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सुराज्य ।
सुवृत्ति-सुसिक्त रचित । पु० सुंदर वृत्त, चरित्र; सूरना कल्याण । सुषमनि*-स्त्री० दे० 'सुषुम्ना'। सुवृत्ति-स्त्री० [सं०] सुंदर वृत्ति, जीविका; सुंदर आचरण, सुषमा-स्त्री० [सं०] परम शोभा, अतिशय सुंदरता; एक सदाचार संयम, पवित्रताका जीवन ब्रह्मचर्य ।
वर्णवृत्त । -शाली(लिन)-वि० अति सुंदर । सुवेल-पु० [सं०] लंकाका त्रिकूट पर्वत जिसपर रामकी सुषाना*-स० क्रि० सुखाना । अ० कि० सूखना । सेनाने पड़ाव किया था। वि० शांत; बहुत झुका हुआ। सुषारा*-वि० दे० 'सुखारा। सुवेश, सुवेष-वि० [सं०] सुंदर वेशयुक्त; सुंदर कपड़े सुषिक्त-वि० [सं०] अच्छी तरह सींचा हुआ। पहने हुआ; सुंदर सजीला। पु० बढ़िया पोशाक । सुषिर-वि० [सं०] छेदवाला, सूराखदार, खोखला; सवेस-वि० दे० 'सुवेश' । पु० सुंदर वेश ।
सावकाश । पु० बाँस बेंत, काठ; चूहा; छेद; अग्नि सुवैया-पु० सोनेवाला।
फूंककर बजाया जानेवाला बाजा। सुव्यवस्था-स्त्री० [सं०] सुंदर व्यवस्था, सुप्रबंध ।
सषप्त-वि० [सं०] गहरी नींदमें सोया हुआ। पु० सुषुप्तासुव्यवस्थित-वि० [सं०] सुंदर व्यवस्थायुक्त ।
वस्था । सुव्रत-वि० [सं०] सुंदर व्रतधारी; दृढ़तासे व्रतका पालन सुषुप्ति-स्त्री० [सं०] गहरी नींद; सत्वप्रधान अज्ञान, करनेवाला, धर्मनिष्ठ; सीधा, सधा हुआ (घोड़ा आदि)।| आनंदमय कोष । पु० ब्रह्मचारी; एक प्रजापति ।
सषुम्णा, सुषुम्ना-स्त्री० [सं०] मेरुदंडके बहिर्मार्गमें इड़ा सुव्रता-वि० स्त्री० [सं०] सुंदर व्रतवाली; साध्वी। स्त्री० और पिंगला नाड़ियोंके बीच में स्थित एक नाड़ी; आयुर्वेदके दक्षकी एक पुत्री; सीधी गाय; पतिव्रता स्त्री।
अनुसार नाभिके मध्यमें स्थित एक प्रधान नाड़ी। सुशंस-वि० [सं०] प्रशंसनीया कीर्तिमान प्रख्यात । सुषेण-वि० [सं०] दिव्यास्त्रवाला (कृष्ण, इंद्र)। पु० सुशब्द-वि० [सं०] सुस्वर, मधुर स्वरयुक्त (जैसे बाँसुरी)। विष्णु, एक गंधर्व, एक वानर जो सुग्रीवका चिकित्सक था। सुशासन-पु० [सं०] मुंदर शासन, उत्तम राज्य प्रबंध, सुषोपति, सुषोप्ति-स्त्री० दे० 'सुषुप्ति' ।
सुष्टु-अ० [सं०] अतिशय सुंदर रीतिसे; ठीक-ठीक । सशासित-वि० [सं०] भली भाँति शासित; सुनियंत्रित । वि० उत्तम; सुंदर । सुशास्य-वि० [सं०] जिसपर आसानीसे शासन या नियं: | सष्ठता-स्त्री [सं०] सुंदरता; कल्याण, अभ्युदय । त्रण किया जा सके।
सुष्मना*-स्त्री० दे० 'सुषुम्ना' । -वि० [सं०] सुशिक्षाप्राप्त, जिसने अच्छी शिक्षा सुसंग-पु० [सं०] अच्छी सुहबत, सत्संग । पायी हो अच्छी तरह सधाया,सिखाया हुआ(घोड़ाआदि)। | ससंगत-वि० [सं०] बहुत उचित, युक्त । सुशील-वि० [सं०] सुंदर शीलवाला, सत्स्वभाव; सच्च- सुसंगति-स्त्री० [सं०] अच्छी सुहबत; अच्छा मेल; (रलीरित्र; विनीत; सीधा । पु० अच्छा स्वभाव ।
बेंसी) अच्छी तरह मेल खाने, ठीक बैठने, उपयुक्त होनेकी सशीलता-स्त्री० [सं०] सच्चरित्रता; विनम्रता; सीधापन । क्रिया या भाव। सशीला-स्त्री० [सं०] सुदामाकी पत्नी; यमकी पली; कृष्ण- ससंपन्न-वि० [सं०] अति संपन्न, जिसके पास यथेष्ट धन
की आठ पटरानियों में से एक; राधाकी एक सहेली। संपत्ति हो; अच्छी तरह पूरा किया हुआ। सुशोभन-वि० [सं०] अति सुंदर, सुहावना ।
सुसंस्कृत-वि० [सं०] सुंदर संस्कारयुक्त; भली भाँति सुशोभित-वि० [सं०] अति शोभायुक्त विराजमान । संस्कार किया हुआ; घृतादि द्वारा भली भाँति पकाया सश्राव्य-वि० [सं०] जो सुनने में अच्छा लगे, श्रुतिमधुर ।
हुआ। सुश्री-वि० [सं०] अति सुंदर, शोभन; अति धनी। सस*-स्त्री० स्वसा, बहिन । स्त्री० स्त्रियोंके नामके पूर्व आदर-सूचनार्थ लगाया जाने
सुसकना*-अ० क्रि० दे० 'सिसकना। वाला शब्द ।
ससज्जित-वि० [सं०] अच्छी तरह सजा यासजाया हुआ। सुश्रीक-वि० [सं०] संदर श्री-युक्त।
सुसताना-अ० क्रि० दे० 'सुस्ताना' । सुश्रुत-वि० [सं०] अच्छी तरह सुना हुआ; बहुत प्रसिद्ध
सुसमय-पु० [सं०] अच्छा समय, सुकाल । वेदश । पु० आयुर्वेदके अति प्राचीन और स्तंभभूत आचार्य
सुसमा-स्त्री० दे० 'सुषमा'। जो विश्वामित्रके पुत्र कहे जाते हैं और जिनका ग्रंथ
सुसर-पु० पति या पत्नीका पिता, श्वशुर । सुश्रुतसंहिता आयुर्वेदकी बृहत्त्रयीके अंतर्गत है; सुश्रत
सुसरा-पु० दे० 'सुसर'। संहिता ।-संहिता-स्त्री० सुश्रुतरचित प्रसिद्ध चिकित्सा
सुसरार, सुसरारि-स्त्री० दे० 'ससुराल'। ग्रंथ ।
सुसराल-स्त्री० दे० 'ससुराल'। सुखा *-स्त्री० दे० 'शुश्रषा' ।
ससह-वि० [सं०] जिसका सरलतासे सहन किया जा सुश्रूषा*-स्त्री० दे० 'क्षुश्रषा'।
सके; सहनशील । पु० शिव । सुश्रीणि-वि०स्त्री० [सं०]मुंदर नितंबोंवाली । स्त्री०एक देवी। ससा*-स्त्री० दे० 'स्वसा' । पु० एक चिड़िया। सश्लिष्ट-वि० [सं०] मजबूतीसे जुड़ा, मिला हुआ। ससाध्य-वि० [सं०] जिसका साधन सहज हो, सुखसुश्लोक-वि० [सं०] पुण्यशाली; सुप्रसिद्ध ।
साध्य; जो आसानीसे नियंत्रणमें रखा जा सके; आसान । सुष*-पु० सुख।
ससाना-अ० कि० सिसकना, सिसकी भरना । सुषमना*-स्त्री० दे० 'सुषुम्ना'।
ससिक्त-वि० [सं०] दे० 'सुषिक्त ।
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