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"पुषा
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संधना-संपृक्त झुंडका); राशिः प्राचुर्य ।
संपरीक्षण-पु० [सं०] (स्क्रटिनी) किसी लेख, मनोसंधना*-अ० कि.मिलना, संयुक्त होना।
नयनपत्र, कार्य आदिकी सूक्ष्म जाँच कर यह देखना कि संधाता-पु०[सं०] (वेल्डर) लोहे आदिके पदार्थों, टुकड़ोंको वह ठीक और नियमानुरूप है या नहीं। जोड़नेवाला; विष्णु।
संपर्क-पु० [सं०] संयोग, लगाव; स्पर्श; मैथुन । -पदासंधान-पु. [सं०] मिलाना, जोड़ना; योगसंघटन; धिकारी(रिन्)-पु. (लियेजाँ आफिसर) मित्र देशकी सुधार; निशाना लगाना; लक्ष्य-'एक पंथ और एक सेनाओंमें या सरकार और प्रजाजनों में परस्पर संबंध संधाना'-प०, संधि; ध्यान; दिशा; सँभालना; मदिरा | स्थापित करनेवाला पदाधिकारी, ग्रथनाधिकारी। चुलाना पीनेकी इच्छा उत्तेजित करनेवाली चटपटी चीजें | | संपा-स्त्री० [सं०] बिजली (दास०); साथ पान करना। अचार आदि; सीमा; घावका भरना; मैत्री, दोस्ती; अनु- संपात-पु० [सं०] एक साथ गिरना या मिलना; भिड़त, भूति; काँजी; काँसा; अन्वेषण ।
टक्कर वह स्थान जहाँ एक रेखा दूसरीसे मिले या काटकर संधानना-सक्रि० बाण चढ़ाना, निशाना लगाना; आगे बढ़ जाय; संगम । चलानेके लिए कोई अस्त्र ठीक करना ।
संपाती (तिन्)-वि० [सं०] एक संग कूदने, झपटनेसंधाना-पु० अचार-'पुनि संधाने आये बसौंधे'-प० । वाला; एक साथ उड़नेवाला; उड़नेमें होड़ करनेवाला । संधानित-वि० [सं०] जोड़ा हुआ, मिलाया हुआ; बद्ध । पु० एक पौराणिक पक्षी, संपातिएक राक्षस । संधि-स्त्री० [सं०] संयोग, मेल, संबंध; समझौता सुलहा संपादक-वि० [सं०] प्रस्तुत करनेवाला; पूरा करनेवाला । दोस्ती; शरीरका जोड़ सुरंग, छेद, दरार; सेंध; विभाग, | पु. वह व्यक्ति जो दूसरेकी रचना शुद्ध कर प्रकाशनके पार्थक्य; दो शब्दोंके साथ-साथ आनेपर एकके अंतिम | योग्य बनाता या सामयिक, दैनिक आदि पत्रका संपादन
और दूसरेके प्रथम वर्णके मिलनेसे होनेवाला विकार, | संचालन करता है। संहिता; अवकाश, विराम परिवर्तनकाल; शुभ अवसर संपादकीय-वि० [सं०] संपादक-संबंधी। पु० पत्रका वह नाटककी पाँचों अवस्थाओंको मिलानेवाले स्थल, मुखसंधि लेख, टिप्पणी आदिवाला अंश जो स्वयं संपादकका आदि तारुण्य, कैशोर आदि अवस्थाओंका योगा-कुशल लिखा हो। -वि० मैत्री स्थापनमें चतुर । -चोर,-चौर,-तस्कर- संपादन-पु०[सं०] पूरा करना; प्रस्तुत करना; क्रम आदि पु० सेंध लगाकर चोरी करनेवाला । -भंग-पु० किसी ठीक करना; ग्रंथादि शुद्ध कर प्रकाशनके योग्य बनाना; जोड़का संबंध छूट जाना; सुलहकी शर्ते तोड़ देना।- सामयिक या दैनिक पत्र विषय आदिकी दृष्टिसे ठीक विग्रहक,-विग्रहिक-पु० संधि और युद्धका निर्णायक करना और उसका संचालन करना । -कला-स्त्री० पत्र, मंत्री। -विच्छेद-पु० समझौता तोड़ना या टूटना पुस्तके आदि संपादित करनेकी विशेष कला । व्याकरणमें संधि-गत शब्दोंको अलग-अलग करना। संपादना-सक्रि० पूरा करना, ठीक करना-'विविध संधेय-वि० [सं०] जोड़ने, मिलाने योग्य; शांत करने अन्न संपति संपादहु'-रघु० । योग्य; जिससे संधि की जा सके।
संपादित-वि० [सं०] निष्पन्न, पूरा किया हुआ; प्रस्तुत, संध्या-स्त्री० [सं०] योग, मेल; सुबह, दुपहरी या शामका तैयार किया हुआ; ठीक कर प्रकाशनके योग्य बनाया वह समय जब दिनके भागोंका मेल होता है। इन समयों-| हुआ (ग्रंथादि)। पर किये जानेवाले धार्मिक कृत्य; दो युगोंके बीचका संपालक-पु० [सं०] (कस्टोडियन) दे० 'अभिरक्षक' । समय: साँझ, शाम; ब्रह्माकी पुत्री सूर्यकी स्त्री ।-कार्य-संपीडन-पु० [सं०] दबाना; निचोड़ना; प्रेषणः क्षुब्ध पु० संध्योपासन ।-राग-पु० शामकी लालिमा; शामको | करना; कष्ट देना। . गाया जानेवाला राग (शामकल्याण)। -वंदन-पु० संपुट-पु० [सं०] कटोरे जैसी कोई वस्तु; दोना; अंजली संध्योपासन ।
रसादि फूंकनेका मिट्टीका बना हुआ पात्र; रत्न-मंजूषा संध्योपासन-पु० [सं०] संध्याके समय की जानेवाली गोलार्द्ध * धुंघरू-'नाचे तदपि घरीक लौं, संपुट पगन पूजा आदि।
बजाई'-छत्र० । * वि०बंद-'घोष सरोज भये है संपुट संन्यास-पु० [सं०] दे० 'सन्न्यास' ।
दिनमणि हबिगसाओ-भ्र। संन्यासी(सिन)-वि०, पु० [सं०] दे० 'सन्न्यासी'। संपुटी-स्त्री० प्याली, छोटी कटोरी या तश्तरी।। संपति*-स्त्री० दे० 'संपत्ति' ।
संपुष्टि स्त्री० [सं०] (कॉरोबोरेशन) किसीके कथन, वक्तव्यकी संपत्ति-स्त्री० [सं०] समृद्धि, संपन्न स्थिति; ऐश्वर्य; धन, अन्य सूत्रोंसे पुष्टि हो जाना। जायदाद; सिद्धि बहुतायत, प्राचुर्य । -दान-पु० धन-संपूज्य-वि० [सं०] बहुत आदरणीय ।। संपत्तिका दान; भूमिहीनोंको भूमि दिलानेके आंदोलनकी संपूर्ण-वि० [सं०] पूरे तौरसे भरा हुआ, युक्त, भरा-पूरा सफलताके लिए धन-संपत्तिका दान देकर सहयोग करना। सारा अत्यधिक, अतिशय पूरा किया हुआ, संपन्न । पु० संपदा-स्त्री. धन-संपत्ति, ऐश्वर्य ।
रागकी वह जाति जिसमें सातों स्वर लगते हैं। संपद-स्त्री० [सं०] सफलता, सिद्धि; संपत्ति, धन, समृद्धि | संपूर्णतः (तस), संपूर्णतया-अ० [सं०] पूर्ण रूपसे,
सौभाग्य; बाहुल्या कोष,खजाना; सद्गुणोंकी वृद्धि सौदर्य। | अच्छी तरह। संपन्न-वि० [सं०] उन्नतिशील; धनी; कृतकाम; साधित, | संपृक्त-वि० [सं०] मिश्रित, मिला हुआ; संयुक्त संबद्ध । पूरा किया हुआ; पूर्ण प्राप्त, लब्ध;"से युक्त । | -द्रावण-पु० ( सैचुरेटेड सॉल्यूशन) वह द्रावण या
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