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सहस्रधा-साँई -कर-किरण-पु० सूर्य। -कांडा-स्त्री० श्वेत दूर्वा । सहार-प० सहना, बरदाश्त करना; सहनशीलता। " -गु-वि० हजार गायोंवाला हजार किरणोंवाला; हजार सहारना*-स० कि. सहन करना-'भूख और प्यास नेत्रोंवाला । पु० सूर्य; इंद्र । -गुण-वि० हजार गुना। सहारी'- रत्ना०, सँभालना गवारा करना। -घाती(तिन्)-वि. एक हजारको मारनेवाला। सहारा-पु० भरोसा, मदद; आश्रया टेक । पु. एक युद्धयंत्र । -चक्षुष)-वि० हजार नेत्रों-सहालग-पु. शुभ वर्ष (ज्यो०); शादी, विवाह के दिन । वाला । पु० इंद्र। -दल-पु० शतदल । -दीधिति- सहावल-पु० [फा० 'शाकूल'] लटकन, साहुल । पु० सूर्य । -धी-वि० बहुत चतुर । -नयन,-नेत्र- सहिजन, सहिजन-पु० एक वृक्ष, शोभांजन, 'मुनगा । पु० विष्णु; इंद्र । -नामा(मन्)-वि० हजार नामों सहिजानी*-स्त्री० दे० 'सहिदानी' । वाला । पु० विष्णु; शिव । -पति-पु० हजार गाँवोंका सहित-अ० [सं०] साथ, समेत । शासक या स्वामी । -पत्र-पु० कमल । -बाहु-पु० सहिता(त)-वि० [सं०] सहन करनेवाला, सहनशील। कार्तवीर्य, बाणासुर । -बुद्धि-वि० बहुत चतुर ।-भानु- सहिथी*-स्त्री० बरछी। वि० हजार किरणोंवाला । पु० सूर्य। -भुजा-स्त्री० सहिदान*-पु० पहिचान, चिह्न । दुर्गा, महालक्ष्मी (महिषासुरका वध करनेवाली)।-मरीचि, सहिदानी*-स्त्री० निशान, पहचान, परिचय-चिह्न-रश्मि-पु० सूर्य । -लोचन-पु. इंद्र विष्णु । - 'दीन्हि राम तुम कहँ सहिदानी'-रामा० । वक्त्र-वि० हजार मुखोंवाला। -वदन-पु० विष्णु । | सहिष्णु-वि० [सं०] सहनेवाला, सहनशील । -शीर्षा(अन)-वि० हजार सिरोंवाला । पु० विष्णु। | सहिष्णुता-स्त्री०, सहिष्णुत्व-पु० [सं०] सहनशीलता, सहस्रधा-अ० [सं०] हजार भागों); हजार गुना; हजार तितिक्षा क्षमा। तरहसे।
सही-वि० दोषरहित; ठीक, दुरुस्त । स्त्री० हस्ताक्षर सहस्रशः(शस)-अ० [सं०] हजारहा।
* सखी । अनिश्चयपूर्वक। -सलामत-वि. नीरोग, सहस्रांशु-पु० [सं०] सूर्य । -ज-पु० शनि ।
स्वस्थ, दोषरहित; निरापद । सहस्राक्ष-वि० [सं०] हजार आँखोंवाला । पु० इंद्र। | सह-अ० सामने, सम्मुख; तरफ, ओर । सहस्राधिपति-पु० [सं०] एक हजार गाँवोंका शासक सहुलियत-स्त्री० [अ०] नरमी; आसानी। राजप्रतिनिधि; एक हजार व्यक्तियोंका नायक ।
सहृदय-वि० [सं०] कोमलचित्त; दयालु, सच्चा समझसहस्त्रानन-पु० [सं०] विष्णुः शेषनाग ।
दार प्रसन्नमना रसिक। पु० विद्वान् व्यक्ति; वह जो सहस्राब्दि-स्त्री० [सं०] हजार वर्षोंकी समाप्तिपर होने- गुण पहचाने रसका अनुभव करनेवाला व्यक्ति । वाला कार्य या उत्सव ।
सहृदयता-स्त्री० [सं०] दयालुता; चित्तकी कोमलता। सहा-स्त्री० [सं०] पृथ्वी ।
सहेजना-सक्रि० सँभालना; कोई चीज सचेत करके सहाइ*-पु० सहायक । स्त्री० सहायता।
सौंपना। सहाई*-पु० सहायक । स्त्री० सहायता ।
सहेट*-पु० दे० 'सहेत'। सहाध्यायी(यिन)-पु० [सं०] सहपाठी; एक ही, समान सहेत*-पु. प्रेमी-प्रेमिकाके मिलनेका निश्चित स्थान, विषयका अध्ययन करनेवाला।
संकेतस्थल । सहाना-पु० एक राग । * वि० दे० 'शहाना'। सहेतु-वि० [सं०] कारणयुक्त, युक्तियुक्त । सहानुभूति-स्त्री० [सं०] किसीके दुःखादिसे दुःखी होना, सहेतुक-वि० [सं०] सकारण, सोद्देश्य । इमददीं।
सहेलरी -स्त्री० सखी, सहेली। सहापराधी(धिन)-पु०[सं०] (एकांप्लिस) किसी अपराधमें | सहेली-स्त्री० साथ, संग रहनेवाली स्त्री सखो, साथिन; मुख्य अपराधीका साथ देनेवाला, उसकी सहायता | दासी, सेविका। करनेवाला।
सहया-वि० सहने, बरदाश्त करनेवाला। * पु० सहायक; सहाब-पु० दे० 'शहाब'; [अ०] बादल, मेध ।
मददगार। सहाय-पु० [सं०] साथी; मैत्री सहायक सहायता। सहोक्ति-स्त्री० [सं०] साथ बोलना; एक अर्थालंकार, जहाँ सहायक-पु० [सं०] सहायता करनेवाला, सहकारी संग, सहित आदि पदोंका प्रयोग करते हुए एक ही कामअधीनतामें काम करनेवाला । -आजीविका-स्त्री. के साथ अन्य कितनी ही बातोंका होना मनोरंजक ढंगसे (सबसिडियरी आक्युपेशन ) मुख्य पेशे या कामसे होने वर्णित किया जाय । वाली आमदनीसे पूरा न पड़नेपर सहायताके रूपमें किया सहोदर-वि० [सं०] सगा, एक मातासे उत्पन्न; एक जानेवाला कोई अन्य कार्य या धंधा। -नदी-स्त्री. वह | जैसा । पु० सगा भाई। नदी जो किसी बड़ी नदीमें मिलती हो। -संपादक-पु. सह्य-वि० [सं०] जो सहा जा सके; सहन करने में समर्थ; वह व्यक्ति जो किसी संपादकको संपादन-कार्यमें सहायता मुकाबला करने में समर्थ; शक्तिशाली; प्रिय, सुमधुर । देता हो।
पु० सह्यादि-श्रेणी; आरोग्य; सहायता उपयुक्तता । सहायता-स्त्री० [सं०] साथ, मैत्री; मदद; मित्र-मंडली। सह्याद्रि-पु० [सं०] बंबई प्रांतकी एक पर्वतश्रेणी जो -गृह-पु० (रेस्क्यू होम) खतरे या संकटमें पड़े हुए समुद्रतटके समीप स्थित है। लोगोंकी सहायताके लिए स्थापित गृह ।
| साँई-पु० स्वामी; ईश्वर पति मुसलमान फकीर ।
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