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स्वापराध-स्वास्थ्य
८९४ नींद लानेवाली दवा । वि.नींद लानेवाला ।
स्वारथी-वि० स्वार्थी, अपना लाभ देखनेवाला,खुदगर्ज । स्वापराध-पु० [सं०] अपने प्रति अपराध ।
स्वारस्य-पु० [सं०] सहज, स्वाभाविक रस, मिठास स्वापी(पिन)-वि० [सं०] नींद लानेवाला।
खूबी स्वाभाविकता। स्वाप्त-वि० [सं०] बहुत अधिक सुकुशल, विश्वस्त; अपने स्वाराज्य-पु० [सं०] स्वाधीन राज्य; इंद्रका राज्य, स्वर्गप्रयत्नसे प्राप्त । -समाचार-पु० (स्कूप न्यूज) विशेष लोक ब्रह्मके साथ तादात्म्य या अभेद । महत्त्वका समाचार जो किसी संवाददाताने खोज निकाला | स्वारी*-स्त्री० दे० 'सवारी'। हो तथा अपने पत्रको सबसे पहले दिया हो, एकांतिक स्वार्जित-वि० [सं०] अपना कमाया हुआ। समाचार ।
स्वार्थ-पु० [सं०] (शब्दका) अपना अर्थ, वाच्यार्थ; अपना स्वाभाविक-वि० [सं०] स्वभावसे उत्पन्न, स्वभावसिद्ध, धन; अपना मतलब, गरज, प्रयोजन; अपना लाभ । प्राकृतिक पैदाइशी। -वर्णन-पु० यथार्थ, बनावट या -त्याग-पु. अपने स्वार्थ, अपने लाभका त्याग, आत्मअत्युक्ति-रहित वर्णन।
त्याग ।-त्यागी(गिन)-वि० स्वार्थत्याग करनेवाला। स्वाभिमान-पु० [सं०] अपनी प्रतिष्ठाका अभिमान, -पंडित-वि० स्वार्थसाधनमें चतुर ।-पर-परायणआत्म-सम्मान ।
वि० जिसे अपने ही स्वार्थकी चिंता हो, जो आना ही स्वामि*-पु० दे० 'स्वामी' ।
मतलब देखे, खुदगर्ज। -परता,-परायणता-स्त्री० स्वामित*-पु० स्वामित्व ।
स्वार्थीपन, खुदगी । -भाक् (ज)-वि• अपना कारबार स्वामिता-स्त्री, स्वामित्व-पु० [सं०] मालिकपन, प्रभु- देखनेवाला । -लिप्सु-वि० स्वार्थसाधनके लिए लालात्व; राजत्व ।
यित रहनेवाला। -संपादन-पु० दे० 'स्वार्थ-साधन'। स्वामिनी-स्त्री० [सं०] मालिकिन प्रभुकी पत्नी; राधिका -साधक-वि० अपना मतलब निकालनेवाला।-साधन (वल्लभ-संप्रदाय)।
-पु० अपनी गरज, मतलब निकालना, प्रयोजनकी पूर्ति । स्वामी(मिन्)-वि० [सं०] जिसे स्वत्व प्राप्त हो। पु० -साधनतत्पर-वि० अपना मतलब निकालनेपर तुला मालिक, प्रभु; नरेश, पति, शौहर, गुरु, आचार्य; घरका हुआ।-सिद्धि-स्त्री० प्रयोजनकी पूर्ति, काम निकलना। मुखिया; विद्वान् ब्राह्मण, संन्यासी; कात्र्तिकेय; ईश्वर । स्वार्थाध-वि० [सं०] जो स्वार्थचिता, स्वार्थ-साधनमें -कार्तिक-पु० कात्तिकेय; एक ताल (संगीत)। -कार्य ___ अंधा हो गया हो, जो केवल अपना ही मतलब देखे, दूसरे-पु० राजा या मालिकका कार्य । -कार्यार्थी(र्थिन्)- | की हानि और लाभका खयाल न करे। वि० मालिकका फायदा चाहनेवाला। -कुमार-पु० स्वार्थी(र्थिन)-वि० [सं०] जो अपना ही मतलब देखे, कात्तिकेय । -भक्त-वि० स्वामीमें भक्ति रखनेवाला खुदगर्ज। वफादार (नौकर) । -भक्ति-स्त्री० स्वामीके प्रति भक्ति- स्वाल*-पु० दे० 'सवाल'। भाव, वफादारी।-भट्टारक-पु० उत्तम स्वामी ।-भाव स्वावमानन-पु०, स्वावमानना-स्त्री० [सं०] आत्म-पु० स्वामित्व, स्वामीका भाव ।-सेवा-स्त्री० स्वामीकी भर्त्सना। टहल; पतिका आदर-सम्मान । -स्व-पु० (रायल्टी) स्वावलंबन-पु० [सं०] अपना ही भरोसा करना, दूसरेसे किसी ग्रंथके लेखकको, किसी वस्तुका आविष्कार करने- सहायता न लेना। वालेको या किसी भूमिके स्वामीको उसकी रचना, आवि- स्वावलंबी (बिन्)-वि० [सं०] अपने ही बलपर काम
कार या स्वामित्वसे होनेवाले लाभके रूपमें मिलनेवाला करनेवाला, दूसरेका भरोसा न रखने, दूसरेसे सहायता 'पूर्ण आयका निश्चित अंश । -हीनत्व-पु० ( बोना _ न लेनेवाला। वैकेंशिया) किसी वस्तु के मिलने पर उसका कोई स्वामी न | स्वाश्रय-पु०[सं०] अपने भरोसे रहना। वि०विचारणीय जान पड़ना।
विषयसे संबंध रखनेवाला; जिसे केवल अपना भरोसा हो। स्वाम्य-पु० [सं०] प्रभुत्व, मालिकी स्वत्वशासनाधिकार।। स्वाश्रित-वि० [सं०] स्वावलंबी । स्वाम्युपकारक-वि० [सं०] मालिकका हित करनेवाला। स्वास*-पु०, स्वासा-पु०, स्त्री० दे० 'श्वास'। स्वायंभुव-पु० [सं०] प्रथम मनु जिनकी उत्पत्ति स्वयं स्वास्थ्य-पु० [सं०] स्वस्थता, आरोग्य संतोष, चित्तका
ब्रह्माके दाहिने अंगसे मानी जाती है। अत्रि; नारद । शांत, निरुद्विग्न होना। -कर,-प्रद-वि० स्वास्थ्य स्वायंभू-पु० [सं०] स्वायंभुव ।।
देनेवाला ।-निवास-पु० (सैनेटोरियम) स्वास्थ्य-सुधारके स्वायत्त-वि० सं०] जो अपने हो अधीन,अपने ही अधि- लिए, विशेषकर यक्ष्मापीड़ित व्यक्तियोंके लिए, पहाड़ी कारमें हो, जिसपर दूसरेका शासन-नियंत्रण न हो। आदिपर बनाया गया निवास स्थान, आरोग्यशाला । -शासन-पु० लोकप्रतिनिधियों द्वारा परिचालित -भंग-पु० स्वास्थ्य बिगड़ जाना । -रक्षा-स्त्री० शासन; (ऑटोनॉमी) अपने देशका शासन स्वयं ही करने- स्वास्थ्य, तंदुरुस्तीकी रक्षा । -विज्ञान-पु० (हाइजीन) का अधिकार स्थानिक शासन (जिला बोर्ड आदिका)। स्वास्थ्य रक्षण के नियमों, सिद्धांतों, उपाय आदिका विवे-शासी(सिन)-वि० (ऑटोनॉमस) (वह देश) जिसे चन करनेवाला शास्त्र। -विभाग-पु० राज्य, म्युनिसि. अपना शासन स्वयं ही करनेका अधिकार प्राप्त हो। पल बोर्ड आदिका जनस्वास्थ्यकी रक्षाका प्रबंध करनेवाला स्वारथ*-पु० स्वार्थ, अपना फायदा, अपना काम । वि० महकमा। -सदन-पु. (सैनेटोरियम) दे० 'स्वास्थ्यसिद्ध, सफल, कृतार्थ ।
निवास'। -हानि-स्त्री० स्वास्थ्यका नाश, तंदुरुस्तीका
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