________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
५०९
किया गया सरकारी कागज, साखपत्र ।
प्रतिभेद - पु० [सं०] विभाग करना, विभाजन; रहस्य प्रकट करना, भेद खोलना ।
प्रतिभेद-प्रतिवादिता
प्रवर्ग आदिकी वह इकाई जो गुण, स्वरूप आदि में समस्त जाति या प्रवर्गका प्रतिनिधित्व कर सके या जिससे उस जाति या ढंगकी अन्य वस्तुओंका गुण, स्वरूप आदि जाना जाय; किसी वस्तुका वह थोड़ा अंश जिससे अंशीके गुण, स्वरूप आदिका यथेष्ट परिचय मिल जाय, नमूना, बानगी; चित्र, अनुकृति; प्रतिनिधिः एक दानव । वि० एक ही जैसे रूपवाला; सुंदर; उपयुक्त ।
प्रतिरोध - पु० [सं०] रोक, रुकावट, बाधा; प्रतिबंध; तिरस्कार; डाका; चोरी; घेरा डालना; विरोधी । प्रतिरोधक, प्रतिरोधी ( धिन् ) - वि०, पु० [सं०] प्रतिरोध करनेवाला; रोकनेवाला; डाकू; चोर; घेरा डालनेवाला; विरोधी; बाधा पहुँचानेवाला |
प्रतिभेदन - पु० [सं०] विदीर्ण करना, चीरना- फाड़ना; (आँख आदि) निकाल लेना; विभाग करना । प्रतिमंडल - पु० [सं०] सूर्य आदिके चारों ओरका घेरा, परिवेष |
प्रतिमंत्रित - वि० [सं०] अभिमंत्रित, मंत्र द्वारा पवित्र किया हुआ ।
प्रतिमल - पु० [सं०] कुश्तीका जोड़; वह जो मुकावलेमें लड़े, प्रतियोद्धा ।
|
प्रतिमा - स्त्री० [सं०] मिट्टी आदिकी बनायी हुई देवता आदिकी मूर्ति; पत्थर आदिकी बनी हुई देवताकी मूर्ति जिसकी पूजा की जाती है, अनुकृति; चित्र, तसवीर; प्रति बिंब, परछाई; सादृश्य (समासांत में प्रतिम-सादृश्य के अर्थमें); परिमाण, माप; चिह्न; हाथी के सिरका, दाँतों के बीच का एक भाग । गत- वि० जो प्रतिमा या चित्रमें स्थित हो । पूजा - स्त्री० मूर्तिपूजा । प्रतिमान - पु० [सं०] परछाई; प्रतिमा, प्रतिमूर्ति; चित्र; नमूना; हाथी के कुंभस्थलका निचला भाग; हाथीके दोनों दाँतों के बीच का स्थान; बाट, मापने या योग्यतादिका निर्धारण करनेके लिए स्थिर किया हुआ मानदंड (स्टैंडर्ड); बटखरा; विरोधी, प्रतिद्वंद्वी (वै०); सादृश्य, समता । प्रतिमूर्ति - स्त्री० [सं०] पत्थर, धातु आदिकी बनायी हुई देवता आदिकी मूर्ति; अनुकृति, चित्र, प्रतिमा । प्रतियोगिता - स्त्री० प्रतियोगी होनेका भाव, विरोध, प्रतिद्वंद्विता, छोड़; शत्रुता । - परीक्षा - स्त्री० किसी काम या पदके उम्मेदवारोंकी वह परीक्षा जो उनकी योग्यता की जाँच के लिए ली जाती है और जिसमें उत्तीर्ण होनेवाले उसके लिए चुने जाते हैं ।
प्रतियोगी (गिन् ) - पु० [सं०] विरोधी, शत्रु प्रतिद्वंद्वी, जोड़; बाधक; वह जिसका अभाव हो; वह जिसका किसीसे प्रतिकूल संबंध हो (जैसे-घट घटाभावका प्रतियोगी हैन्या० ) ; हिस्सेदार; वह वस्तु जो किसी अन्य वस्तुपर आश्रित हो । वि० विरोधी; बराबरीका । प्रतियोध, प्रतियोधी ( धिन् ), प्रतियोद्धा ( ट ) - पु० [सं०] मुकाबले में लड़नेवाला, प्रतिद्वंद्वी । प्रतिरक्षण - पु० [सं०] रक्षा, हिफाजत । प्रतिरक्षा - स्त्री० [सं०] (डिफेंस) किसीके आक्रमणसे अपनी रक्षा करनेका कार्य या व्यवस्था; लगाये गये अभियोगसे अपना बचाव करने या अपनी निर्दोषिता दिखानेका प्रयत्न, सफाई । - व्यय - पु० (डिफेंस एक्सपेंडिचर) किसी देशकी प्रतिरक्षा आदि के लिए किया जानेवाला व्यय । प्रतिरथ- पु० [सं०] मुकावलेमें लड़नेवाला, प्रतियोद्धा (रथी)। प्रतिरव-पु० विवाद, झगड़ा; प्रतिध्वनि । प्रतिरुद्ध - वि० [सं०] रोका हुआ, अवरुद्ध; जिसे या जिसमें बाधा पहुँचायी गयी हो; (नगर, दुर्ग आदि) जो घेर लिया गया हो ।
|
प्रतिरूप - पु० [सं०] वह जो रूप या आकृतिमें किसीके समान हो; प्रतिमा, प्रतिमूर्ति (स्पेसिमेन) किसी जाति,
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
प्रतिरोधन- पु० [सं०] प्रतिरोध करनेकी क्रिया । प्रतिरोधित - वि० [सं०] जिसका प्रतिरोध किया गया हो । प्रतिरोपित - वि० [सं०] जो (पौधा) पुनः रोपा गया हो । प्रतिलब्धि-स्त्री० [सं०] ( रिकव्हरी ) किसीको पहले दी हुई ( या खोयी हुई) वस्तु पुनः प्राप्त करना । प्रतिलिपि - स्त्री० [सं०] किसी लिखी हुई चीजकी नकल । प्रतिलिपिक - पु० [सं०] (कॉपीइस्ट) किसी लेख, पत्रादिकी प्रतिलिपि या नकल करनेवाला । प्रतिलिपित - वि० (कॉपीड ) जिसको प्रतिलिपि कर ली गयी हो ।
प्रतिलेखक - पु० [र्स०] (कॉपीइस्ट) दे० 'प्रतिलिपिक' । प्रतिलेखन-पु० [सं०] ( ट्रांसक्रिप्शन ) किसी पत्र, पुस्तक आदि से कोई चीज ज्योंकी त्यों उतारना या फिर उसी तरह लिखना ।
प्रतिलोम - वि० [सं०] विपरीत, उलटा, अनुलोमका उलटा; नीच, अधम अप्रिय; प्रतिकूल; बायाँ । पु० अप्रिय या हानिकर कार्य । - विवाह - पु० ऐसा विवाह जिसमें वर नीच वर्णका हो और कन्या उच्च वर्णको । प्रतिवक्ता (क्तृ) - पु० [सं०] उत्तर देनेवाला; ( कानूनकी ) व्याख्या करनेवाला ।
प्रतिवचन - पु० [सं०] उत्तर, जवाब; प्रतिध्वनि । प्रतिवनिता - स्त्री० [सं०] सौत, सपत्नी । प्रतिवर्ती ( तिनू ) - वि० [सं०] (रिवर्शनरी) (लाभादिकी रकम) जो मृत्यु के बाद प्राप्य हो; जो उत्तराधिकार के रूप में भोग्य हो । - अधिलाभांश- पु० (रिवर्शनरी बोनस ) बीमा पत्रक आदिपर मिलनेवाला वह अभिलाभांश ( बोनस ) जो मृत्यु के बाद ही उसके उत्तराधिकारियोंको प्राप्त हो सके ।
प्रतिवस्तु-स्त्री० [सं०] वह वस्तु जो रूप आदिमें किसी वस्तु के समान हो, सदृश वस्तु; किसी वस्तुके बदले दी जानेवाली वस्तु; उपमान । प्रतिवस्तूपमा स्त्री० [सं०] एक अर्थालंकार जहाँ उपमेय और उपमान वाक्य में एक ही साधारण धर्म, शब्दभेदसे, कहा जाय ।
प्रतिवाक्य - पु० [सं०] उत्तर, जवाब | वि०उत्तर देने योग्य | प्रतिवाद - पु० [सं०] वादीकी बात के विरोध में कही जानेवाली बात, वादीकी बातका उत्तर; विरोध, खंडन । प्रतिवादिता - स्त्री० [सं०] प्रतिवादीका भाव या कार्यं ।
For Private and Personal Use Only