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सस्पृह-सहस्त्र सस्पृह-वि० [सं०] इच्छुक, ख्वाहिशमंद ।
सहत*-पु० दे० 'शहद' ।वि० सस्ता । सस्मित-वि० [सं०] अक्ष्पहासयुक्त । अ० मुस्कराहटके साथ। सहताना*-अ० क्रि० सुसताना, थकान मिटाना; सस्ता सस्य-पु० [सं०] धान्य ।-आवर्तन-पु० (क्रॉप-रोटेशन) होना । खेतमें क्रम-क्रमसे दूसरी फसल बदल-बदलकर तैयार | सहदानी*-स्त्री० चिह्न, निशानी । करना, फसल-बदल । -पाल,-रक्षक-पु० खेतका सहदूल*-पु० दे० 'शार्दुल'। रखवाला।
सहदेई-स्त्री० एक वनौषधि ।। सहगा*-वि० सस्ता, 'महँगा'का उलटा।
सहन-पु० [अ०] आँगन; खुली हुई समतल भूमि; बड़ा सह-अ० [सं०] साथ, सहित; साथ-साथ, युगपत् । वि० | थाल; एक बढ़िया रेशमी कपड़ा; [सं०] सहिष्णुता; सहनेसहन करनेवाला; धीर; समर्थ; सशक्त । -कर्ता (त)- की क्रिया क्षमा। वि० सहिष्णु, धीर, क्षमाशील; शक्तिपु० साथ काम करनेवाला सहायक । -कार-पु० साथ शाली। -शील-वि० सहिष्णु, धीर; संतोषी। काम करना, सहायता देना; एक तरहका सुगंधित आम । सहनभंडार*-पु० धनराशि, खजाना। -कारता,-कारिता-सी० सहायता; सहायक होनेका | सहना-स० क्रि० झेलना, सहन करना, बरदाश्त करना; भाव । -कारी (रिन्)-वि० साथ काम करनेवाला। फल भोगना; भार ग्रहण करना। पु० सहायक कार्यकर्ता । -गमन-पु० साथ जाना; सती सहनाई*-स्त्री० दे० 'शहनाई। होना । -गवन-पु० दे० 'सहगमन' । -गान-पु० | सहनीय-वि० [सं०] सहने योग्य; क्षमाके योग्य । कई व्यक्तियोंका एक साथ मिलकर गाना, समवेतगान; वह सहबाला-पु० दे० 'शहवाला'। गीत जो इस प्रकार गाया जाय (कोरस)। -गामिनी- | सहम-पु० [फा०] डर, भय । -नाक-वि० डरावना, स्त्री० सती होनेवाली की पत्नी ।-गामी(मिन)-वि० | भयंकर । साथ जानेवाला ।-गौन*-पु०दे० 'सहगमन' ।-चर- सहमना-अ० क्रि० डरना; शंका मानना घबरा जाना । वि० साथ चलने या रहनेवाला । पु० साथी, मित्र; अनु-सहमाना-स० क्रि० डराना; घबराहट में डालना। चर, सेवक । -चरी-स्त्री० सखी; पली। -चारिणी- सहर-पु० जादू, टोना; सिहोर; * शहर सिं०] एक स्त्री० सखी; पत्नी ।-ज-वि० साथ-साथ या एक ही समय दानव [अ०] भोर, सूर्योदयके पहलेका काल । -गहीउत्पन्न; जन्मजात प्राकृतिक, आद्यंत एकसा रहनेवाला; स्त्री० वह हलका भोजन जो रमजानके दिनोंमें रोजा साधारण; आसान । पुष्सगा भाई स्वभाव ।-जात-वि० रखनेवाले मुसलमान कुछ रात रहते कर लेते हैं (हिंदू एक साथ उत्पन्न; एक ही समय उत्पन्न, समवयस्का प्राकृ- स्त्रियाँ भी हरितालिका और जीवत्पुत्रिका व्रतोंसे पहले तिक; जुड़वाँ (बच्चे); सहोदर ।-देव-पु०माद्रीसे उत्पन्न सहरगही (सरगही) खाती हैं ।-गाहा-दम-अ० तड़के। पांडुके पाँचवें पुत्र । -धर्मिणी-स्त्री० पत्नी। -धर्मी-सहराई-वि० [अ०] जंगली, वन्य । (र्मिन्)-वि० समान कर्तव्योंवाला; समान धर्मवाला। सहराना*-स० क्रि० दे० 'सहलाना'। अ० कि० सिह-पाठी(ठिन)-पु. साथ पढ़नेवाला । -प्रतिवादी रना; डरना। (निन्)-पु० (को डिफेंडेंट) किसी मामले में मुख्य प्रति- सहरी-स्त्री० शफरी मछली, सिधरी। वि० [अ०] प्रात:वादीके साथ गौण रूपसे मान लिया गया अन्य प्रतिवादी। कालीन । स्त्री० दे० 'सहरगही' । -भोज-पु० (विभिन्न जातियों, श्रेणियोंके) बहुतसे आद- सहल-वि० [अ०] नरम सहजमें होनेवाला, आसान । मियोंका एक साथ बैठकर भोजन करना । -भोजन-पु० सहलाना-स० क्रि० धीरे-धीरे मलना या हाथ फेरना, मित्रों आदिके साथ भोजन करना। -मत-वि० जिसका | सुहराना; गुदगुदाना । अ० क्रि० गुदगुदी मालूम होना। मत दूसरेसे मिलता हो। -मरण-पु० सती होना, सह-सहस-वि० [सं०] हासयुक्त, हँसता हुआ; * दे० सहस्र। गमन ।-योग-पु०साथ मिलकर काम करना; सहायता। -किरण,-गो-पु० सूर्य । -जीभ,-फन,-बदन,-योगी(गिन)-वि०,पु० सहयोग करनेवाला; मददगार मुख,-सीस-पु० शेषनाग । -दल,-पत्र-पु० कमल।
साथ काम करनेवाला या साथ प्रकाशित होनेवाला; सहसा-अ० [सं०] अचानक, एकाएक प्रचंड वेगसे; समकालीन । -लंगी*-पु. साथी; हमराही ।-वर्ती हठात् । (र्तिन)-वि० साथ करने, रहनेवाला । -वास-पु० सहसाक्रामक चमू-स्त्री० [सं०](शॉक ट्र.प्स) सेनाकी वह साथ रहना; संभोग, मैथुन । -विस्तारी(रिन)-वि. टुकड़ी जिसे अचानक ऐसा भयावह आक्रमण करनेकी (कोएक्सटेंसिव) साथ-साथ फैला हुआ। -शय्या-स्त्री० शिक्षा दी गयी हो जिसमें असाधारण वीरता और साहससाथ सोना।
की आवश्यकता हो। सहजन -पु० दे० 'सहिजन'।
सहसाक्षि, सहसाखी*-पु० सहस्राक्ष, इंद्र । सहजारि-पु० [सं०] वह जो प्रकृत्या शत्रु हो (जिससे सहसानन -पु० शेषनाग । संपत्ति आदिके संबंधमें झगड़ा होनेकी संभावना हो, जैसे | सहसोपचार-पु०[सं०] (शॉक ट्रीटमेंट) चकित करने या सौतेला या चचेरा भाई)।
झकझोर देनेवाला वह उपाय जो सहसा काममें लाया जाय, सहजै+-अ० सरलतापूर्वक, आसानीसे, अनायास । वह उपचार जो सहमा किसीकी मानसिक स्थितिपर प्रभाव सहजोदासीन-वि० [सं०] जो प्रकृत्या मित्र या शत्रु न डालकर रोगादिका शमन करनेके लिए किया जाय । हो, साधारण रूप में परिचित ।
| सहस्त्र-वि० [सं०] दस सौ, हजार । पु० हजारकी संख्या।
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