________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
सुभाय-सुर
८६० पुत्र; सतरहवाँ संवत्सर ।
गेहूँ । वि० उदाराशय, संतुष्ट । सुभाय-पु० दे० 'स्वभाव' ।
सुमनित*-वि० सुंदर मणि या मणियोंसे युक्त । सुभायक*-वि० दे० 'स्वाभाविक'।
सुमनोकस, सुमनौकस-पु० [सं०] स्वर्ग । सुभाव*-पु० दे० 'स्वभाव' ।
सुमरन*-पु० दे० 'स्मरण' । स्त्री० सुमरनी। सुभावित-वि० [सं०] अच्छी तरह सिक्त किया हुआ। सुमरना*-सक्रि० स्मरण करना, जपना । सुभाषित-वि० [सं०] मुंदर रूपसे कथित वाग्मी; सुंदर सुमरनी-स्त्री० २७ दानोंकी जपमाला । भाषण करनेवाला । पु० सुंदर, कवित्वमय उक्ति, सूक्ति। सुमात्रा-पु० मलयद्वीपपुंजके अंतर्गत एक द्वीप ।
द-पु० (विट एंड यमर) अनोखी बात सुमानस-वि० [सं०] अच्छे मनवाला, नेकमिजाज । कहने-विलक्षण उत्तर देने की क्षमता तथा हास्य-प्रियता। | सुमानी(निन्)-वि० [सं०] स्वाभिमानी । सुभाषी(षिन् )-वि० [सं०] सुंदर भाषण करनेवाला, सुमार-1 पु० दे० 'शुमार' । * वि० चुना हुआ। सुवक्ता।
सुमार्ग-पु० [सं०] अच्छी राह, सुपथ । सुभास्वर-वि० [सं०] खूब चमकनेवाला, दीप्तिमान् । सुमाली (लिन्)-पु० [सं०] एक राक्षस जिसकी कन्या पु० पितरोंका एक वर्ग ।
कैकसीके गर्भसे रावण, कुंभकर्ण आदिकी उत्पत्ति हुई। सुभिक्ष-पु० [सं०] भिक्षा या अन्नकी सुलभता; वह काल | सुमित्र-पु० [सं०] अच्छा दोस्त, सन्मित्र ।
जब देशमें अन्नकी बहुतायत हो, भिक्षा सुलभ हो, सुकाल। सुमित्रा-स्त्री० [सं०] दशरथकी मँझली रानी जो लक्ष्मण सुभी*-वि० स्त्री० शुभकारिणी।
और शत्रुघ्नकी माता थीं; मार्कडेयकी माता। -तनय,सुभीता-पु० आसानी; सुयोग; आराम ।
नंदन,-पु० लक्ष्मण और शत्रुघ्न । सुभुज-वि० [सं०] सुंदर भुजाओंवाला।
| सुमिरना-पु० दे० 'स्मरण' । सुभूषित-वि० [सं०] सुंदर रूपसे भूषित, खूब सजाया, | सुमिरना-स० क्रि० दे० 'सुमरना' । सँवारा हुआ।
सुमिरनिया*-स्त्री० दे० 'सुमरनी' । सुभौटी*-स्त्री० शोभा।
सुमुख-वि० [सं०] सुंदर मुखवाला, सुंदर, मनोशा प्रसन्न । सुभ्र*-वि० दे० 'शुभ्र'।
सुमुखी-वि० स्त्री० [सं०] सुंदर मुखवाली। स्त्री० सुंदरी सुभ्र, सुभ्र-वि० [सं०] सुंदर भौवाला । स्त्री०सुंदरी,नारी। | स्त्री आईना; एक मूर्छना (संगीत); एक वृत्त एक अप्सरा । सुमंगली-स्त्री० कन्यापक्षके पुरोहितको दी जानेवाली समृत, समृति* -स्त्री० दे० 'स्मृति' । सिंदूरदानकी दक्षिणा ।
सुमेध*-वि० दे० 'सुमेधा'। सुमंत-पु० दे० 'सुमंत्र'।
सुमेधा-स्त्री० [सं०] ज्योतिष्मती, मालकँगनी। सुमंत्र-पु० [सं०] दशरथका मंत्री और सारथि जो वनको धा(धस)-वि० [सं०] सुंदर मेधा,बुद्धिवाला, सुबुद्धि । जाते समय रामको रथपर बैठाकर नगरसे बाहर ले गया; सुमेरु-पु०[सं०] एक पर्वत जो पुराणों के अनुसार इलावृतसुंदर मंत्र, अच्छी सलाह।।
वर्ष में अवस्थित है और सोनेका बना हुआ है, स्वर्णगिरि; सुमंत्रित-वि० [सं०] जिसे अच्छी सलाह दी गयी हो; उत्तर ध्रव; जपमालाके बीचका बड़ा दाना; एक वर्णवृत्त । जिसकी योजना बुद्धिमत्तापूर्वक बनायी गयी हो। सयं*-अ० दे० 'स्वयम्'। -वर*-पु० दे० 'स्वयंवर'। सुम-पु. [फा०] घोड़े या गधेका खुर जो बीचसे फटा | सुयश(स)-पु० [सं०] सुंदर यश, सुकीर्ति । नहीं होता; [सं०] फूल; चंद्रमा । -दोन-पु० फूलोंसे | सुयशा(शस)-वि० [सं०] सुंदर यशवाला। भरा दोना-'गुरु समीप सुमदोन दोउ धरि पद कियो सुयुक्ति-स्त्री० [सं०] सुंदर युक्ति, अच्छा उपाय । प्रनाम'-रघु। .
सुयोग-पु० [सं०] सुंदर योग; बदिया मौका । सुमत*-स्त्री० दे० 'सुमति' ।
सुयोग्य-वि० [सं०] अति योग्य, बहुत लायक । समति-वि० [सं०] बहुत चतुर। स्त्री० अच्छी बुद्धि या | सयोधन-पु० [सं०] दुर्योधन । स्वभाव, उदाराशयता सुरुचि ।
सुरंग-पु० लाल या लाखी रंगका घोड़ा । वि० [सं०] सुमधुर-वि० [सं०] अति मधुर बहुत नाजुक ।
सुंदर रंगवाला; सुंदर; * सरस; स्वच्छ । स्त्री० सेंध सुमध्यमा, सुमध्या-वि० स्त्री० [सं०] पतली कमरवाली मकानके नीचे खोदकर बनाया हुआ गुप्त मार्गः जमीनके (स्त्री)।
नीचे खोदकर बनायी हुई नाली जिसमें बारूद बिछाकर सुमन(स)-पु० [सं०] पुष्प; * देवता । -चाप-पु० किलेकी दीवार, चट्टान आदि उड़ाते हैं (आधुनिक); जमीन [हिं०] कामदेव । -माल-पु० [हिं०] पुष्पहार।-राज* या समुद्र में रखा जानेवाला बारूद आदिसे भरा गोला पु० इंद्र।
जिसका स्पर्श होनेपर विस्फोट होता है और जहाज आदि सुमनस-पु० देवता; विद्वान् । पुष्प । वि०सुंदर मनवाला, नष्ट हो जाते हैं। -प्रसारक पोत-पु० (माइनलेयर) प्रसन्न ।
आक्रमणकारी शत्रुके जहाजोंको रोकनेके लिए समुद्र में सुमनस्क-वि० [सं०] प्रसन्नचित्त ।
बारूदकी सुरंगें बिछानेवाला पोत । -मार्जक(-हारक) सुमना-स्त्री० [सं०] चमेली; सेवती, कबरी गाय; धर्मकी | पोत-पु० (माइनस्वीपर) समुद्र में बिछायी गयी बारूदसे पत्नी केकय नरेशकी एक कन्या।
भरी सुरंगोंको हटाने, दूर करनेवाला जहाज । सुमना(नस्)-पु० [सं०] देवता; नेक आदमी; विद्वान् सुर-पु० [सं०] देवता; सूर्यः मुनिः पंडित ! -कंत*-पु०
For Private and Personal Use Only