Book Title: Gyan Shabdakosh
Author(s): Gyanmandal Limited
Publisher: Gyanmandal Limited
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सूनृत-सूर्य
८७०
शूरण, I
रत-पु.
शूर्प-
ह न थी।
जीझर
सूनृत-वि० [सं०] सत्य और प्रियः प्रिय सद्भावपूर्ण । सिखाना; अति प्रसिद्ध पुरुषका परिचय देना। -पर सूप-पु० [अ०] पकी हुई दाल; रसा, जूस, मसाला थूकना,-पर धूल फेकना-नितांत निर्दोष जनपर बरतन; रसोइया; बाण । -कर्ता(१),-कार-कृत्- लांछन लगाकर खुद लांछित होना । पु० रसोइया, पाचक । -कारी*-पु० दे० 'सूपकार'। सूरण-पु० [सं०] शूरण, जमीकंद । -धूपक-धूपन-पु० हींग। -शास्त्र-पु० पाकशास्त्र। सूरत-पु० भारतका एक प्रसिद्ध नगर । * स्त्री० स्मरण, सूप-पु० अनाज फटकनेका छाज । -नखा-स्त्री० शूर्प- याद; सुध; [अ०] कुरानका एक अध्याय, रूप, शकल; णखा नामकी राक्षसी जो रावणकी बहन थी।-झरना- चित्र; सुंदरता, भेस; हालत, स्थिति; उपाय, ढब, ढंग, पु० एक तरहका सूप जो झरनेका भी काम देता है । तौर, लक्षण, रंग-ढंग; वस्तुका बाह्य रूप, ऊपरी हालत । सूपक-पु० रसोइया ।
-आशना-वि० शकल पहचाननेवाला, मामूली जानसूपच*-पु० दे० 'श्वपच'।
पहचानवाला । -आशनाई-स्त्री० जान-पहचान, अल्पसूपा-पु० [सं०] सूप, छाज ।
परिचय । वि० रूपकी पूजा करनेवाला; केवल रूप देखने सूपिक-पु० [सं०] सूपकार, रसोइया ।
वाला, जाहिर-परस्त । -शकल,-शक्ल-स्त्री० रूप । सून-पु० [अ०] ऊन; दवातमें डाला जानेवाला कपड़ा, -हराम-वि. जो ऊपरसे अच्छा और भीतरसे बुरा घावमें भरा जानेवाला कपड़ा।
हो, जिसकी सूरतसे धोखा हो। -(ते)हाल-स्त्री० सूफिया-पु० [अ०] मुसलमान साधुओंका एक संप्रदाय । स्थिति, वर्तमान अवस्था ।मु०-दिखाना-शकल दिखाना, सूफियाना-वि० [अ०] सूफियों जैसा, सादा।
सामने आना ।-नज़र आना-उपाय सूझना ।-निकल सूनी-वि० [फा०] ऊनी कपड़े पहननेवाला; संत, पवित्र ।। आना-अधिक सुंदर हो जाना; उपाय सूझ जाना। पु० संसारकी आसक्तिसे मुक्त होकर ईश्वरप्राप्तिकी साधना -पर झाड़ फेरना-अतिशय घृणाके कारण शक्ल न करनेवाला; सूफिया संप्रदायका अनुयायी। -खयाल- देखना, नाम न लेना (स्त्रि०)। -बदलना-भेस बदवि० सूफियोंकेसे विचार रखनेवाला ।
लना; हालत बदलना । -बनाना-शकल बनाना चेहरेसूबा-पु० [अ०] राज्यका विभाग जिसमें कई जिले से कोई भाव प्रकट करना; चित्र बनाना मुँह चिढ़ाना; शामिल हों, प्रदेश, प्रांत; सूबेदार । -(ब)दार-पु० रूपरेखा बनाना। -बिगड़ना-शकल बुरी हो जाना; सूबेका शासक, गवर्नर; फौजका एक छोटा अफसर । अवस्था बिगड़ना । -बिगाड़ना-शकल खराब कर देना; -दारी-स्त्री० सूबेदारका पद या कार्य।
चेहरेसे दोष, अप्रसन्नता प्रकट करना। -से बेज़ार सूभर*-वि० दे० 'शुभ्र' ।
होना-अतिशय घृणा या रोष होना, देखना भी सह्य सूम-वि० कंजूस, कृपण ।
न होना। सूमड़ा-वि० सूम।
सूरता, सूरताई*-स्त्री० वीरता । सूमी -पु. एक पेड़ जिसकी लकड़ीसे मेज, कुर्सी आदि सूरति*-स्त्री० शकल, रूप; याद, स्मरण । बनाते हैं।
सूरन-पु. एक कंद शाक, शूरण, जमीकंद । सूर-वि० अंधा। पु० सूरदास । -दास-पु० ब्रजभाषा | सूरपनखा*-स्त्री० दे० 'शूर्पणखा'। और कृष्णकान्यके सर्वश्रेष्ठ कवि ।
सूरमा-पु० बहादुर, योद्धा, शूरवीर । -पन-पु० वीरता। सूर*-वि० दे० 'शूर; शूल'; पु० शूकर, भूरे रंगका सूरवा*-पु० दे० 'सूरमा' । घोड़ा। -कुमार-पु० वसुदेव । -ज-पु० शूरवीरका | सूरा-पु० * अंधा मनुष्य । लड़का । -बीर-पु० दे० 'शूरवीर'। -सावंत-पु० सूराख-पु० [फा०] छेद । -दार-वि०जिसमें छेद हो। वीर सरदार; युद्धसचिव । -सेन-पु० दे० 'शूरसेन' । सरि-पु० [सं०] सूर्य पंडिता ऋत्विक पूजा करनेवाला; -सेन पुर-पु० मथुरा नगरी।
कृष्ण, जैनाचार्योंकी उपाधि ('मल्लिनाथ सूरि')। सर-पु० [सं०] सूर्य; आक; विद्वान व्यक्ति, आचार्य । सरी-स्त्री० [सं०] सूर्यपत्नी कुंती राई पंडिता; * शूली; -कंद-पु० सूरन, ओल । -कांत-पु० सूर्यकांत मणि । बरछा । वि० [फा०] सूर जातिका । पु० भारतका एक -ज-पु० शनि, सुग्रीव यमकर्ण; दे० क्रममें । -जा- मुसलिम राजवंश जो शेरशाहसे चला और जिसने स्त्री० यमुना । -पुत्र-पु० सुग्रीवः शनि कर्ण । -मुखी- १५३० से १५५६ ई० तक राज्य किया। (खिन्)-पु० दे० 'सूर्यमुखी'। -मुखीमनि-पु० सूरुज*-पु० दे० 'सूर्य' ।। सूर्यकांत मणि । -सुत-पु० दे० 'सूरज'। -सुता- सूरुवा-पु० दे० 'सूरमा'। स्त्री० यमुना । -सूत-पु० सूर्यका सारथि, अरुण । सूर्प-पु० [सं०] 'शूर्प' । -नखा-स्त्री० [हिं०] दे० सूर-पु० [अ०] तुरही, नरसिंघा।
'शूर्पणखा। सूरज-पु० सूर्य; एक तरहका गोदना; सूरदास, दे० 'सूर' | सूर्य-पु० [सं०] सौर-मंडलका प्रधान पिंड या तारा में । -तनी*-स्त्री० सूर्यतनया, यमुना। -बंसी-पु० जिसकी पृथ्वी और मंडलके दूसरे ग्रह प्रदक्षिणा किया दे० 'सूर्यवंशी'। -भगत-पु० एक तरहकी गिलहरी। करते हैं और जो पृथ्वीको प्रकाश तथा उष्णता मिलनेका -मुखी-पु० दे० 'सूर्यमुखी' । -सुत-पु० सुग्रीव ।। स्रोत और उसके ऋतुक्रमका कारण है, आदित्य, रवि, -सुता-स्त्री० यमुना । मु०-को चिराग (दीपक) भानु: आक; १२ की संख्या। -कमल-पु० सूरजमुखीदिखाना-अति गुणवान् या बुद्धिमान्को कुछ बताना- का फूल। -कर-पु० सूर्यकिरण । -कांत-पु० एक
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