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सफाई-सभाग्रणी
- ८१४ वि०बिलकुल साफ, मैदान, जिसपर कोई पेड़-पौधा न हो; सबील-स्त्री० [अ०] रास्ता उपाय-'बचै न बड़ी सबील हू अच्छी तरह मुँडा हुआ (सिर) । पु० सफहा, पृष्ठ । चील घोंसुआ मांस'-बि०, वसीला; वह स्थान जहाँ सफाई-स्त्री० साफ होना, स्वच्छता, झाड़-पोंछ, मैल- लोगोंको पानी, शरबत आदि पिलाया जाय, प्याऊ । गंदगीका दूर किया जाना; चमक; चिकनाहट; खुरदरा- सबीह-स्त्री० दे० 'शबीह' । वि० [अ०] गोरा-चिट्टा । पनका न रहना; सरलता; हृदय-शुद्धि; नेकनीयती, | सबूत-पु० दे० 'सुबूत'। सचाई, खरापन; हिसाबका चुकता हो जाना; मेल, सुलह सबेरा-पु० दे० 'सवेरा' । (सफा हो जाना); समाप्ति; तबाही, बरबादी; दोपसे मुक्ति सब्ज़-वि० [फा०] हरा, कच्चा हरा-भरा।-कदम-वि० अभियुक्तका बचाव, उसकी निर्दोषता सिद्ध करनेके लिए | जिसके कदम, पौरा, अमंगलकर माने जाते हों, मनहूस पेश की जानेवाली गवाही इ०, अभियुक्तपक्ष (-का गवाह, (केवल व्यंग्यमें)।-बस्ती-स्त्री० खुशनसीबी, सौभाग्य । वकील); फुरती, चतुराई (-का हाथ); (ला०) निर्लज्जता। मु०-बाग़ दिखाना-ठगनेके लिए झूठी आशाएँ दिलाना, सफाया-पु० समाप्ति; नाश; संहार । मु०-कर देना- धोखा देना। -होना-हरा-भरा होना, फलना फूलना।
खत्म कर देना, मिटा देना सबको मार डालना। सब्ज़ा-पु० [फा०] हरी घास, हरियाली; पन्ना; नीलसफ़ीना-पु० किताब; बही; समन ।
कंठ; वह घोड़ा जिसकी सफेदीमें स्याह रंगकी झलक हो । सफीर-स्त्री.चिड़ियोंकी आवाज; सीटी; आवाज । सब्ज़ी-स्त्री० [फा०] हरा रंग; हरियाली; साग-पात, सफीर-पु० [अ०] दूत, राजदूत ।
हरी तरकारी; भंग । -रांश-पु० साग-तरकारी बेचनेसफील-स्त्री० दे० 'सफीर' (सीटी; आवाज)।
वाला । -मंडी-स्त्री. वह जगह जहाँ साग-तरकारी सफूफ़-पु० [अ०] चूर्ण; चूर्णरूप औषध, चूरन ।
और ताजा फल बिकते हों। सफ़ेद-वि० [फा०] उजला, श्वेत; गोरा कोरा; सादा | सब-पु० [अ०] सहन, बरदाश्त; धैर्यः संतोष, तसल्ली । (कागज) । -दाग़-पु० श्वेतकुष्ठ । -पोश-वि० सफेद मु०-आना-धीरज धरना। -करना-जुल्मको चुपकपड़े पहननेवाला; भला आदमी; जो अमीर न होते हुए | चाप सह लेना; ठहरना, धैर्य रखना ।-की सिल छातीभी भले आदमियोंकी तरह रहे, शिष्ट किंतु अल्पवित्त (दिल)पर रखना-"चुपचाप धैर्यपूर्वक सह लेना ।-देना (जन)। -(दा) सियाह-पु० भला-बुरा, बनाना-बिगा- -(ईश्वरका) सहनेकी शक्ति देना; धीरज बँधाना। डना । मु०-पड़ जाना-(भय, रोग आदिसे) चेहरेका | सभंग-वि० [सं०] खंडयुक्त । -श्लेष-पु० श्लेषका एक रंग उड़ जाना, पीला पड़ जाना।
प्रकार जो शब्दका खंड करने पर बनता है । सफ़ेदा-पु. एक तरहका आम; एक पेड़ जिसका धड़ सभय-वि० [सं०] डरा हुआ, भययुक्त खतरनाक । सफेद होता है; जस्तेसे बनाया जानेवाला सफेद चूर्ण जो सभर्तृका-स्त्री० [सं०] वह स्त्री जिसका पति जीवित दवाके काम आता है।
हो, सधवा। सक्नेदी-स्त्री० सफेद होना, श्वेतता; गोराई, चूनेकी पुताई | सभा-स्त्री० [सं०] गोष्ठी, मजलिस; परिषद्, समिति (करना, फेरना, होना); सबेरेका उजाला; सफेद रंगका सभास्थल, सभाभवन, न्यायालय; दरबार; द्यतशाला; स्राव । मु०-आना-बुढ़ापा आना, बाल सफेद होना।। पथिकालय; अतिथिशाला; भोजनालय; वह स्थान जहाँ सबंधमुक्ति-स्त्री० [सं०](पैरोल) किसी बंदीका कारागृहसे इस लोग प्रायः आते-जाते हों; कार्य-विशेषके लिए संघटित प्रतिबंधपर कुछ समयके लिए छोड़ दिया जाना कि अवधि संस्था । -कक्ष-पु० (लॉबी) दे० 'प्रकोष्ठ'। -गृह-पु. समाप्त होते ही वह पुनः कारागारमें उपस्थित हो जायगा सभा-भवन । -चातुर्य-पु० सभा, समाजमें बोलने,
और मुक्तिकालमें कोई अवांछनीय या वर्जित कार्य न व्यवहार करनेकी चतुरता। -त्याग-पु. (वॉक आउट) करेगा, सप्रतिबंधमुक्ति, साधिमुक्ति।
अध्यक्षकी किसी व्यवस्था या सभाकी किसी कार्रवाई आदि. सब-वि० कुल (संख्या या राशि); समस्त, सारा, संपूर्ण । के विरोधमें एक या अधिक सदस्योंका सभा छोड़कर सबक्र-पु० [अ०] पाठ, पुस्तकका उतना अंश जितना बाहर चला आना।-नायक,-पति-पु० सभाका अध्यक्ष एक दिनमें गुरुसे पढ़ा जाय, शिक्षा, सीख; वह दंड जो जुएका अड्डा चलानेवाला ।-नेता(तु)-पु० (लीड ऑफ चेतावनीका काम दे ( देना, मिलना )।मु०-पढ़ाना- दि हाउस) दे० 'सभाग्रणी' ।-मंडन-पु० सभा-भवनकी शिक्षा देना; पट्टी पढ़ाना, बहकाना। -लेना-पढ़ना: सजावट । -सचिव-पु० (पार्लिमेंटरी सेक्रेटरी) विधाननसीहत लेना।
सभा या लोकसभाका वह सदस्य जो किसी मंत्रीके साथ सबज-वि० दे० 'सब्ज'।
रहकर उसके समस्त विभागीय कार्यों में सहायता करता सबद-पुं० शब्द; किसी महात्माकी बानी, भजन आदि । और जिसे इस कार्यके लिए वेतन भी मिलता है। संसत्ससबब-पु० [अ०] कारण; उपादान कारण, हेतु; दलील । चिव । -सदा-सद्-पु० सदस्य; जूरीका सदस्य, सबर-पु० दे० 'सब' । * वि० दे० 'सबल'।
अदालतकी पंचायतका सदस्य । सबरा*-वि० सब, कुल, सारा।
सभागा*-वि० भाग्यशाली; सुंदर। सबरी-स्त्री० गड्ढा या दीवार खोदनेका आला, छोटा सभाग्य-वि० [सं०] भाग्यशाली । रंभा दे० 'शबरी'।
सभाग्रणी-पु० [सं०] (लीडर ऑफ दि हाउस) संसद सबल-वि० [सं०] सशक्त, बलवान् सेनायुक्त ।
या विधानसभाके सदस्यों द्वारा चुना गया वह नेता सबार, सबारै*-अ० जल्द, शीघ्र ।
जो संसद या सभाका कार्यक्रम आदि निर्धारित करता
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