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सुखक-सुगंध सुखस्थल, सुखका स्थान । -द-वि० सुख देनेवाला, | सुखमा-स्त्री० एक वर्णवृत्त; * दे० 'सुषमा'। आनंददायक । -दनिया*-वि० सुखदायक। -दा- सुखवंत*-वि० सुखी, प्रसन्न; सुखद । वि० स्त्री० सुख देनेवाली । स्त्री० अप्सरा। -दाहन*- | सुखवना-पु० सूखनेके लिए धूपमें डाला हुआ अनाज वि० स्त्री० दे० 'सुखदायिनी'। -दाई*-वि० दे० 'सुख- सूखनेसे चीजकी तौलमें होनेवाली कमी। दायी' । -दात*-वि० दे० 'सुखदाता'। -दाता() सुखवा*-पु० सुख ।
-वि० सुखदायक, आनंददायक। -दान-दानी- सखवान(वत)-वि० [सं०] मुखी । वि० [हिं०] सुख देनेवाला । -दाय,-दायो*-वि० सुखवार-वि० सुखी, प्रसन्न । दे० 'सुखदाता'। -दायक-वि० दे० 'सुखदाता'। सुखांत-वि० [सं०] जिसका अंत, परिणाम सुखमय हो। -दायिनी-वि० स्त्री० सुख देनेबाली । -दायी -नाटक-पु० पाश्चात्य नाटकका एक प्रकार जिसका अंत (यिन)-वि० सुख देनेवाला। -दाव*-वि० सुख सुखमय होता है (कामेडी)। देनेवाला । -दासा-पु० बढ़िया जातिका एक धान । सुखाधिकारवाद-पु० (सूट ऑफ ईजमेंट) वह मामला -दुःख-पु० आराम और कष्ट; आनंद और शोक ।। या नालिश जो दूसरेकी किसी भूमि, पथ आदिका अपने -देनी-दैनी*-वि० स्त्री० सुख देनेवाली । -दैन*- | आरामके लिए प्रयोग करनेसे हो या अपनी भूमि आदिवि० सुख देनेवाला। -दोह्या-स्त्री० बह गाय जो का दूसरे द्वारा दुरुपयोग होनेसे रोकना ही जिसका आसानीसे दुही जा सके । -धाम-पु० सुखका घर, विषय हो, सुविधाधिकार-संबंधी वाद। वैकुंठ । वि० [हिं०] सुखदायक सुखी।-पाल-पु०[हिं०] | सुखाना-स० क्रि० तरी, गीलापन दूर करना गीली चीजएक तरहकी पालकी।-प्रद-वि०आनंददायक ।-प्रश्न- को सूखी बनाना, खुश्क करना । अ० क्रि० दे० 'सूखना' । पु० कुशल-प्रश्न । -प्रसवा-वि० स्त्री० आरामसे, बिना सुखानुभव-पु० [सं०] सुखको अनुभूति । कष्टक बच्चा जननेवाली (स्त्री, गाय इ०)। -प्राप्त-वि० | सुखापन्न-वि० [सं०] जिसे सुख प्राप्त हो। सुखी; आसानीसे मिला हुआ । -भा(ज),-भागी- सुखारा, सुखारी*-वि० सुखी, सुखमय । (गिन)-वि० सुखी, सुख भोगनेवाला। -भक(ज) सुखार्थी(र्थिन्)-वि० [सं०] सुख चाहनेवाला। -वि० सुखी; भाग्यवान् । -भोगी(गिन)-वि० सुखाली*-वि० आनंददायक । सुखका भोग करनेवाला । -भोजन-पु. स्वादिड | सुखावह-वि० [सं०] सुखजनक, सुखद । भोजन । -रात्रि-स्त्री० दिवालीकी रात सुहागरात | सुखासन-पु० [सं०] सुखद आसन, वह आसन जिसपर शांत और आनंददायक रात । -राशि-वि० जो सुख- बैठनेमें आराम मिले; पद्मासन पालकी । की राशि, भंडार है। -रास,-रासी*-वि० दे० 'सुख-सुखासीन-वि० [सं०] जो सुखसे बैठा हो। राशि' । -वाद-पु० इंद्रियसुख, शरीरसुख ही जीवन- सखिआ*-वि० दे० 'सुखिया'। की सार्थकता है, यह मत । -शयन-पु० आरामसे सखित-* वि० सूखा हुआ, शुष्क; [सं०] सुखी, प्रसन्न । सोना । -शय्या-स्त्री० आरामदेह पलंग आदि; आराम- पु० आनंद, सुख । की नींद । -शांति-स्त्री० सुख और शांति, सुख-चैन । सुखिया-वि० दे० 'सुखी' । -सलिल-पु० कुनकुना या गरम पानी । -सागर- सुखिर*-पु० साँपका बिल । पु० सुखका समुद्रा एक ग्रंथ जो भागवतके दशम स्कंधका| सुखी(खिन्)-वि० [सं०] सुखयुक्त, जिसे सुख प्राप्त हिंदी अनुवाद है। -साधन-पु. सुख प्राप्त करनेका हो, जिसकी जिंदगी आरामसे कट रही हो प्रसन्न; जिसे जरिया । -साध्य-वि० जो आसानीसे हो या किया खाने-पीने, रुपये-पैसेका सुख प्राप्त हो, खुशहाल । जा सके, सहज; आसानीसे दूर होनेवाला (रोग)। -सार सुखेसर-पु० [सं०] वह जो सुखसे भिन्न हो, कष्ट । वि० -पु० मोक्ष। -स्पर्श-वि. जिसका स्पर्श सुखद हो। जो सुखी न हो, भाग्यहीन । -स्वप्न-पु० सुखमय जीवनकी कल्पना। -की नींद- न-*पु० 'सुषेण' । अ० [सं०] सुखपूर्वक । वह नींद जिसमें खलल न पड़े, आरामकी नींद । मु०- सुखैना*-वि० सुखदायी। मानना-किसी परिस्थिति में आराम मानना। -लूटना षिन)-वि० [सं०] सुख चाहनेवाला । -सुखोपभोग करना।
सखोत्सव-पु० [सं०] आनंदोत्सव, उछाव-बधाव; यति । सुखक*-वि० दे० 'शुष्क'।
सुखोदक-पु० [सं०] दे० 'सुख-सलिल' । सुखता-स्त्री०, सुखत्व-पु० [सं०] आराम, चैन, आनंद। सुखोपेक्षी(क्षिन्)-पु० [सं०] (स्टोइक) विविध सुखों एवं सखन(सखन)-पु० [अ०] बात, वचन, बातचीतः उक्तिः विलासादिके प्रति उदासीन रहते हुए सदाचारमयसात्त्विक कौल, कविता, पद्यरचना । -तकिया-पु०वह शब्द, जीवन बितानेको ही परम लक्ष्य माननेवाला दार्शनिक । वाक्यखंड या लघुवाक्य जो सार्थक होते हुए निरर्थक | सखोष्ण-वि० [सं०] कुनकुना । पु० कुनकुना जल । होता है और जिसे कुछ लोग आदतके कारण, वाक्यके सुख्ख-पु० सुख । बीचमें, अक्सर आगेकी बात झट सोच न सकनेपर, कहा सुख्यात-वि० [सं०] सुप्रसिद्ध । करते हैं ('क्या नाम है', 'जो है सो' इ०), अवलंबन । सुख्याति-स्त्री० [सं०] प्रसिद्धि, नामवरी। सखना*-अ० क्रि० दे० 'सूखना' ।
सगंध-वि० [सं०] खुशबूदार, सुंदर गंधवाला । स्त्री०अच्छी सुखमन-स्त्री० दे० 'सुषुम्ना'।
। गंध, सुवास, खुशबू ।-बाला-खी० एक सुगंधयुक्त वनौ
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