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सालातुरीय-साहवीय एक गाली; * सारिका, मैना । * स्त्री० दे० 'शाला'। वि०जिसका जीवन अभी समाप्त न हुआ हो, जिसकी सालातुरीय-पु० दे० 'शालातुरीय' ।
आयु बची हो। -बंधन-वि० जिसका बंधन अभी सालाना-वि० [फा०] सालका, वार्षिक साल भरपर होने | बना हो। वाला । अ० हर साल, साल-ब-साल । पु० भृति या वृत्ति सावित्री-स्त्री० [सं०] गायत्री; उपनयनसंस्कार, ब्रह्माकी जो साल में एक बार, वर्षातमें दी जाय ।
पत्नी; पार्वती, अश्वपतिकी पुत्री और सत्यवानकी पत्नी सालार-पु० [फा०] नायक, नेता, सरदार ।-(२)ज (जिसने अपने सतीत्वके बलसे अपने पतिको यमराजके पु० सेनापति।
हाथसे छुड़ाया था); दक्षकी पुत्री और धर्मकी पत्नी; सालि-पु० दे० 'शालि'।
कश्यपकी पत्नी; धारानरेश भोजकी पत्नी; अष्टावक्रकी सालिग्राम-पु० दे० 'शालग्राम' ।
एक पुत्री; यमुना नदी; सरस्वती नदी। -व्रत-पु. सालिम-वि० [अ०] सुरक्षित; अखंड, पूरा, साबित । पतिकी दीर्घायुके लिए ज्येष्ठकी अमावस्याको रखा जानेसालियाना-पु० वार्षिक वृत्ति । वि० सालाना ।
वाला हिंदू स्त्रियोंका एक व्रत । सालिस-पु० [अ०] पंच, तिसरैत । -नामा-पु. सावित्रेय-पु० [सं०] यम । पंचनामा।
साश्चर्य-वि० [सं०] आश्चर्यजनक । अ० आश्चर्यके साथ। साली-स्त्री. जमीन या बँधी हुई रकम जो बढ़ई, नाई साश्रु-वि० [सं०] अश्रुपूर्ण, रोता हुआ।
आदिको उनके कामके बदले दी जाती है पत्नीकी बहन । साष्टांग-वि० [सं०] आठ अंगोंसे युक्त। -प्रणाम-पु० * पु० धान।
आठ अंगों(सिर, हाथ, पैर, आँख, जाँध, हृदय, वचन सालोक्य-पु० [सं०] एक ही लोकमें रहना, मुक्तिका एक और मन)के योगसे किया जानेवाला प्रणाम । -योगप्रकार।
पु० यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, सावंत-पु० दे० 'सामंत'।
ध्यान और समाधि-इन आठों अंगोंवाला योग । साव-पु० दे० 'साहु'।
सास-स्त्री० पति या पत्नीकी माता। सावक-पु. बौद्ध या जैन संन्यासी; [सं०] शावक । सासति-स्त्री० दंड, सजा, शासन-'सासति करि पुनि सावकाश-वि० [सं०] जिसे अवकाश, फुरसत हो, बाफुर- करहिं पसाऊ'-रामा०।
सत । अ० फुरसतसे, मौकेसे । पु० अवकाश, मौका ।। सासन-पु० दे० 'शासन' । सावचेत*-वि० सतर्क, सावधान ।
सासना*-स्त्री० दे० 'शासन' (दंड, साँसत, कष्ट)। सावचेती-स्त्री० सतर्कता, होशियारी ।
सासरा*-पु० ससुराल । सावज -पु० दे० 'साउज'।
सासा*-स्त्री० संशय, संदेह श्वास । सावत*-पु० सौतियाडाह; ईर्ष्या ।
सासुरी-पु० ससुराल; ससुर । सावधान-वि० [सं०] सचेत, सतर्क, खबरदार। साह-पु० सुजन: साहूकार; महाजन; देहलीजका बाजू, सावधानता-स्त्री० [सं०] सतर्कता, होशियारी।
चौखटके आधारपर लगनेवाले आमने-सामनेके स्तंभ सावधि-वि० [सं०] जिसकी अवधि, सीमा निश्चित कर दे० 'शाह' ।-बुलबुल-स्त्री० एक तरहकी लंबी पूँछदी गयी हो । -आधि-स्त्री० नियत समयके अंदर छुड़ा | वाली सफेद बुलबुल । ली जानेवाली गिरवी। -निक्षेप-पु० (फिक्स्ड डिपॉ- साहचर्य-पु० [सं०] सहगमन, सहचरता साथ, संगति । ज़िट) विशेष अवधितकके लिए रुपया जमा करना; साहजिक-वि० [सं०] सहजात, स्वाभाविक । मीयादी खाते में जमा की गयी रकम ।
साहनी*-स्त्री० मेल; सेना-'आये निसाचर साहनी सावधिक-वि० (पीरियाडिकल) निश्चित अवधिके बाद साजि-रघु० । पु० साथी; प्रधान; पारिषद । होने या निकलनेवाला। -पत्र-पु० (पीरियाडिकल)। साहब-पु० [अ०] मित्र, साथी; मालिक, स्वामी; हाकिम, वह पत्र या पत्रिका जिसका प्रकाशन एक निश्चित सरदार ईश्वर (संत कवि); आदरणीय व्यकिका संबोधन भवधि-एक सप्ताह, एक पक्ष, एक माह-के बाद होता | नाम या पदवीके साथ व्यवहृत 'जी'का समानार्थक शब्द हो। -प्रस्फोट-पु० (टाइम बम) वह प्रस्फोट (बम) युरोपियन अंग्रेज या अंग्रेजी दंगसे रहनेवाला हिंदस्तानी जो निर्धारित अवधिके बाद अपने आप फट पड़े, प्रज्व- अफसर । -जादा-पु० बड़े आदमीका बेटा; संबोध्य लित हो उठे।
जनका बेटा; (ला०) अल्हड़, अनुभवहीन नवयुवक । सावन-पु० आषाढके बादका महीना, श्रावण; सावनमें -बहादुर-पु० अंग्रेज अफसर; साहबी ढंगसे रहनेवाला गाया जानेवाला एक लोकगीत, कजली; * समूह प्राचुर्य, | हिंदुस्तानी अफसर । -सलामत-स्त्री० परस्पर अभि
आधिक्य [सं०] यजमान; पूरा दिन और रात । वादन, सलाम-बंदगी सामान्य परिचय । सावनी-स्त्री० वरपक्षसे वधूके यहाँ सावनमें भेजी जाने-साहबाना-वि० [अ०] साहबका; साहबी। वाली सौगात सावनमें गाया जानेवाला लोकगीत । साहबी-वि० साहबका; साहब जैसा (-ठाठ)। स्त्री० सावर-पु. शिवकृत एक मंत्र; एक मुंग। .
साहबपन, अफसरी; (संत सा०) हुकूमत; मालिकी; सावये-पु० [सं०] रंग या जातिकी समानता । ईश्वरत्व, ऊँचा पद, एक तरहका अंगूर; एक धारीदार सावशेष-वि० [सं०] जिसका कुछ अंश बाकी बचा हो; कपड़ा।मु०-करना-अफसरी शान दिखाना। अपूर्ण, अधूरा । पु० शेष, बचा हुआ अंश । -जीवित- साहबीयत-स्त्री० साहबी चाल-ढाल; अंग्रेजोंकी नकल ।
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