-पु० [सं०] हाथियोंका निरीक्षक । करना या दबाना । -सिद्धि-स्त्री० हाथसे किया जाने हस्त्यायुर्वेद-पु० [सं०] हस्तिचिकित्सा संबंधी शास्त्र। वाला काम; हाथका श्रम ।-सूत्र,-सूत्रक-पु० विवाहके हस्त्यारोह-पु० [सं०] महावत, पीलवान । अवसर पर बाँधा जानेवाला मंगलसूत्र ।
हस्त्यारोही (हिन्)-पु० [सं०] हाथीका सवार । वि० हस्तक-पु० [सं०] हाथ; एक हाथकी माप हाथोंकी स्थिति | हाथीपर सवारी करनेवाला।
हस्तमुद्रा ताल (संगीत); ताली; करताल नामका बाजा। हस्ब-अ०[अ०] अनुसार, अनुकूल, मुताबिक ।-जाबिताहस्तांकित ऋणपत्र-पु० [सं०] (हैंडनोट) ऋण लेते समय । अ० जाबिते, कानूनके अनुसार, यथानियम । -(स्बे) हाथसे लिखा गया वह पत्र जिसमें लिखा रहता है कि जैल-अ० नीचे लिखे हुए ब्योरेके अनुसार ।-हैसियतऋण लेनेवाला निर्धारित अवधिके भीतर कुल रकम ब्याज अ० अपनी हैसियत, अपने वित्तके अनुसार। समेत चुका देगा, प्रोनोट।
| हहर-स्त्री० भय; चकपकाहट; प्रसन्नता-मिश्रित हड़बड़ी।
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