Book Title: Gyan Shabdakosh
Author(s): Gyanmandal Limited
Publisher: Gyanmandal Limited

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Page 825
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir समक्ष-समर्पण और उष्ण कटिबंध तथा दक्षिणी शीत कटिबंधके बीचमें समपहरण-पु० [सं०](कनफिसकेशन) दंडके रूपमें सरकार पड़नेवाले पृथ्वीके वे दो कल्पित भाग जहाँ प्रायः सम- द्वारा किसीके धन या संपत्तिका छीन लिया जाना, उसशीतोष्ण जलवायु पाया जाता है। -शील-वि० एक पर कब्जा कर लेना। ही जैसे स्वभाव या आचरणका ।-संधि-स्त्री० बराबरीकी | समय-पु० [सं०] काल, वक्त; अवसर फुरसत; उपयुक्त शर्त पर होनेवाली सुलह पूरी सहायता करनेकी शर्तके काल; अंत समय; ठहराव; प्रथा; विहिताचार; कविसमय; साथ होनेवाली संधि (को०)। -समयवर्ती(तिन्)- समझौता: नियम; संकटकी स्थिति; शपथसंकेत; प्रतिशा; वि० युगपत् होनेवाले, साथ-साथ होनेवाले ।-सामयिक- अंत । -च्युति-स्त्री० मौका चूक जाना, अवसर हाथसे वि० (वे दो या अधिक) जो एक ही समयमें हुए हों या निकल जाना। -ज्ञ-वि० समयका शान रखनेवाला । विद्यमान रहे हों। -दान-पु० (एंगेजमेंट) किसीसे मिलने, बात करने समक्ष-वि० [सं०] जो आँखोंके सम्मुख हो, गोचर,! आदिके लिए कोई समय पहलेसे निर्धारित या निश्चित उपस्थित । अ० सामने । कर देना। -निष्ठ-वि० (पंक्चुअल) समयकी पाबंदी समग्र-वि० [सं०] सब, पूरा। रखनेवाला, प्रत्येक काम समयपर करनेवाला ।-बंधनसमझ-स्त्री० बुद्धि, प्रज्ञा खयाल, विचार । -दार-वि० ! वि० प्रतिशाबद्ध । पु० प्रतिशाका बंधन । -भेद-पु. बुद्धिमान् । . प्रतिशा भंग करना। -विपरीत-वि० वादेके खिलाफ समझना-अ० कि० जान लेना; बिचारना । स० कि.. वादा पूरा न करनेवाला । -विभाग,-विभागपत्रअच्छी तरह ध्यान में लाना; किसी बातको जान लेना। पु० (टाइमटेबिल) दे० 'समयसूची'। -सारिणी,-सूचीसमझ-बूझकर-जान-बूझकर । स्त्री० (टाइमटेबिल) ट्रेनोंके पहुँचने तथा छूटने या विशेष समझाना-स० कि० बोध, ज्ञान कराना, जतलाना। विषयोंकी पढ़ाई, परीक्षा आदि शुरू होनेके लिए निर्धारित समझाव, समझावा-यु० समझने, समझानेका भाव। समयकी सूची, समय-विभागपत्र, वेलापत्रक । समझौता-पु० दोनों पक्षों द्वारा संधिकी शौकी स्वीकृति, समयानुवर्ती(र्तिन)-वि० [सं०] प्रचलित रीतिके अनुराजीनामा, मेल । सार चलनेवाला। समता-स्त्री०, समव-पु० [सं०] चौरस होनेका भावः | समयोचित-वि० [सं०] अवसरके उपयुक्त । साहश्य, बराबरी, अनुरूपता; निष्पक्षता; धीरता। समर-पु० [सं०] युद्ध, लड़ाई। -कर्म(न)-पु. समत्थ-वि० दे० 'समर्थ' । युद्धकर्म, लड़नेका कार्य । -भूमि-स्त्री. युद्धक्षेत्र । समदन-* पु० भेंट, नजर, उपहार [सं०] युद्ध । -पोत-पु० युद्धपोत, रणपोत ।-विजयी(यिन्)-वि० समदना*-अ० क्रि० भेंटना, मिलना । स० क्रि० मेंट, युद्ध में विजय प्राप्त करनेवाला । -शूर-पु० युद्ध में वीरता नजर करना; सौंपना; ब्याहमें देना-'दुहिता समदौ प्रकट करनेवाला व्यक्ति । -सीमा-स्त्री० युद्धभूमि । सुख पाइ अबै-राम०; आनंदसे मनाना । समरत्थ-वि० दे० 'समर्थ' । समदाना*-स० क्रि० सौंपना; रखना, धरना । समरथ*-वि० दे० 'समर्थ'। समधिक-वि० [सं०] बहुत अधिक, अतिशय । समरांगण-पु० [सं०] युद्धभुमि । समधियाना-पु० पुत्र या पुत्रीकी ससुराल । समरागम-पु० [सं०] युद्ध छिड़ना । समधी-पु० पुत्रका या पुत्रीका ससुर । समराजिर-पु० [सं०] युद्धक्षेत्र । समधीत-वि० [सं०] अच्छी तरह पढ़ा हुआ, अध्ययन समराना*-स० कि० पहनाना, सजाना-'आभूषन सब किया हुआ। जड़ावके समराये'-अष्टछाप ।। समधौरा-पु० विवाहकी एक रस्म जिसमें समधी पर-| समरोचित-वि० [सं०] युद्धके उपयुक्त (जैसे हाथी)। स्पर मिलते हैं। समरोद्यत-वि० [सं०] युद्ध के लिए तैयार । समध्व-वि० [सं०] साथ यात्रा करनेवाला । समर्घ-वि० [सं०] सस्ता, कम दामका । समन-* पु० शमन; यमः [अं॰ 'सम्मन्स'] प्रतिवादी या समर्चन-पु० [सं०] अच्छी तरह पूजन करना; भादरगवाहको अदालतमें हाजिर होनेके लिए उसकी ओरसे | सत्कार करना। भेजी जानेवाली लिखित सूचना । समर्चना-स्त्री० [सं०] दे० 'समर्चन' । समनुज्ञा-स्त्री० [सं०] अनुमति । समर्थ-वि० [सं०] बलवान्, सशक्त; योग्य, उपयुक्त। समनुज्ञात-वि० [सं०] पूर्णतः स्वीकृत; जिसे अधिकार दिया | समर्थक-वि० [सं०] समर्थन करनेवाला, पुष्टि करनेवाला। गया हो; जिसे जानेकी आज्ञा दी गयी हो; अनुगृहीत। समर्थता-स्त्री०, समर्थव-पु० [सं०] योग्यता, सामर्थ्य । समन्वय-पु० [सं०] नियमित क्रम; संबद्ध फल, कार्य- | समर्थन-पु० [सं०] पुष्टि करना; विवेचन; पक्ष ग्रहण कारण-मंबंधका निर्वाह संयोग मेल, पटरी। करना; किसी वस्तु के औचित्यानौचित्यका निर्णय करना। समन्वित-वि० [सं०] संयुक्त; स्वाभाविक रूपमें क्रमबद्ध; समर्थना-स्त्री० [सं०] आमंत्रण; अनुरोध । अनुगत;"से युक्त द्वारा प्रभावित । | समर्थनीय-वि० [सं०] समर्थन करने योग्य । समन्वेषण-पु० [सं०] (एक्सप्लोरेशन) किसी प्रदेश या समर्थित-वि० [सं०] जिसकी पुष्टि की गयी हो प्रमाणित । क्षेत्रके भीतर जाकर, वहाँ पहुँचकर, चारों तरफकी स्थिति समर्पक-वि० [सं०] समर्पण करनेवाला । आदिका पता लगाना। समर्पण-पु०[सं०] सौंपना, देना, मेंट करना; जतलाना। For Private and Personal Use Only

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