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सनाथा-संपन्न
.."से युक्त; * सफल-'भये सखि नैन सनाथ हमारे'- सन्निधान-पु०, सन्निधि-स्त्री० [सं०] साथ, पास रखना; सू० कृतकृत्य-'जो कदाचि मोहि मारिहैं तौ पुनि होब सामीप्य; गोचरता; आधार; अपने पास रखना; योग। सनाथ'-रामा० ।मु०-करना-आश्रय देना।
सन्निपात-पु० [सं०] एक साथ गिरना; मिलना, संगम सनाथा-स्त्री० [सं०] वह स्त्री जिसका पति जीवित हो, | टक्कर मेल, योग समूह; बात, पित्त और कफका एक जीवद्भर्तृका ।
साथ प्रकोप जो भीषण होता है। सनाभि-वि० [सं०] नाभियुक्त; समान केंद्रवाले (जैसे सन्निविष्ट-वि० [सं०] साथ बैठा हुआ एकत्रीभूत लीन; पहियेके आरे); सहोदर, सगा; सपिंडा समान, सदृश । | समाया हुआ, प्रविष्ट; आसन्नवती, निकटस्थ; जिसने पु० सगा भाई; सातवीं पीढ़ीतकका संबंधी ।
पड़ाव डाला हो । -करना-स० क्रि० (टु इनसर्ट) हटाये सनाभ्य-पु० [सं०] एक ही वंशका सातवीं पीढ़ीतकका हुए शब्द, शब्दसमूह आदिके स्थानमें अन्य शब्द, शब्दसंबंधी।
समूह आदि रखना या बैठाना । सनामा(मन)-वि० [सं०] समान या एक ही नामका । | सन्निवेश-पु० [सं०] प्रवेश करना; साथ बैठना; एकत्र सनाय-स्त्री० एक पौधा जिसकी पत्तियाँ रेचक होती हैं, होना; समाना, अँटना; बैठने, रहनेका स्थान; कुटीर, सोनामुखी।
वासस्थान; उचित स्थानपर बैठाना; जमाना नगर आदिसनाह-पु० कवच, बख्सर ।
के पासका वह मैदान जहाँ मनोरंजन, व्यायाम आदिके सनि*-पु० दे० 'शनि' ।
लिए लोग एकत्र होते हैं; रचना, निर्माण । सनित*-वि० साना, मिलाया हुआ, मिश्रित ।
सन्निवेशन-पु० [सं०] बैठाना; रखना; जमाना; जड़ना; सनिद्र-वि० [सं०] सोया हुआ, निद्रायुक्त ।
मूर्ति स्थापित करना वासस्थान; व्यवस्था। सनियम-वि० [सं०] नियमित; जो धर्मानुष्ठान कर सन्निवेशित-वि० [सं०] प्रविष्ट कराया हुआ; बैठाया, रहा हो।
जमाया हुआ ठहराया हुआ स्थापित किया हुआ। सनिघृण-वि० [सं०] निष्ठुर, कठोर, बेरहम ।
सन्निहित-वि० [सं०] पास रखा हुआ निकटस्थ, आसन्न सनीचर*-पु० दे० 'शनैश्चर'।
उपस्थित रखा, जमाया हुआ; ठहराया हुआ; उद्यत, सनीचरी-स्त्री० शनिकी दशा। विशनिवारको लगने- तैयार ठहरा हुआ, स्थित । वाला (बाजार)।
सन्न्यसन-पु० [सं०] त्याग; अलग करना; सांसारिक सनीड, सनील-वि० [सं०] जो एक ही घोंसलेमें रहते । विषयोंका त्याग; जमा करना, सौंपना रखना, धरना । हों साथ रहनेवाले संबंधी, समीपी।
सन्न्यस्त-वि० [सं०] अलग किया हुआ, छोड़ा हुआ; सनेस, सनेसा*-पु० दे० 'संदेश'।
विरक्त रखा हुआ; जमा किया हुआ सौंपा हुआ; ठहसनेह*-पु० दे० 'स्नेह'।
राया हुआ। सनेहिया-पु० दे० 'सनेही'।
सन्न्यास-पु० [सं०] छोड़ना, परित्याग, विरक्ति हिंदुओंसनेही-वि• स्नेही, प्रेमी। पु० प्रेम करनेवाला । का चतुर्थाश्रम; धरोहर; पण, दानू, बाजी; शरीरत्याग, सन-सनै*-अ० दे० 'शनैः-शनैः'।
मृत्युः जटामासी; ठहराव, शर्त; एक तरह का मूर्छारोग । सनोवर-पु० [अ०] चीड़का पेड़।।
-ग्रहण-पु० चतुर्थाश्रम में प्रवेश करना। सन्-पु. [अ०] साल, संवत् ।-ईसवी-पु० ईसाइयोंका सन्न्यासी(सिन्)-वि० [सं०] त्याग करनेवाला; पृथक् संवत् जो ईसाके जन्मदिनसे चला है। -हाल-पु० वर्त करनेवाला; भोजनका त्याग करनेवाला, त्यक्ताहार । मान संवत् ।-हिजरी-पु० मुसलमानोंका संवत् जिसका पु० चतुर्थाश्रममें प्रविष्ट व्यक्ति । आरंभ मुहम्मदके मक्केसे हिजरत करनेकी तिथिसे हुआ सन्मान-पु० दे० 'सम्मान' [सं०] सज्जनोंका आदर । है। -(ने)जुलूस-पु० किसी राजाके राज्याभिषेककी सन्मानना*-सक्रि० दे० 'सनमानना' । तिथिसे चलनेवाला संवत् ।
सन्मार्ग-पु० [सं०] सुमार्ग, सुपथ । सन्न-वि० भय आदिसे स्तब्ध, स्तंभित ।
सन्मुख-अ० दे० 'सम्मुख' । सनद्ध-वि० [सं०] कटिबद्ध बक्तरवंद युद्ध के लिए तैयार; सन्यासी-पु० दे० 'सन्न्यासी' । व्याप्त,से संपन्न, युक्त संलग्न ।
सपक्ष-वि० [सं०] डैनीवाला; पंखदार (बाण); पक्षवाला, सबाटा-पु० निस्तब्धता, नीरवता; निर्जनता; स्तब्धता, जिसका दो पक्षों से कोई एक पक्ष हो; एक ही (समान) चुप्पी, हवा चलनेका शब्द, सनसनाहट । वि० निर्जन पक्षका; मित्रों, सहायकोंसे युक्त; एकजातीय; समान, नीरव । मु०-खींचना,-मारना-बिलकुल चुप हो सश (ला०); जिसमें साध्य या अनुमानका विषय हो। जाना । -बीतना-उदासीमें वक्त कटना। -(टे)का- पु० मित्र, सहायक; समर्थक सहजातीय व्यक्ति; वह सनसन आवाजके साथ बहनेवाला । -के साथ,-से- दृष्टांत जिसमें साध्य हो । तेजीसे ।-में आना-स्तंभित हो जाना,चुप रह जाना। सपच्छ*-वि०, पु० दे० 'सपक्ष। समाह-पु० [सं०] इथियारसे लैस होना; कवच । सपत*-अ० दे० 'सपदि'। सन्निकट-अ० [सं०] पास, नजदीक ।
सपताक-वि० [सं०] झंडेसे युक्त । सन्निकर्ष-पु० [सं०] निकट लाना; सामीप्य; उपस्थिति; सपत्न-वि० [सं०] शत्रुताका भाव रखनेवाला, वैरी । संबंधइंद्रियका विषयसे संबंध (न्या०)।
| पु० शत्रु, दुश्मन । -जित्-वि० शत्रुओंको जीतनेवाला।
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