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प्राव्रज्य-प्रेत
५२८ प्राव्रज्य-पु० [सं०] दे० 'प्रावाज्य' ।
| प्रीणन-पु० [सं०] प्रसन्न करना; प्रसन्न करनेवाला । प्राशन-पु० [सं०] खाना खिलाना; भोजन; चखना प्रीणित-वि० [सं०] प्रसन्न; संतुष्ट । (अन्नप्राशन)।
प्रीत-वि० [सं०] प्रीतियुक्ता प्रसन्न, हृष्ट । * श्री प्रेम, प्राश्निक-पु० [सं०] प्रश्न करनेवाला, प्रश्नकर्ताः (पेपर | प्रोति। सेटर ) छात्रोंकी किसी परीक्षाके लिए किसी विषयके प्रश्न | श्रीतम-पु० प्रियतम, पति, स्वामी; किसी नायिकाका छाँटने या चुननेवाला, प्रश्नपत्र तैयार करनेवाला; प्रेमिक, आशिक । पंच, मध्यस्थ ।
प्रीति-स्त्री० [सं०] हर्ष, प्रसन्नता, आमोद; तृप्तिः प्रेम, प्रासंगिक-वि० [सं०] जिसका प्रसंग हो, प्रसंगप्राप्त; प्यार; कृपा, कामदेवकी एक पत्नी; विष्कुंभ आदि २७ प्रसंगोचित संयोगसे होने या आ जानेवाला।
योगोंमेंसे दूसरा योग (फ० ज्यो०)। -कर-वि० हर्ष प्रासविक विज्ञान-पु० [सं०] गर्भवती नारियोंको प्रसव | या प्रेम उत्पन्न करनेवाला। -कर्म(न)-पु. प्रेमकरानेकी कलाका विवेचन करनेवाला विज्ञान ।
पूर्ण कार्य, मैत्रीपूर्ण कार्य । -कारक,-कारी(रिन)प्रासाद-पु० [सं०] राजभवन, महल; देवालयः विशाल वि०दे० 'प्रीतिकर'।-दत्त-वि० प्रीतिपूर्वक दिया हुआ। भवन, आलीशान इमारत ।
पु० वह धन जो कन्याको विवाहमें माता, पिता आदिसे प्रासादिक-वि० [सं०] कृपायुक्त, अनुकूल; सुंदर; जो मिले ।-दान,-दाय-पु० प्रेमवश दिया हुआ पदार्थ या प्रसादके रूपमें दिया जाय ।
द्रव्य, प्रेमोपहार । -धन-पु०प्रेमवश दिया हुआ धन । प्रासादीय-वि० [सं०] प्रासाद-संबंधी; प्रासादका। -पात्र-पु. वह जिसके प्रति प्रेम हो, प्रेमभाजन । प्रासूतिक-वि० [सं०] प्रसूति-संबंधी।
-भोज-पु. वह भोज जिसमें मित्र तथा सगे-संबंधी प्रास्ताविक-वि० [सं०] प्रस्तावक रूपमें काम आनेवाला; सद्भावसे सम्मिलित हों (आधु०)।-वद्धन, वर्धन-पु० प्रसंगोचित समयोचित ।
विष्णु । वि० प्रीति बढ़ानेवाला। -वाद-पु० मैत्रीपूर्ण प्रास्थानिक-वि० [सं०] जो प्रस्थानके समय आवश्यक वाद । -विवाह-पु० प्रेम-संबंधके कारण होनेवाला या उचित हो।
विवाह । -सम्मेलन-पु० (सोशल गैदरिंग) विद्यालय प्रिंसिपल-पु० [अं०] किसी कालेज या बड़े विद्यालयका आदिके वार्षिकोत्सबके समय नये-पुराने छात्रोका एकत्र सर्वोच्च अध्यापक या अधिकारी; वह धन जो सूदपर दिया होकर एक दूसरेसे मिलना, साथ खेलना, जलपान, गया हो, मूल धन।
नाटकादिमें सम्मिलित होना, स्नेह-सम्मेलन ।-स्निग्धप्रिथिमी*-स्त्री० पृथ्वी, धरती।
वि० प्रेमके कारण आर्द्र (आँखें)। प्रियंकर-वि० [सं०] प्रसन्नकारक ।
प्रीत्यर्थ-अ० [सं०] प्रसन्नताके लिए, प्रसन्न करनेके लिए। प्रियंवद-वि० [सं०] प्रिय बोलनेवाला।
प्रफ-पु० [अं०] प्रमाण, सबूत; किसी छपनेवाली वस्तुका प्रिय-वि० [सं०] जिसके प्रति प्रेम हो, प्यारा; अच्छा वह नमूना जो उसकी छपाईके पहले अशुद्धियाँ ठीक करने लगनेवाला; जो छोड़ा न जा सके; मनोहर । पु० पति के लिए तैयार किया जाता है; वस्तुविशेषके प्रभावसे प्रेमी; अच्छी लगनेवाली बात; हित । -कांक्षी- वचनेका साधन, वस्तुविशेषका प्रतिरोधक (जैसे-'वाटर(क्षिन् )-वि० भला चाहनेवाला। -कारक,-कारी- प्रूफ')।-रीडर-पु० प्रूफकी अशुद्धियाँ ठीक करनेवाला । (रिन्)-वि० हित करनेवाला । पु० मित्र । -जन- प्रखण-पु० [सं०] झूलनेकी क्रिया, झूलना; झूला। पु० स्नेहपात्र व्यक्ति; सगा-संबंधी। -दर्शन-वि० जो प्रेखित-वि० [सं०] कंपित; झूला हुआ । देखने में भला लगे, सुदर्शन, सुंदर । पु० तोता। -दर्शी- प्रेक्षक-पु० [सं०] देखनेवाला, दर्शक । (शिन्)-वि० सबको स्नेहकी दृष्टिसे देखनेवाला । पु० प्रेक्षण-पु० [सं०] देखनकी क्रिया, देखना; आँख । सम्राट अशोकका एक नाम । -पात्र-पु० प्रेमका अधि- प्रेक्षणक-पु० [सं०] तमाशा देखनेवाला। कारी। -भाव-पु० प्रेम ।-भाषी(पिन)-वि०प्रिय प्रेक्षणीय-वि० [सं०] देखने योग्य; सुंदर दृष्टिगोचर । बोलनेवाला, मीठी बात कहनेवाला। -वचन-पु० प्रेक्षा-स्त्री० [सं०] देखना; दृश्य किसी बातकी अच्छाई अच्छी लगनेवाली बात, मधुर वचन । वि० मधुसी मीठी । और बुराईका विवेक; किसी प्रकारका अभिनय, तमाशा बात कहनेवाला, मधुरभाषी। -वादी(दिन)-पु० आदि। -कारी (रिन्)-वि० सोच-समझकर काम : प्रिय बोलनेवाला, मधुर-भाषी चापलूस ।
करनेवाला । -गृह,-स्थान-पु० राजाओंका मंत्रणाप्रियतम-वि० [सं०] सबसे अधिक प्यारा । पु० पति, गृह रंगशाला । स्वामी प्रेमी, आशिक ।
प्रेक्षागार-पु० [सं०] दे० 'प्रेक्षागृह' । प्रियतमा-वि० स्त्री० [सं०] सबसे अधिक प्यारी। स्त्री० प्रेक्षावान (वत्)-वि० [सं०] सोच-समझकर काम पत्नी प्रेमिका, माशूका ।
करनेवाला, चतुर । प्रियता-स्त्री०, प्रियस्व-पु०[सं०] प्रिय होनेका भाव; प्रेम । प्रेक्षित-वि० [सं०] देखा हुआ। प्रिया-स्त्री० [सं०] पत्नी, भार्या प्रेमिका; स्त्री, नारी। प्रेक्षिता (तृ)-पु० [सं०] देखनेवाला, दर्शक । प्रियाल-पु०[सं०] चिरोंजीका पेड़ या फल, पियाल । प्रेक्षी(क्षिन्)-वि० [सं०] देखनेवाला गौरसे देखनेवाला। प्रियाला-स्त्री० [सं०] दाख ।
प्रेक्ष्य-वि० [सं०] दे० 'प्रेक्षणीय' । प्रियोक्ति-स्त्री० [सं०] चापलूसीकी बात, चाटु-वाक्य । प्रेत-वि० [सं०] मरा हुआ, मृत । पु० मृतात्मा; वह योनि
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