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संविदात-संसक्ति संविदात-वि० [सं०] जाननेवाला, समझदार, सांमजस्य- | संशयालु-वि० [सं०] संदेहशील । पूर्ण ।
संशयित-वि० [सं०] संशयमें पड़ा हुआ; संदिग्ध, जो संवि-स्त्री० [सं०] प्रज्ञा चेतना; अनुभूति; बोध, शान; निरापद् न हो। ठहराव स्वीकृति युद्ध, लड़ाई नाम, संज्ञा; संकेत तोषण; संशयिता(त)-पु० [सं०] अविश्वासी, संशय करनेवाला । सहानुभूति वार्तालाप; भाँग, समाधिः संकेतस्थल, मिलन-संशयी(यिन्)-वि० [सं०] संशय, संदेह करनेवाला । स्थान; योजना; वृत्तांत, हाल; संपत्ति ।
संशयोच्छेदी(दिन)-वि० [सं०] संदेह दूर करनेवाला । संविधान-पु० [सं०] व्यवस्था, प्रबंध, आयोजन; संपा-संशयोपमा-स्त्री० [सं०] उपमाका एक प्रकार जिसमें दन रचना; गेजना (कांस्टिट्य शन) वह विधान तथा संदेहके रूपमें सादृश्यका कथन हो। मौलिक सिद्धांतोंका समूह जिसके अनुसार किसी देश या संशीति-स्त्री० [सं०] संदेह, अनिश्चय । राज्य या संस्थाका संघटन, संचालन आदि होता है। संशीलन-पु० [सं०] नियमित रूपसे अभ्यास करना; -सभा-स्त्री० (कांस्टिटुएंट असेम्बली) किसी देशका किसी कामको आदतन करना; संसर्ग । संविधान तैयार करनेवाली सभा।।
संशद्ध-वि० [सं०] पूरी तरह शुद्ध किया हुआ, विशुद्ध संविधि-स्त्री० [सं०] (स्टैटूट) विधानसभा द्वारा स्वीकृत वह - चमकाया, पालिश किया हुआ जुर्मसे बरी किया हुआ लिखित विधान जो स्थायी विधि(कानून)के रूप में हो। जिसने प्रायश्चित्त आदिके द्वारा अपनेको निर्दोष बना संविभाजन-पु०[सं०] (एपोर्शनमेंट) लोगोंको देने, बाँटने लिया है। परीक्षित ।
आदिकी दृष्टिसे किसी वस्तुके अलग-अलग अंश या टुकड़े संशुद्धि-स्त्री० [सं०] पूरी सफाई; शुद्धीकरण सुधार । करना; दोष या दायित्व आदिका संश्लिष्ट व्यक्तियोंमें संशोधक-वि० [सं०] सुधारनेवाला; परिष्कार करनेवाला । उचित रूपसे विभाजन करना।
संशोधन-पु० [सं०] दोष या त्रुटि ठीक करना; शुद्धीसंवृत-वि० [सं०] ढका हुआ, छिपा हुआ; गुप्त; घिरा हुआ करण; अदायगी; सुधारना; संस्कार करना। रक्षित;"से युक्त; अलग रखा हुआ; दबाया हुआ; रुद्ध । संशोधनीय-वि० [सं०] दे० 'संशोध्य' । संवृद्ध-वि० [सं०] पूरा बढ़ा हुआ; उन्नति करता हुआ; संशोधित-वि० [सं०] ठीक किया हुआ; सुधारा हुआ। जो बढ़कर बड़ा, लंबा, ऊँचा हो गया हो।
संशोधी विधेयक-पु. ( एमेंडिंग बिल) किसी अधिनियम संवृद्धि-स्त्री० [सं०] बढ़ती, अभ्युदयः शक्ति ।
आदिमें संशोधन या सुधार करनेके लिए उपस्थित किया संवेग-पु० [सं०] तीव्र उत्तेजना, क्षोभ, भय; तीव्र वेग जानेवाला विधेयक। तीव्रता; जोर; उग्रता, प्रचंडता; शीघ्रता, आतुरता। संशोध्य-वि० [सं०] सुधारने, साफ करने योग्य; जिसे संवेदन-पु० [सं०] दे० 'संवेदना' । -वाद-पु० (सेन- सुधारा, साफ किया जाय: चुकाने योग्य । सेशनलिज्म) यह सिद्धांत या मत कि हमें समस्त संश्रय-पु० [सं०] संयोग, मेल; संपर्क, संबंध; सहारा ज्ञानकी प्राप्ति संवेदनसे ही होती है।
लेना, आश्रय ग्रहण करना; पनाह । संवेदना-स्त्री० [सं०] ज्ञान; अनुभूति; जताना, सूचित संश्रयण-पु० [सं०] शरण लेना, सहारा लेना। करना; प्रकट करना।
संश्रयी(यिन)-वि० [सं०] सहारा, शरण लेनेवाला। संवेदनीय-वि० [सं०] अनुभव करने योग्य; बोध, शान | संश्रित-वि० [सं०] लगा हुआ, संयुक्त; किसीके सहारे कराने योग्य ।
- टिका हुआ, परावलंबी; शरणागत; आश्रित । संवेदित-वि० [सं०] अनुभव किया हुआ; बोध कराया | संश्लिष्ट-वि० [सं०] आलिंगित; मिला हुआ जुड़ा हुआ हुआ, जताया हुआ।
मिश्रित संलग्न; संबद्ध अस्पष्ट । संवेष्टक-पु० [सं०] ( पैकर) वह व्यक्ति जो पुस्तकें, दवाएँ संश्लेष-पु० [सं०] संयोग संबंध; संधि, जोड़; आलिंगन; या अन्य माल कागज, दफ्ती, बोरे आदिमें लपेटकर या बंधन, तसमा। संदूकमें रखकर अन्यत्र भेजनेके लिए प्रस्तुत करे। संश्लेषण-पु. [सं०] जुटाना, मिलाना; संलग्न करना, संवेष्टन-पु० [सं०] ढकना लपेटना; फेरना; लपेटनेका लगाना; संबद्ध करना; विभिन्न कारणों या परिणामोंपर कपड़ा, बेठन । -व्यय-पु० ( पैकिंग चार्जेज़ ) बाहर विचारकर संबंध दिखलाना, मिलान करना (सिनथेभेजनेके लिए माल किसी डिब्बे, बोरे, थैले आदिमें बंद | सिस)। करनेके कारण होनेवाला व्यय ।
संश्लेषित-वि० [सं०] जोड़ा, मिलाया हुआ; संबद्ध किया संवेष्टिका-स्त्री० [सं०] (पैकेट) किसी वस्तुका छोटा बंडल,
लकड़ी,दफ्ती आदिके डिब्बों आदिमें बंद किया हुआ माल। संस-*पु० दे० 'संशय'; बरकत । संवेष्टित-वि० [सं०] (एनक्लोज्ड) जो किसी अन्य कागज, संसइ*-पु० दे० 'संशय'। पत्रादिके साथ भीतर रख दिया गया हो।
संसक्त-वि० [सं०] लगा हुआ, मिला हुआ, संबद्धः प्रवृत्त, संशय-पु० [सं०] अनिश्चय, हिचक; संदेह खतरा, संकट, | संलग्न, लीन; अनुरक्त; आसन्न, निकटवर्ती। -चेताकठिनाई।
(तस),-मना(नस्)-वि० जिसका मन किसी संशयात्मक-वि० [सं०] संदेहपूर्ण, अनिश्चित । विषयपर जमा हुआ हो। संशयात्मा(त्मन्)-वि०, पु० [सं०] शक्की, अविश्वासी, संसक्ति-स्त्री० [सं०] लगाव, घनिष्ठ संबंध घनिष्ठता, मेलसंदेहवादी।
| जोल; आसक्ति प्रवृत्ति ।
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