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समाधि-समारोपण
८१८ समाधि-स्त्री० [सं०] साथ रखना, मिलाना; एक जगह समानार्थक-वि० [सं०] एक ही अर्थ रखनेवाले (शब्द)। जमाना; योगका अंतिम अंग-मनको ब्रह्मपर केंद्रित करना; समानोदक-वि० [सं०] साथ तर्पण करनेवाले (ग्यारहवींसे मनोयोग, तपस्या; मतभेद दूर करना; मौन; अंगीकार, चौदहवीं पीढ़ीतक एक ही पूर्वजवाले-सातवीतकके संबंधी स्वीकृति प्रतिज्ञा; परिशोध; पूरा करना; अध्यवसाय; समानोदक होनेके साथ सपिड भी होते हैं)। असंभव बातके लिए प्रयत्न करना; (दुर्भिक्षमें) अन्न जमा समानोदर्य-वि० [सं०] एक गर्भसे उत्पन्न, सहोदर । पु० करना; वह मकान आदि जो शव-स्थल पर बनाया जाता सगा भाई। है; एक अर्थालंकार जिसमें अन्य कारणोंके योगसे कार्य समापक-वि० [सं०] समाप्त, पूर्ण करनेवाला। सिद्धि वर्णित होती है। क्षेत्र,-स्थल-पु० वह स्थान जहाँ समापन-पु० [सं०] पूर्ण, समाप्त करना; प्राप्ति; वध साधुओं आदिको गाड़ते है। -दशा-स्त्री० ध्यानमें ब्रह्म- करना; (वाइंडिंग अप, क्लोजर) कुछ और कहने या तर्क साक्षात्कारको अवस्था। -निष्ठ-वि० समाधिस्थ ।-भंग आदि देनेके बाद किसी प्रश्नका विचार या विवाद समाप्त -पु० बाधा पड़नेके कारण समाधि, ध्यानका भंग होना। करना। -प्रस्ताव-पु. (मोशन ऑफ क्लोजर) दे० -लेख-पु० (एपिटा) किसी कब्र या समाधिके पत्थरपर 'विवादांतप्रस्ताव'। याददाश्तके रूपमें लिखा जानेवाला लेख । -स्थ-वि० समापनीय-वि० [सं०] समाप्त करने योग्य; वध करने समाधिमें स्थित ।
योग्य, वध्य ।-पट्टा-पु०[हिं०] (टरमिनेबिल लीज) कुछ समाधित-वि० [सं०] तुष्ट, शांत किया हुआ, जिसने | समयके बाद समाप्त हो जानेवाला पट्टा । समाधि लगायी या ली हो (१) ।
समापन-वि० [सं०] प्राप्त; घटित; आया हुआ; पूरा समाधी(धिन्)-वि० [सं०] समाधिस्थ ।
किया हुआ;"से युक्त; कष्टग्रस्त; निहत ।। समाधेय-वि० [सं०] (कंपाउंडेबिल) जिसे आपस में निपटा | समापादन-पु० [सं०] पूरा करना; मूल रूप प्रदान लेने-समाधान करनेका अधिकार दोनों पक्षोंको हो । करना। (अपराध, विवाद)।
समापिका-स्त्री० [सं०] वाक्य पूर्तिके निमित्त आनेवाली समान-वि० [सं०] तुल्य, सदृश, एकसा, बरावर आकार, क्रिया (व्या०)। उम्र, पद आदिका; नेक, भला; साधारण; तुल्य परि- समापित-वि० [सं०] समाप्त, पूर्ण किया हुआ । माणका । -कोणिक बहुभुज-पु. (ईक्विएंग्यूलर पॉली- समापी (पिन् )-वि० [सं०] समाप्त करनेवाला । गॉन) वह बहुभुज जिसके सब कोण आपसमें बराबर हों। | समाप्त-वि० [सं०] पूरा किया हुआ; चतुर, बुद्धिमान् । -धर्मा(मन्)-वि०एक ही जैसे गुणवाला(ले)।-नामा -प्राय-वि० लगभग समाप्त । (मन्)-वि० समान नामवाला, नामरासी।-वयस्क- समाप्ति-स्त्री० [सं०] अंत, पूर्ति, पूर्ण होना; पूर्ण प्राप्ति वि० हमउम्र । -वर्ण-वि० एकसे रंगवाले; एक ही स्वर- (विद्यादिकी); शरीरकी पंचत्व-प्राप्ति, विभिन्न तत्वोंमें वर्णवाले ।-शील-वि० वैसे ही स्वभाववाले |-संख्य- मिल जाना; विवादका अंत करना, अंतर दूर करना । वि० बराबर संख्यावाला ।
समाप्य-वि० [सं०] समाप्त, पूरा करने योग्य । समानता-स्त्री०, समानत्व-पु० [सं०] तुल्यता, सादृश्य, समायुक्त-वि० [सं०] जोड़ा हुआ; तैयार किया हुआ। बरावरी।
समायोग-पु०सं०] युक्त करना (धनुषसे बाण); निशाना समानयन-पु० [सं०] एकत्र करना;आदरपूर्वक ले आना। ठीक करना राशि,समूह बहुत आदमियोंका एकत्र होना। समानांतर-वि० [सं०] (पैरेलल) (रेखाएँ आदि) जो नित्य समायोजन-पु०[सं०](सप्लाई) आवश्यक वस्तुओंका जोगाड़ समान अंतरपर रहें; साथ-साथ चलने, काम करनेवाला करना; जो कुछ आवश्यक हो उसे जुटाना और ऐसी (-सरकार)।-चतुर्भुज-पु० (पैरेलेलोग्राम) वह चतु- व्यवस्था करना कि जिसे चाहिये उसे वह मिल जाय, र्भुज जिसकी आमने सामनेकी भुजाएँ समानांतर हों। उसके पास पहुँच जाय । -रेखाएँ-स्त्री० (पैरेलल लाइंस) वे रेखाएँ जो एक ही समारंभ-पु० [सं०] आरंभ; उद्यम, साहसपूर्ण कार्य । समतलमें हों और जो एक दूसरीसे न मिलें चाहे वे दोनों समारंभण-पु० [सं०] ग्रहण करना; आरंभ करना; ओर कितनी भी दूरतक बढ़ायी जाय ।
आलिंगन, अंगराग लगाना । समाना-अ० क्रि० भीतर आना; अटना। स० क्रि० समारब्ध-वि० [सं०] आरंभ किया हुआ; जिसने कार्याअटाना, भरना।
रंभ किया है। घटित । समानाधिकरण-वि० [सं०] समान कारक विभक्तिसे | समारभ्य-वि० [सं०] आरंभ करने योग्य । युक्त; एक ही श्रेणीका जिनका आधार एक ही पदार्थ हो समाराधन-पु० [सं०] तुष्ट, प्रसन्न करना; प्रसन्न करनका (वैशेषिक); जो समान स्थानपर हो। पु० एक ही कारक- साधन; सेवा-टहल, आराधना । की विभक्तिसे युक्त होना; समान श्रेणी; समान आधार | समारूढ-वि० [सं०] जो चढ़ा हो; जो चढ़ा गया हो; आदि ।
जिसने अंगीकार किया है। बढ़ा हुआ; भरा हुआ (घाव)। समानाधिकार-पु० [सं०] जातीय गुण; बराबरीका | समारोप-पु० [सं०] ऊपर रखना; चढ़ाना (धनुष); अधिकार ।
स्थानांतरण । समानार्थ-वि० [सं०] जिनका उद्देश्य एक हो; एक समारोपक-वि० [सं०] उपजानेवाला; बढ़ानेवाला। अर्थवाले (शब्द)।
| समारोपण-पु० [सं०] आरोप करना; स्थानांतरण
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