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संयोजक-संविदा संसर्गमें हो। पु० वह प्रेमी जो प्रियासे युक्त हो।
शक्ति हो।-शेष-पु० (कोजिंग बैलेंस) दिनका हिसाब संयोजक-पु० [सं०] जोड़ने, मिलानेवाला; शब्दों या बंद करते समय बची हुई रकम, रोकड़ बाकी । -स्कंधवाक्योंको जोड़नेवाला शब्द, सभा, समिति आदिकी. | पु० (क्लोजिंग स्टॉक) दिनका (या निर्धारित अवधिका) बैठकका भायोजन करनेवाला (कनवीनर ।)
लेन-देन समाप्त होनेके बाद गोदाममें बचा हुआ माल । संयोजन-पु० [सं०] जोड़ने, मिलानेकी क्रिया सभा- | सँवरना*-अ०कि. ठीक होना; सँभलना-'विधि अब समितिकी बैठकका आयोजन । -करना-अ० क्रि० (टु सँवरी बात बिगारी'-रामा० सज्जित होना । स० क्रि० कनवीन) सभा आदिका आयोजन करना, समाह्वान | स्मरण करना-'जौलहि जिऔं रातदिन सँवरौं ओहिकर करना।
नाँव'-प० । संयोज्य-वि० [सं०] जोड़ने, मिलाने योग्य ।
सँवरिया-वि० दे० 'साँवला' । पु० कृष्ण । संयोना*-सक्रि० दे० 'सँजोना।
संवर्ती सूची-स्त्री० (कॉनकरेंट लिस्ट) वह सूची जो एक संरक्षक-वि०, पु० [सं०] रक्षा करनेवाला, देख-भाल, साथ कई स्थानोंसे प्रकाशित की जाय । निरीक्षण करनेवाला, पालक आश्रयदाता ।
| संवर्द्धक, संवर्धक-वि० [सं०] बढ़ानेवाला; आवभगत संरक्षकता-स्त्री० [सं०] संरक्षक होनेका भावःसंरक्षकका कार्य करनेवाला, अतिथिपरायण । संरक्षण-पु० [सं०] रक्षा करनेकी क्रिया, हिफाजत; संवर्द्धन, संवर्धन-पु० [सं०] बढ़ना; पालन-पोषण विदेशी प्रतियोगिता आदिसे बचाना; देखरेख, निगरानी करना, उन्नत करना। निरीक्षण प्रतिबंध । -कर-पु० (प्रोटेक्टिव ब्ध टी) संवल-पु० [सं०] दे० 'संबल' । अनुचित प्रतियोगितासे देशी उद्योग-व्यवसायकी रक्षा सवाँ*-वि० सश, समान। -..."सोना सँवाँ सरीर' करनेके लिए बाहरी मालपर लगाया जानेवाला कर। -कबीर । संरक्षणीय-वि० [सं०] रक्षा करने योग्य; जिसे (विदेशी संवाद-पु० [सं०] वार्तालाप; बहस, वाद-विवाद, संदेश, प्रतियोगिता आदिसे) बचाना उचित हो; सुरक्षित रखने खबर विवरण; सहमति, स्वीकृति । -दाता(7)-पु० योग्य ।
समाचार भेजनेवाला। -विलोपन-पु० (ब्लैक आउट) संरक्षित-वि० [सं०] सुरक्षित; अच्छी तरह बचाया हुभा; सदाचारपत्रों में कुछ विशेष प्रकारके समाचारोंका जानसंरक्षण में लिया हुआ। -राज्य-पु० (प्रोटेक्टरेट) बह बूझकर छोड़ दिया जाना, बिलकुल ही प्रकाशित न किया छोटी तथा कमजोर रियासत जो सुरक्षाकी दृष्टिसे किसी जाना। बड़े राज्य के अधीन या माश्रित हो।
संवादन-पु० [सं०] राजी होना वार्तालाप करना; एकसंरक्ष्य-वि० [सं०] रक्षणके योग्य, देख-भाल करने योग्य । राय होना; बजाना। सरसी+-स्त्री० मछली फँसानेकी कँटिया, बंसी। संवादी(दिन)-वि० [सं०] बात करनेवाला; सहमत संराधन-पु० [सं०] प्रसन्न करना; पूजा आदिके द्वारा होनेवाला; सदृश, समान । पु० संगीतमें वह स्वर जिसका तुष्ट करना; (रिकांसिलियेशन) रूठे या असंतुष्ट व्यक्तियोंको वादीसे मेल हो और जो राग-विशेषमें वादीसे कम पर प्रसन्न करना, झगड़ेवाले दो पक्षों में पुनः अच्छे संबंध | अन्य स्वरोंसे अधिक महत्व रखता हो। स्थापित कराना; ध्यान; नारा; ऊँची आवाज ।
संवार*-पु० रचना समाचार । संराधित-वि० [सं०] पूजा आदिके द्वारा तुष्ट किया हुआ। सँवारना-स० क्रि० सुसज्जित करना,सजाना; ठीक करना, संराध्य-वि० [सं०] तुष्ट करने योग्य; ध्यान द्वारा प्राप्त तरतीबसे रखना; सँभालना। करने योग्य ।
संवारित-वि० [सं०] हटाया हुआ; वारित; ढका, छिपाया संलग्न-वि० [सं०] सटा, लगा या चिपका हुआ; संबद्ध हुआ। लीन।
| संवार्य-वि० [सं०] हटाने, दर रखने योग्य; मना करने संलाप-पु० [सं०] वार्तालाप, गपशप; अपने आप बकना योग्य; ढकने, छिपाने योग्य ।। या बड़बड़ाना ( पूर्वानुरागकी एक दशा); आवेगरहित संवावदक-वि० [सं०]सहमत होनेवाला, राजी होनेवाला । कथोपकथन (ना०)।
संवास-पु० [सं०] साथ बसना; मिलना-जुलना; बस्ती संलिप्त-वि० [सं०] गर्क, लीन; प्रसक्त, लगा हुआ। सभा, खेल आदिका सार्वजनिक स्थान सुगंध । संलेख-पु० [सं०] (डीड) कोई विधिक कृत्य या उसका संवासित-वि० [सं०] सुगंधित बनाया हुआ। प्रामाणिक ब्यौरा देनेवाला लिखित पत्र, दे० 'विलेख'। संवाहक-पु० [सं०] मुक्की लगानेवाला, बदन दबानेवाला संवत्-पु० [सं०] सन् , वर्ष, साल (संवत्सरका लघु रूप); नौकरः ले जानेवाला । वि. गति प्रदान करनेवाला, विक्रम संवत्सर वर्षगणनाका कोई वर्ष ।
चलानेवाला। संवत्सर-पु० [सं०] सन् , वर्ष विक्रम संवत् । संवाहन-पु० [सं०] ले जाना, ढोना; बदन दबाना । संवत्सरीय-वि० [सं०] हर साल होनेवाला, वार्षिक । संवित्-स्त्री० [सं०] दे० 'संविद्'। -पत्र-पु० संधिपत्र। संवर*-स्त्री० स्मरण, स्मृति हाल ।
संविद-वि० [सं०] चेतन, सशान । पु० करार, ठहराव । संघरण-पु० [सं०] रोकना, दबाना; निग्रह; ढकना, संविदा-स्त्री० [सं०] (कंट्रैक्ट ) कुछ निश्चित शतोंपर छिपाना; अंत करना; आवरण, ढक्कन चुनना, पसंद दो या दोसे अधिक पक्षोंके बीच होनेवाला समझौता; करना; पति चुनना। -शील-वि० जिसमें रोकनेकी ठहराव, करार ।
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