________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
पहलवान - पहुना
किसी चीज में पहल बनाना । पहलवान - पु० [फा०] कुश्ती लड़नेवाला मजबूत और कसरती आदमी, मल्ल, कुश्तीबाज; हृष्ट-पुष्ट और बलवान् आदमी ।
पहलवी - स्त्री० [फा०] ईरानकी एक पुरानी भाषा । पहला - वि० जो गणना या क्रमके अनुसार एकके स्थानपर पड़े, आदिमें पड़नेवाला, आद्य, प्रथम + पु० पुरानी रुकी जमी हुई तह |
पहलू - पु० [फा०] बगल, पाँजर; किसी पदार्थका दाहिना या बायाँ भाग, बाजू, पार्श्व; सेना या मकानका दाहिना या बायाँ भाग; किनारा कल, करवट दिशा; किसी ठोस चीज या नगीने आदिके कोरों या कोनोंके बीचकी चौरस सतह, पहल; किसी विषयका कोई अंग जिसपर विचार किया जाय, पक्ष; पड़ोस; गूढ़ अर्थ, व्यंग्यार्थ; रुख; तरकीब, बहाना । —दार - वि०जिसके कई पहलू हों; + बगल में रहनेवाला । मु०-आबाद होना- प्रेयसीका प्रेमीके पास बैठना, माशुकका आशिक के पास बैठना । (किसी का) - गरम करना- किसीका, विशेषकर प्रेयसीका प्रेमीसे सटकर बैठना, बहुत नजदीक बैठना । (किसीसे) - गरम कराना - प्रेयसीको अपने शरीर से सटाकर बैठाना। - दबाना - शत्रुकी सेना या नगरके दायें या बायें भागको आक्रांत कर देना; अपनी सेनाके दोनों पक्षोंमेंसे किसी एकको दूसरेसे पीछे रखते हुए आक्रमण में आगे बढ़ना । - बचाना - मुठभेड़का अवसर न आने देते हुए आगे बढ़ जाना, भिड़ंत बचाते हुए बगल से निकल जाना । - बसाना - पड़ोस में जा बसना । - मेँ बैठना- किसीसे सटकर या लगकर बैठना । - मेँ रहना- किसीसे सटकर, किसी के बहुत समीप बैठ रहना । पहले-अ० आदिमें, शुरूमें; देश, स्थिति या कालके अनुसार प्रथम, पूर्व में, पेश्तर आगे; पुराने जमाने में, प्राचीन कालमें, अतीत कालमें । -पहल- अ० सर्वप्रथम, सबसे पहले; पहली बार ।
पहलीँठा, पहलौठा - वि० सभी लड़कोंसे पहले पैदा हुआ;
•
पहलवानी - स्त्री० [फा०] कुश्ती लड़नेका काम या पेशा, पहार - पु० दे० 'पहाड़' | मल्लवृत्ति; पहलवान होनेका भाव ।
पहारू* - पु० पहरेदार |
पहिचान - स्त्री० दे० 'पहचान' |
पहित, पहिती * - स्त्री० पकायी हुई दाल | पहिनना। -स० क्रि० दे० 'पहनना' | पहिनाना - स० क्रि० दे० 'पहनाना' | पहिनावा- पु० दे० 'पहनावा ' | पहियाँ * - अ० पास ।
पहिया - पु० गाड़ी, कल आदिका वह गोलाकार अवयव जिसके धुरीपर घूमने से वह कल या गाड़ी चलती है, चक्र,
प्रथम जात ।
पहलौंठी, पहलौठी- - स्त्री० बच्चा जनने की पहली क्रिया, प्रथम प्रसव, आद्य गर्भमोचन ।
पहाड़ - पु० पत्थर, कंकड़, चूना, मिट्टी आदिकी चट्टानोंका वह प्राकृतिक पुंज जो जमीनकी सतह से बहुत ऊँचा होता है और बहुधा बरफ से ढका रहता है; किसी पदार्थका बहुत ऊँचा ढेर; कोई बहुत भारी वस्तु; वह जिससे जल्दी छुटकारा न मिल सके; बहुत कठिन कार्य, दुष्कर कार्य । मु० उठाना - भारी काम हाथ में लेना । - कटना - भारी कामका पूरा हो जाना। टूटना, टूट पड़ना - भारी संकट आ पड़ना । - से टक्कर लेना - बहुत बड़े बलवान्से भिड़ना ।
पहाड़ा - पु० किसी अंकको गुणन-सूची जिसे बच्चे याद करते हैं ।
पहाड़िया - वि० दे० 'पहाड़ी' |
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४६६
पहाड़ी - वि० पहाड़-संबंधी; पहाड़का; पहाड़पर या उसके आसपास रहनेवाला; पहाड़पर होनेवाला; जो पहाड़से निकले । स्त्री० छोटा पहाड़; पहाड़ी लोगोंके गानेकी एक तरहकी धुन; एक रागिनी; एक ओषधि ।
चक्का ।
पहिरना । - स० क्रि० दे० 'पहनना' | पहिराना। -स० क्रि० दे० 'पहनाना' | पहिरावना -स० क्रि० दे० 'पहनाना' | पहिरावनि, पहिरावनी* - स्त्री० दे० 'पहनावा' | पहिल* - वि० दे० 'पहला' | अ० पहले |
1- अ० दे० 'पहले' |
पहिला - 1 वि० दे० 'पहला'। * वि० स्त्री० जो पहले पहल ब्यायी हो । पहिले ।-उ पहिलौंठा, पहिलौठा - वि० दे० 'पहलौठा' | पहिलौंठी - स्त्री० दे० 'पहलौँ ठी' । पहीति - स्त्री० दाल ।
पहुँच - स्त्री० पहुँचनेकी क्रिया या भाव; पहुँचनेकी शक्ति; पासतक गमन; गति, पैठ, प्रवेश ( शास्त्र, विद्या आदि में ); पहुँच जाने की खबर या सूचना (जैसे पत्रकी पहुँच); समझनेकी सामर्थ्य; ग्रहण या धारणाकी शक्ति; जानकारी । पहुँचना - अ० क्रि० एक स्थानसे चलकर दूसरे स्थानको प्राप्त होना; आगे बढ़कर या फैलकर विशिष्ट स्थानको प्राप्त होना; किसी स्थान या पद आदिको प्राप्त होना; व्याप्त होना; समाना; किसी गूढ़ या मार्मिक बातको जान लेना, समझना, किसी विषयकी दूरकी बातें समझने की शक्ति रखना; गति या जानकारी रखना; फलके रूप में मिलना या प्राप्त होना; प्राप्त या अनुभूत होना; बराबरी में आना; समान होना, समता करना । पहुँचा हुआ - सिद्ध । पहुँचा पु० कुहनीसे नीचेका भाग । पहुँचाना-स० क्रि० किसी व्यक्ति या पदार्थ को एक स्थान से चलाकर या हटाकर दूसरे स्थानको प्राप्त कराना, ले जाना; आगे बढ़ाकर या फैलाकर किसी विशिष्ट स्थानको प्राप्त कराना; किसी स्थान या पद आदिको प्राप्त कराना; फैलाना; समवाना; फलके रूपमें प्राप्त कराना; अनुभव कराना; समकक्ष बनाना, बराबरी में लाना; तुल्य बनाना । पहुँची - स्त्री० हाथमें पहनेका स्त्रियोंका एक प्रसिद्ध गहना; कलाकी रक्षा के लिए पहना जानेवाला आवरण । पहुँन ई + - स्त्री० दे० 'पहुनाई' । पहुना - पु० दे० 'पाहुना' ।
For Private and Personal Use Only